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पेट्रोल-डीजल और LPG के दाम बढ़ने के ये सिग्नल आपको पहले ही दिख जाने चाहिए थे?

पेट्रोल-डीजल पर 4 महीने बाद तो घरेलू LPG सिलेंडर पर 5 महीने बाद बढे दाम

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मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स घटाया है लेकिन यह 2014 की तुलना में अब भी कहीं बहुत ज्यादा है.
(फाइल फोटो: आजतक)
22 मार्च 2022 (Updated: 22 मार्च 2022, 06:05 IST)
Updated: 22 मार्च 2022 06:05 IST
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पेट्रोल और डीजल के दामों में 137 दिनों बाद बढ़ोत्तरी कर दी गई है. पेट्रोल-डीजल के दामों में 80 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है. इस बढ़ोत्तरी के बाद मंगलवार, 22 मार्च को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत (Petrol Price Delhi) 96.21 रुपए और डीजल (Diesel Price Delhi) की कीमत 87.47 रुपए हो गई है.
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने घरेलू गैस सिलेंडर (LPG Cylinder) के दाम भी बढ़ा दिए हैं. 14.2 किलोग्राम वाला घरेलू एलपीजी सिलेंडर (LPG Cylinder) मंगलवार से 50 रुपए महंगा हो गया है. इस बढ़ोत्तरी के बाद दिल्ली में घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत बढ़कर 949.5 रुपए हो गई है. इससे पहले घरेलू एलपीजी सिलेंडर के रेट 6 अक्टूबर 2021 को बढ़े थे. बंगाल चुनाव के बाद 2 महीने में हुई थी भारी बढ़ोत्तरी पिछली बार पेट्रोल और डीजल के दामों में 04 नवंबर, 2021 को वृद्धि की गई थी, यानी अब चार महीने बाद इनके दामों को बढ़ाया गया है. साल 2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही थी. लेकिन बंगाल चुनाव के दौरान यानी मार्च और अप्रैल 2021 में डीजल पेट्रोल के दामों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई. 2 मई, 2021 को पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजे आते ही पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी शुरू हो गई. यह बढ़ोत्तरी कई महीनों तक जारी रही. देखते ही देखते नवंबर 2021 तक पेट्रोल के दाम 100 रुपए से भी ऊपर पहुंच गए. सितंबर से नवंबर 2021 के बीच पेट्रोल के दाम 8.15 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दाम 9.45 रुपए प्रति लीटर बढ़ गए. बवाल होने पर सरकार ने दिया था तोहफा पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी बढ़ोत्तरी को लेकर विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाया. इस दौरान यह भी कहा गया कि
2014 में जब नरेंद्र मोदी पीएम बने थे, तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल से भी ज्यादा थी, लेकिन फिर भी देश में उस वक्त पेट्रोल 71 रुपए और डीजल 56 रुपए लीटर ही बिक रहा था. विपक्ष का कहना था कि अब नवंबर 2021 में जब वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम लगभग 82 डॉलर प्रति बैरल हैं, तब भारत में पेट्रोल 103 रुपए और डीजल 86 रुपए से ज्यादा महंगा बिक रहा है. विपक्ष ने सरकार पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर पैसे कमाने का आरोप लगाया. इन आरोपों के बीच मोदी सरकार ने दिवाली से एक दिन पहले 3 नवंबर, 2021 को पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी घटा दी. इसके अलावा कई राज्यों ने भी पेट्रोल और डीजल पर पांच से दस रुपए तक वैट घटाने की घोषणा कर दी.
5 के फैसले के बाद पेट्रोल की कीमत में 10 रुपए और डीजल की कीमत में 13 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि इसका असर आम लोगों की जेब पर नहीं पड़ेगा. (फोटो-पीटीआई)
(फोटो-पीटीआई)
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भी क्यों नहीं बढे दाम? देश में नवंबर, 2021 से लेकर 21 मार्च, 2022 तक पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रहे. इस दौरान ही जनवरी 2022 से पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों का बिगुल बजा. माना जाता है कि जनवरी से लेकर मध्य मार्च तक इन चुनावों की वजह से ही पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई. इस दौरान ही 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं. मार्च के पहले हफ्ते में कच्चे तेल की कीमत कई बार 110 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंची, जोकि पिछले सात सालों में सबसे अधिक थी. लेकिन, इसके बावजूद भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ. हालांकि, इस दौरान इस बात की प्रबल संभावना जताई जाने लगी कि पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने के बाद देश में पेट्रोल-डीजल के रेट्स में बढ़ोतरी हो सकती है. 10 मार्च को 5 राज्यों के चुनाव नतीजे आने के 10 दिन बाद सोमवार, 21 मार्च को ऑयल कंपनियों ने थोक के खरीदारों के लिए डीजल की कीमतों में 25 रुपए का इजाफा कर दिया. इसके अगले ही दिन यानी 22 मार्च को आम ग्राहकों के लिए भी पेट्रोल-डीजल और एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए गए. 2 सालों में साढ़े 7 लाख करोड़ की कमाई केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर अब तक पेट्रोल-डीजल पर लगाए गए टैक्स से 7.6 लाख करोड़ रुपये की कमाई की. फरवरी, 2022 में सरकार ने खुद संसद में इस बात की जानकारी दी. CPI के राज्यसभा सांसद इलावरम करीम ने इस संबंध में कुछ सवाल पूछे थे. राज्य सभा की वेबसाइट से मिले दस्तावेज के मुताबिक करीम ने पूछा था कि पिछले दो साल में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को कितनी बार बढ़ाया गया और इससे सरकार को कितनी कमाई हुई. जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने बताया,
वित्त वर्ष 2019-20 में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाने से केंद्र सरकार को 2,23,057 करोड़ रुपये की कमाई हुई. वित्त वर्ष 2020-21 में इस टैक्स से 3,72,970 करोड़ रुपये की कमाई हुई. वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में इस टैक्स से सरकार को 1,70,894 करोड़ रुपये मिले.



वीडियो देखें | Petrol-Diesel के रेट बढ़ने में Oil Companies और सरकार का कितना रोल

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