प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 जुलाई को पंजाब के मुक्तसर में कृषि कल्याण रैली को संबोधित करने पहुंचे. इस रैली में पंजाब के पूर्व सीएम परकाश सिंह बादल के अलावा हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल भी मौजूद थीं. मोदी ने अपने भाषण में NDA सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कांग्रेस पर खूब निशाना साधा. मोदी का ज़्यादातर फोकस फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य में हुई बढ़ोतरी पर रहा. उन्होंने ढेर सारे आंकड़े गिनाते हुए दावा किया कि उनकी चार साल की सरकार में किसानों की हालत पिछली सरकार के मुकाबले बहुत सुधरी है. पढ़िए भाषण की मुख्य बातें:
– कांग्रेस ने 70 सालों में किसानों की मेहनत की कभी इज्ज़त नहीं की. किसानों से सिर्फ वादे किए गए, लेकिन चिंता सिर्फ एक ही परिवार की की गई.

– इतने बरसों तक किसानों को लागत के सिर्फ 10% लाभ तक सीमित रखा गया. लेकिन NDA सरकार ये स्थिति बदलने में जुटी है. सीमा पर खड़ा जवान हो या खेत में खड़ा किसान, इस सरकार ने दोनों का स्वाभिमान बढ़ाया है.
– हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन और MSP का वादा निभाया. जिन्हें 70 सालों से किसानों का हक देने की फुर्सत नहीं थी, अब वो किसानों को गुमराह कर रहे हैं.
– हमने समर्थन मूल्य डेढ़ गुना तक बढ़ाया है. खरीफ की 14 फसलों का MSP 200 से 1800 रुपए तक बढ़ाया गय़ा है. कपास और धान के MSP में सीधे 200 रुपए की बढ़ोतरी की गई है. मक्का पर 275, बाजरे पर 525, धान पर 500 और कपास पर 1120 रुपए बढ़ाए गए.
– हमने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की योजना बनाई और 4 साल से इसी दिशा में प्रयार हो रहे हैं. सॉइल हेल्थ कार्ड योजना इसी का हिस्सा है. 15 करोड़ किसानों को ये कार्ड दिए जा चुके हैं और पंजाब के लाखों किसानों का इसका लाभ मिला.
– पिछली सरकार ने मिट्टी की जांच के लिए सिर्फ 40-45 लैब बनाई थीं, लेकिन हमने देशभर में 9,000 से ज़्यादा जांच केंद्रों को मंजूरी दी. कांग्रेस ने सिर्फ 50-55 करोड़ खर्चे, लेकिन हमने 22 गुना ज़्यादा यानी करीब 1200 करोड़ का निवेश किया.
– पहले किसानों को यूरिया के लिए लाठियां खानी पड़ती थीं, लेकिन हमने इसकी 100% नीम कोटिंग करके कालाबाजारी रोकी. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 25 लाख हेक्टेयर से ज़्यादा ज़मीन माइक्रो-इरिगेशन के दायरे में लाई गई है.
– हमने इंटरनेट पर फसल बेचने की व्यवस्था की है. इसके तहत देशभर में 600 से ज़्यादा मंडियां शामिल की गई हैं, जिनमें 19 पंजाब की हैं. इससे घर बैठे मोबाइल पर फसल बेची जा सकती है और किसान बिचौलियों से बच जाएगा.
– किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हमने पारंपरिक खेती के अलावा मधुमक्खी और मछली पालन, दुग्ध उत्पादन वगैरह पर भी ध्यान दिया. नतीजा ये हुआ कि UPA के मुकाबले पिछले चार सालों में 21% ज़्यादा दूध और 30% ज़्यादा शहद उत्पादन हुआ.
– पराली जलाने की समस्या के लिए 50 करोड़ से ज़्यादा का बजट रखा गया है, जिसका आधा पंजाब के ललिए है. पराली के लिए जो मशीनें चाहिए, उसे खरीदने में सरकार 50% की मदद कर रही है. एक अनुमान के मुताबिक पराली को जलाने के बजाय खेत में मिलाने से ज़मीन उपजाऊ होती है और खाद के खर्च पर प्रति हेक्टेयर 2,000 रुपए की बचत होती है.
– 60 लाख से ज़्यादा जनधन खाते खुल चुके हैं. उज्ज्वला के तहत 7.50 लाख फ्री गैस कनेक्शन मिल चुके हैं. मुद्रा योजना से 23.50 लाख लोगों को बिना गारंटी कर्ज मिल चुका है, जिसमें 13 लाख से ज़्यादा पंजाब के लोग हैं. 40 लाख लोग जीवन ज्योति और सुरक्षा बीमा योजना से जुड़े हैं, जिन्हें 50 करोड़ रुपए तक का क्लेम मिल भी चुका है.
– भारत में ईज़ ऑफ बिजनेस की वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में हरियाणा लंबी छलांग लगाकर तीसरे नंबर पर पहुंच गया, लेकिन पंजाब पिछड़ गया. यहां की सरकार से पूछो कि बादल साहब जिस हालत में छोड़ गए थे, इतने कम वक्त में उससे बुरी हालत कैसे हो गई.
ये भी पढ़ें:
पीएम मोदी ने फसलों के दाम 200 से 1827 रुपये तक बढ़ा दिए हैं
पीएम मोदी के इस फैसले के बाद धान की खेती करने वाले किसान खुश हो जाएंगे
क्या होता है MSP, जिसके लिए देश के किसानों ने ‘गांवबंद’ किया है?
क्यों कई राज्यों के किसान फिर से दूध और सब्जियां सड़कों पर फेंक रहे हैं?