धोनी के टेस्ट रिटायरमेंट की ये स्टोरी कम ही लोग जानते होंगे!
जब ड्रेसिंग रूम में सनसनी फैल गई.
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महेंद्र सिंह धोनी और उनके फैसले. अक्सर ही चर्चा बटोरते हैं. कप्तानी की शुरुआत में ही धोनी ने इंडिया को T20 वर्ल्ड कप जिताया. और इस जीत के दौरान उन्होंने एक बार बॉलआउट में बल्लेबाजों से बोलिंग कराई. और फिर फाइनल में आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा को थमा दिया. कहने का अर्थ ये है कि धोनी जो करते हैं वो बस धोनी ही जानते हैं.
अपने करियर में उन्होंने कई बार ऐसे कारनामे किए जिन पर भरोसा कर पाना बहुत मुश्किल है. लेकिन धोनी तो धोनी हैं, सालों से ऐसे कारनामे किए ही जा रहे हैं. और उनके इन आश्चर्यचकित करने वाले कारनामों में सबसे लेटेस्ट आया इसी साल, जब उन्होंने CSK को IPL चैंपियन बना दिया. IPL2020 से सबसे पहले बाहर होने वाली धोनी की टीम ने गजब की वापसी की.
# Dhoni Retirement
लेकिन इन तमाम फैसलों के बीच एक फैसला ऐसा भी है जिसने धोनी के साथियों को सबसे ज्यादा हैरान किया होगा. साल 2014 में उनका टेस्ट से संन्यास लेने का फैसला. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ड्रॉ पर छूटे बॉक्सिंग डे टेस्ट के बाद BCCI ने एक प्रेस रिलीज जारी की. इसमें लिखा था,
'महेंद्र सिंह धोनी टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हो गए.'और इस रिलीज के आते ही लोग हैरान रह गए. सिर्फ 33 साल की उम्र में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया. हालांकि ऐसा नहीं है कि इस फैसले से सिर्फ बाहर बैठे लोगों को हैरानी हुई. टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री की मानें तो इस फैसले ने टीम इंडिया से जुड़े लोगों को भी चौंका दिया था. उस वक्त टीम इंडिया के डायरेक्टर रहे शास्त्री ने स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा,
'यह एक सरप्राइज था. वह मेरे पास आया और बोला- मैं लड़कों से कुछ कहना चाहता हूं. मैंने कहा- ठीक है. दरअसल मुझे लगा कि वह ड्रॉ के बारे में कुछ बात करना चाहते होंगे. वह आए. और मैंने ड्रेसिंग रूम में सबके चेहरे देखे. धोनी की घोषणा के बाद ज्यादातर लड़के हैरान थे. लेकिन MS तो ऐसे ही हैं.वह इस घोषणा के लिए सही वक्त खोज रहे थे. उन्हें पता था कि उनका शरीर कितना झेल सकता है और वह अपने व्हाइट बॉल करियर को आगे बढ़ाना चाहते थे. जब आपका शरीर कहता है कि बस, बहुत हुआ तो वहां फिर कोई दूसरी राय नहीं हो सकती.'बता दें कि टेस्ट से रिटायरमेंट के वक्त धोनी भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान थे. उन्होंने 60 टेस्ट मैचों में 27 जीते थे. धोनी का यह रिकॉर्ड सात साल तक बरक़रार रहा. बाद में इसे विराट कोहली ने तोड़ा. शास्त्री ने यह भी कहा कि रिटायर होते वक्त धोनी को पता था कि विराट कोहली टीम इंडिया को आगे ले जाने के लिए उपयुक्त व्यक्ति हैं.