मेरठ : कुर्सी की चाह में प्रोफेसर और प्रेमी ने किया था घटिया काम? पुलिस ने बताई पूरी कहानी
पकड़े जाने की बारी आते ही महिला हुई फरार!
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के वेटनरी कॉलेज के डीन राजवीर सिंह को गोली मारने के मामले में नया ट्विस्ट सामने आया है. इस मामले में मेरठ पुलिस ने खुलासा किया है कि डीन बनने के लालच में वेटनरी कॉलेज की ही एक महिला प्रोफेसर ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर राजवीर सिंह की हत्या की साजिश रची थी. जिसके बाद उधम सिंह गैंग के शूटरों को 5 लाख रुपये की सुपारी दी गई. हत्या की फुलप्रूफ प्लानिंग भी की गई, लेकिन गोली लगने के बावजूद राजवीर सिंह बच गए, फिलहाल मेरठ के ही एक निजी अस्पताल में उनका इलाज जारी है.
मामला क्या है?
घटना 11 मार्च की है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दिन शाम के वक़्त सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के वेटनरी कॉलेज के डीन राजवीर सिंह अपनी कार से घर जाने के लिए निकले. कुछ दूर जाने पर ही दो बाइक सवार बदमाशों ने डीन का पीछा करना शुरू कर दिया, दोनों ने हेलमेट पहना हुआ था. कंकरखेड़ा चौराहे पर लगे सीसीटीवी में डीन की कार का पीछा करते हुए दोनों की फुटेज भी बरामद हुई है. शाम करीब 5 बजे जैसे ही डीन मोदीपुरम के पबरसा मोड़ पर पहुंचे बदमाशों ने डीन को रोक लिया और उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं. आनफनन में उन्हें एक निजी अस्पताल न्यूट्रिमा में भर्ती कराया गया. पुलिस के मुताबिक फिलहाल डीन खतरे से बाहर हैं और उनका इलाज जारी है.
महिला प्रोफेसर ने रची थी साजिश
मेरठ के SSP प्रभाकर चौधरी ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने इस मामले की जांच की और पाया कि पूरी घटना को एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया था. साजिश रचने वाली कॉलेज की ही एक प्रोफेसर आरती भटेले है. आरती ने अपने प्रेमी अनिल बालियान के साथ मिलकर डीन पर हमले का प्लान बनाया था. अनिल बालियान एक बिल्डर है. पुलिस के मुताबिक अनिल की भी डीन राजवीर सिंह से रंजिश थी क्योंकि अनिल को ये लगता था कि राजवीर सिंह ने उसकी पत्नी को उसके और आरती के रिश्ते के बारे में बता दिया था, जिसके बाद अनिल की पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी. वहीं आरती भटेले खुद डीन बनना चाहती थीं, और राजवीर को डीन के पद के योग्य नहीं मानती थी.
पुलिस के मुताबिक, आरती भटेले और अनिल बालियान ने रेकी करने से लेकर खुद को बचाने की पहले से ही प्लानिंग की थी. वारदात के समय आरोपी महिला प्रोफेसर और उसका प्रेमी एक मॉल में शॉपिंग करने पहुंच गए ताकि किसी को उनपर हत्या का शक ना हो. आरती और अनिल ने प्लान बनाने में मुनेंद्र बाना की मदद ली. मुनेंद्र अनिल का पड़ोसी है. मुनेंद्र ने अपने साले और उधम सिंह गैंग के शूटर आशु चड्ढा को हत्या की सुपारी दिलाई. आशु ने हापुड़ निवासी नदीम के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया. आशु के खिलाफ 22 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से कई मर्डर के मामले भी हैं.
आरोपी मुनेद्र बाना (बाएं), आशु चड्ढा (बीच में), अनिल बालियन (दाएं)
पुलिस ने क्या कहा? मेरठ के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने मीडिया को बताया कि घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी की मदद से पुलिस ने अपनी जांच शुरू की. अबतक अनिल, मुनेंद्र बाना और शूटर आशु चड्ढा को गिरफ्तार कर लिया गया है, वहीं मुख्य साजिशकर्ता आरती और दूसरा हमलावर नदीम अभी भी फरार है. दोनों की तलाश जारी है. एसएसपी ने बताया,
"डीन राजवीर सिंह पर हमला करने के लिए अनिल और आरती ने आशु चड्ढा को 5 लाख की सुपारी दी थी, जिसमें से 1 लाख एड्वांस में दिए गए और 4 लाख बाद में दिए गए. राजवीर सिंह की रेकी में इस्तेमाल हुई सफेद स्कॉर्पियो कार को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है. रेकी के दौरान अनिल, आशु और नदीम सवार थे. साथ ही हमले के लिए अनिल ने अपनी गन भी दी थी, लेकिन इसका इस्तेमाल हमले में नहीं किया गया है. पुलिस टीम ने फिरौती की 4 लाख की रकम भी जब्त कर ली है. पकड़े जाने के डर से आरती भटेले ने कॉलेज से छुट्टी ले ली है. उनकी तलाश जारी है."
आरोपियों से बरामद के हथियार और नकदी
आशु चड्ढा 9 फरवरी को डासना जेल से छूटकर आया है. पुलिस के मुताबिक डीन को मारने की प्लानिंग करीब 3 महीने पहले से की जा रही थी. वारदात के बाद पुलिस किसी को पकड़ ना पाए इसलिए सभी आरोपियों ने आपस में फोन पर बातचीत कम कर दी थी और केवल व्हाट्सएप कॉल की जा रही थी. पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल हुआ एक तमंचा, एक 30 बोर की पिस्टल, 9 मैगजीन, 63 कारतूस, एक स्पलेंडर बाइक, सुपारी के लिए दी गई चार लाख की नकदी, एक स्कार्पियो गाड़ी, छह मोबाइल फोन और एक वाईफाई डिवाइस बरामद की है.