The Lallantop
Advertisement

मालेगांव ब्लास्ट केस के गवाह ने योगी आदित्यनाथ का नाम लेकर बड़ा दावा कर दिया

विशेष एनआईए अदालत में क्या बयान दिया इस गवाह ने?

Advertisement
Img The Lallantop
(बाएं) मालेगांव ब्लास्ट की पुरानी तस्वीर, (दाएं) योगी आदित्यनाथ. (साभार- पीटीआई)
28 दिसंबर 2021 (Updated: 28 दिसंबर 2021, 18:30 IST)
Updated: 28 दिसंबर 2021 18:30 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले के एक गवाह ने योगी आदित्यनाथ को लेकर बड़ा दावा कर दिया. मंगलवार 28 दिसंबर को ये गवाह विशेष एनआईए अदालत के सामने पेश हुआ. सुनवाई के दौरान उसने महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसे इस धमाके के पीछे योगी आदित्यनाथ और चार अन्य आरएसएस नेताओं के नाम लेने को मजबूर किया गया था. इंडिया टुडे की ख़बर के अनुसार इस केस में यह 15वां ऐसा गवाह है जो अपने पिछले बयान से मुकर गया है. ताजा बयान में इस गवाह ने अदालत को बताया कि तत्कालीन वरिष्ठ एटीएस अधिकारी परमबीर सिंह और एक अन्य अधिकारी ने उसे धमकी देते हुए कहा था कि वो इस केस में योगी आदित्यनाथ का नाम ले. उस समय योगी आदित्यनाथ सीएम के मुख्यमंत्री नहीं थे. गवाह के मुताबिक योगी के अलावा ATS ने उसे जिन चार आरएसएस नेताओं के नाम लेने को कहा था, उनमें इंद्रेश कुमार भी शामिल हैं.

सियासी बयानबाजी शुरू

जैसे ही यह जानकारी सामने निकलकर आई, सियासी मैदान में इसको लेकर घमासान मचा गया. बीजेपी कांग्रेस पर निशाना साध रही है. कह रही है कि कांग्रेस ने ही गलत तरीके से 'हिंदू आतंकवाद' शब्द गढ़ा है. खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र में भाजपा के विधायक राम कदम ने कहा,
"अब यह स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार ने हिंदुओं को बदनाम किया और गलत तरीके से 'हिंदू आतंकवाद' शब्द गढ़ा. तत्कालीन सरकार ने योगी आदित्यनाथ और आरएसएस कार्यकर्ताओं को गलत तरीके से फंसाने की कोशिश की. शिवसेना को स्पष्ट करना चाहिए इस मुद्दे पर उनका स्टैंड क्या है."
वहीं कांग्रेस और सपा का कहना है कि यूपी चुनाव से पहले ये केवल एक सियासी स्टंट है. कांग्रेस के आरिफ नसीम खान और सपा विधायक अबु आजमी ने दावा किया योगी आदित्यनाथ को यह क्लीन चिट उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के कारण मिली है. इन नेताओं ने कहा है कि चुनाव के चलते मालेगांव ब्लास्ट मामले के गवाहों पर दबाव बनाया जा रहा है. बहरहाल, इससे पहले अगस्त महीने में भी इस केस का एक अन्य गवाह अपने बयान से मुकर गया था. वो लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ दिए अपने पिछले बयान से पलट गया था. तब कहा गया था कि कर्नल पुरोहित को इसका फायदा मिल सकता है जो फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी इस केस की चर्चित आरोपी रही हैं. वे भी जमानत पर हैं. इन दोनों के अलावा अन्य आरोपियों मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी को भी बेल मिल चुकी है.

6 लोगों की हुई थी मौत

सितंबर 2008 में मालेगांव की एक मस्जिद के पास बम ब्लास्ट हुआ था. इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं तकरीबन 100 लोग जख्मी हुए थे. जांच में पता चला था कि धमाके के लिए मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बम रखा गया था. बाद में हिंदू संगठनों से जुड़े नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी. मालेगांव ब्लास्ट मामले की शुरुआती जांच एटीएस ने की थी. लेकिन 2011 में यह केस एनआईए को सौंप दिया गया. अब एनआईए की स्पेशल कोर्ट इसकी सुनवाई कर रही है.

thumbnail

Advertisement