भारत प्रेम का नहीं है. प्रेमियों का देश है. यहां आपको हर गली में कई प्रेम कहानियां मिलेंगी. जो मुक़म्मल होते-होते रह गईं. लेकिन प्रेम नहीं मिलेगा. इन्हीं अधूरी कहानियों को पूरा करने की कोशिशों में हर साल अनगिनत प्यार करने वाले मार डाले जाते हैं. अधूरे इश्क़ की ज़मीन है ये मुल्क़, जहां भूख को सिर्फ़ इसलिए पूजा जाता है क्योंकि रोटी मयस्सर नहीं होती. एक ज़िंदा बेटी के मृत्युभोज का ये मामला उन्हीं अधूरी कहानियों में जुड़ने वाली सबसे नई कहानी है.
एक लड़की की कहानी, जो एक लड़के को जानती थी. बचपन के दिनों से, जब वो बालिग हुई तो उसने अपने बचपन के दोस्त को हमसफर बना लिया. दोनों ने शादी कर ली. आप कहेंगे कि इसमें खबर क्या है. खबर ये नहीं है. खबर ये है कि लड़की के घरवालों ने शादी के बाद अपनी बेटी को मरा मान लिया. बeकायदा कार्ड छपवा दिया. बेटी की तेरहवीं के लिए.
क्या है मामला?
मध्य प्रदेश का एक जिला है मंदसौर. 19 साल की एक लड़की ने 6वीं क्लास से साथ पढ़ने वाले दोस्त के साथ कोर्ट मैरिज कर ली. घर वालों ने बेटी को समझाया. लेकिन बेटी नहीं मानी. मामला थाने पहुंचा. यहां बेटी ने माता-पिता को पहचानने से इनकार कर दिया. थाना प्रभारी के सामने कहा कि मैं नहीं जानती कि ये लोग कौन हैं. इसके बाद माता-पिता थाने से लौट आए. बेटी के फैसले और व्यवहार से गुस्साए माता-पिता ने उस दिन से बेटी को मरा मान लिया. हिन्दू रीति-रिवाज से मृत्युभोज का फैसला किया. दो अगस्त का दिन तय किया गया. पिता ने शोक पत्रिका छपवा कर रिश्तेदारों में बंटवा दिया. धर्मशाला बुक किया गया.
लेकिन सोशल मीडिया और मीडिया में इसकी चर्चा होने लगी. गांव वालों ने कहा कि ऐसा मत करिए. आपके साथ-साथ गांव वालों की भी बदनामी होगी. इसके बाद परिवार ने मृत्युभोज में सभी को बुलाने के अपने फैसले को टाल दिया. लेकिन बताया जा रहा है कि इस परिवार ने बेटी को मरा समझकर घर में ही पूजा-पाठ करवा दिया. न्यूज़ चैनल आज तक से जुड़े आकाश चौहान ने गांव का दौरा किया. लोगों से बात भी की. गांव के रहने वाले कन्हैया कुमार ने बताया-
लड़की ने घरवालों की बिना मर्जी के भागकर शादी कर ली. घरवालों ने समझाया, लेकिन नहीं मानी. घरवालों ने सोचा था कि गोहनी (मृत्युभोज) करेंगे. गोहनी करने के लिए चिट्ठियां छपवा दी, लेकिन गांववालों ने समझाया तो कैंसिल कर दी.
इस मामले में पुलिस का कहना है कि अगर उन्हें कोई शिकायत मिलती है तो कार्रवाई करेंगे.
लड़की ने राजस्थान में शादी की थी. 25 जुलाई को उसने शादी का शपथ पत्र दिया था. इसमे लिखा था कि वह बालिग है और अपना भला बुरा सोच सकती है. लड़की ने शपथ पत्र में लिखा है कि वह शपथ पत्र इसलिए दे रही है कि उसके माता-पिता उसके पति के खिलाफ झूठा मुकदमा लिखवा सकते हैं.

एक बेटी अपना मृत्युभोज ख़ुद देखे, इससे ज़्यादा शर्म की और बात क्या होगी. उसका अपना मृत्यु भोज. उसके पिता की तरफ़ से किया गया मृत्युभोज . प्रेम कोई दोष नहीं, कोई बीमारी नहीं…ये कोख से हमारे साथ ही आया था, इसे स्वीकारने में मृत्यु है, लेकिन आपको अमर होने से बचना चाहिए, हर क़ीमत पर.
चेन्नई के एक होटल ने लेस्बियन कपल को बाहर निकाल दिया, वजह बहुत ही बेहूदा है