जम्मू-कश्मीर सरकार में टेरर लिंक? शिक्षक, पुलिसकर्मी समेत 5 कर्मचारी निकाले गए
महबूबा मुफ्ती ने भारत सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है.
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जम्मू-कश्मीर सरकार में कथित रूप से टेरर लिंक्स का पता चला है. इसके चलते प्रशासन ने अपने पांच कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इन पांचों पर आतंकवादियों से संबंध रखने का आरोप है. खबर के मुताबिक इनमें से दो कर्मचारियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. इस बारे में अभी तक प्रशासन की तरफ से ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि इंडिया टुडे को पता चला है कि नौकरी से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में शिक्षक और पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.
खबर के मुताबिक जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, उनके नाम तवसीफ अहमद मीर, घुलम हसम पेरे, अर्शीद अहमद दास, शाहिद हुसैन और शराफत-ए-खान हैं. इनका संबंध जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग जिलों से बताया जा रहा है.
इधर मामले में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की प्रतिक्रिया आई है. इंडिया टुडे से जुड़ी कमलजीत कौर संधू की रिपोर्ट के मुताबिक महबूबा मुफ्ती ने कहा,
"एक तरफ भारत सरकार पूरे देश से रिटायर हो चुके सुरक्षा कर्मचारियों की जम्मू कश्मीर के सरकारी पदों पर भर्ती कर रही है. वहीं दूसरी तरफ कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है. इस तरीके से प्रशासन का बैलेंस बिगाड़ा जा रहा है. कश्मीर के लोगों को हाशिए पर डाला जा रहा है."रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों को इस आधार पर नौकरी से निकालने का कोई आदेश जारी नहीं किया है, जिसमें वो या उनके परिवार के लोग UAPA के आरोपियों से सहानुभूति रखते हों.
दो कथित आतंकी मार गिराए इधर सुरक्षाबलों ने 30 मार्च की सुबह जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में दो कथित आतंकियों को मार गिराया. जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, मारे गए एक कथित आतंकी के पास से प्रेस का आई कार्ड भी बरामद किया गया है. पुलिस ने बताया कि ये आतंकी एक स्थानीय न्यूज वेबसाइट में बतौर पत्रकार काम करता था. कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार के मुताबिक, मंगलवार, 29 मार्च को श्रीनगर के रैनावाड़ी इलाके में पुलिस और सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों का शहर के पुराने इलाके में सर्च ऑपरेशन चालू था. आधी रात के आसपास आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी. इसकी जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया. पुलिस का दावा है कि दोनों ही आतंकी संगठन लश्कर के लिए काम कर रहे थे. उसके मुताबिक जिस आतंकी के पास से प्रेस का आई कार्ड मिला है, उसका नाम रईस अहमद भट है. उसने पहले बतौर पत्रकार काम किया था और अनंतनाग स्थित ‘वैली न्यूज सर्विस’ (Valley News Service) नाम से एक न्यूज पोर्टल चलता था. रईस भट इसका प्रधान संपादक था. पिछले साल रईस भट के खिलाफ आतंक फैलाने के आरोप में दो FIR भी दर्ज की गई थीं.Jammu and Kashmir government terminates five government employees for having terror links.
— ANI (@ANI) March 30, 2022