The Lallantop
Advertisement

ये किस बात पर आमने-सामने आ गए जो रूट और ऑयन मॉर्गन?

ऑस्ट्रेलिया में पिटने के बाद आपस में भिड़े अंग्रेज!

Advertisement
Img The Lallantop
Joe Root और Eoin Morgan तो आमने-सामने आ गए (एपी फाइल)
18 जनवरी 2022 (Updated: 18 जनवरी 2022, 19:52 IST)
Updated: 18 जनवरी 2022 19:52 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
ऑयन मॉर्गन और जो रूट. इंग्लैंड क्रिकेट टीम के अलग-अलग फॉर्मेट्स के कैप्टंस. इनसे उम्मीद की जाती है कि ये इंग्लैंड टीम में एकजुटता रखें और टीम को आगे ले जाएं. लेकिन हाल की घटनाओं से मामला गड़बड़ हो लग रहा है. मॉर्गन और रूट आमने-सामने आते दिख रहे हैं. अब ये हुआ कैसे? दरअसल रूट ने एशेज में 4-0 की शर्मनाक हार के बाद एक बयान दिया था. और अब उसे हास्यास्पद बताकर मॉर्गन उनसे टक्कर लेते दिख रहे हैं. मॉर्गन ने जोर देकर कहा कि टेस्ट क्रिकेट हमेशा से ही वरीयता में ऊपर रहा है. और जो लोग एशेज में इंग्लैंड के शर्मनाक प्रदर्शन की जिम्मेदारी लिमिटेड ओवर्स गेम पर डाल रहे हैं वो क्रिकेट नहीं देखते. मॉर्गन ने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया में बुरे प्रदर्शन के बाद द हंड्रेड का बहाना बनाना हास्यास्पद है. जानने लायक है कि एशेज में परास्त होने के बाद रूट ने कहा था कि ECB को अब टेस्ट क्रिकेट को वरीयता देनी चाहिए. रूट ने यह भी कहा कि साल 2015 से लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट पर बहुत ज्यादा फोकस है. # Root vs Morgan रूट ने यह भी कहा था कि अभी जिस वक्त में द हंड्रेड का आयोजन होता है, उस वक्त में लाल गेंद वाले मैच ज्यादा होने चाहिए. और मॉर्गन रूट के इस बयान से सहमत नहीं हैं. उनका मानना है कि टेस्ट टीम के बुरे प्रदर्शन का ठीकरा लिमिटेड ओवर्स पर नहीं फोड़ा जाना चाहिए. टॉकस्पोर्ट से बात करते हुए मॉर्गन ने कहा,
'जो लोग ये बहाना बनाते हैं वो क्रिकेट नहीं देखते. टेस्ट मैच क्रिकेट हमेशा से वरीयता में रहा है. यह हमारे एलीट प्लेयर्स का फॉर्मेट है. जाहिर तौर पर अभी एशेज के दौरान ऑस्ट्रेलिया में हालात मुश्किल रहे हैं लेकिन वो हमेशा से ऐसे ही थे. हम पिछली दो सीरीज 4-0 से हारे हैं. द हंड्रेड पर उंगली उठाना हास्यास्पद है. द हंड्रेड एक अविश्वसनीय सफलता है.काउंटी क्रिकेट और द हंड्रेड में हमारे फॉर्मेट्स का ढांचा हूबहू ऑस्ट्रेलिया जैसा है. लोगों को दोष डालने के लिए कुछ चाहिए होता है, इसलिए वे सच्चाई से काफी दूर की चीजों की तरफ ध्यान ले जाते हैं क्योंकि कोई ये नहीं कहना चाहता- हमारी तैयारी पूरी नहीं थी, शायद हमने उस तरह नहीं खेला जैसा हम चाहते थे और हम हार गए. यह सभी फॉर्मेट्स में होता है, लेकिन मैं जोर देकर कहता हूं कि टेस्ट क्रिकेट हमेशा से वरीयता पर रहा है.'
मॉर्गन ने यहां तक कह किया कि उनके करियर के ज्यादातर हिस्से में, सफेद गेंद का क्रिकेट हमेशा ही पिछली सीट पर रहा. 95 प्रतिशत वक्त तक टेस्ट मैच की तैयारी और प्लानिंग होती है और फिर ये लोग वर्ल्ड कप खेलने चले जाते. और चीजें कुछ ऐसी होती थीं कि यहां ठीक किया तो ठीक, नहीं तो कोई बात नहीं.

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement