इराक में अमेरिकी दूतावास के पास मिसाइल हमला करने की ईरान ने क्या वजह बताई?
ईरान ने इजरायल का नाम क्यों लिया है?
इराक के उत्तरी शहर इरबिल में अमेरिकी दूतावास के पास 13 मार्च को हुए मिसाइल हमलों की जिम्मेदारी ईरान ने ली है. वहां के सरकारी मीडिया ने जानकारी दी कि ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इरबिल पर एक दर्जन मिसाइलें दागी थीं. हालांकि हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. रविवार को हुए हमले के विरोध में इराक के विदेश मंत्रालय ने ईरान के राजदूत को तलब किया है और इसे देश की संप्रभुता का घोर उल्लंघन बताया.
वहीं इराक के पीएम मुस्ताफा अल-कादिमी ने हमले की निंदा करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा,
"इरबिल को निशाना बनाकर और इसके निवासियों के बीच भय फैलाने वाली आक्रामकता हमारे लोगों की सुरक्षा पर हमला है. हमारे सुरक्षा बल जांच करेंगे और हमारे लोगों के प्रति किसी भी खतरे के खिलाफ मजबूती से खड़े रहेंगे."
The aggression which targeted the dear city of Erbil and spread fear amongst its inhabitants is an attack on the security of our people. I discussed these developments with the KRG PM. Our security forces will investigate and stand firm against any threats towards our people.
— Mustafa Al-Kadhimi مصطفى الكاظمي (@MAKadhimi) March 13, 2022
"ईरान बार-बार कुर्दिस्तान क्षेत्र को निशाना बना रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी बड़ी चिंता का विषय है. ये चुप्पी ईरान को भविष्य में और हमलों के लिए प्रेरित करेगी."इराक ने अमेरिका और बाकी शक्तिशाली देशों से अपील की है कि वे ईरानी हमले का कड़ा जवाब दें. अमेरिकी अखबार दी वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार इराकी सरकार का कहना है, हालांकि अमेरिका ने ईरानी मिसाइल हमलों की निंदा की है. बाइडेन सरकार के एक प्रवक्ता नेड प्राइस ने मिसाइल हमलों को लेकर एक बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा,
"हम इरबिल में ईरानी मिसाइल हमलों की निंदा करते हैं. ये इराक की संप्रभुता का अपमानजनक उल्लंघन है. अमेरिका दूतावास या इसमें काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. हमें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है जिससे ये कहा जा सके कि ये हमला अमेरिका की तरफ निर्देशित किया गया था. ईरान को तुरंत अपने हमले बंद करने चाहिए, इराकी संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और इराक के आंतरिक मामलों में अपने हस्तक्षेप को रोकना चाहिए."
We condemn last night’s Iranian missile strikes in Erbil. The attack was an outrageous violation of Iraq’s sovereignty. https://t.co/c8AOULDEMg — Ned Price (@StateDeptSpox) March 13, 2022
उधर हमले को लेकर ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट के जरिये एक बयान जारी किया. इसमें हमले के कारणों को लेकर कहा गया,
"ईरान ने इस क्षेत्र में हाल की इजरायली कार्रवाइयों के जवाब में मिसाइल हमला किया है. इजरायल ने सीरिया में पिछले हफ्ते एक हवाई हमला किया था, जिसमें ईरानी अर्धसैनिक ग्रुप के दो कमांडरों की मौत हो गई थी. इसीलिए मिसाइल हमला इरबिल में इजरायली 'स्ट्रैटजिक सेंटर ऑफ कॉन्सपिरेसी' (इजरायली स्पाई सेंटर) के खिलाफ किया गया था."
अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के मुताबिक ईरान ने अपने दो सैन्य अधिकारियों को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की मदद के लिए भेजा था. पिछले हफ्ते इजरायल ने कथित रूप से सीरिया में ईरान के सैन्य प्रभाव को कम करने के लिए ईरानी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे. इस हमले में ये दोनों ईरानी सैन्य अधिकारी मारे गए थे. इसके बाद अपने सैन्य अधिकारियों की मौत पर ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी भी दी थी. रविवार को हुआ हमला इसी का नतीजा था.
बहरहाल, कहा जा रहा है कि ईरान के इस हमले के बाद अमेरिका के साथ उसके नए परमाणु नियंत्रण समझौते की कोशिशों को भी धक्का लगा है.