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कश्मीर पर दिया था विवादित बयान, भारत ने चीन के विदेश मंत्री से ये बात कही

एस जयशंकर बोले, 'भारत और चीन के बीच हालात समान्य नहीं हैं.'

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India कैसे तोड़ रहा है पड़ोस के देशों में China का घेरा (फोटो- विदेश मंत्रालय, भारत सरकार)
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25 मार्च 2022 (Updated: 25 मार्च 2022, 15:05 IST)
Updated: 25 मार्च 2022 15:05 IST
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चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 25 मार्च को नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर राष्ट्रीय और सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल से मुलाकात की. वांग यी 24 मार्च को दिल्ली पहुंचे थे. लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद शुरू होने के बाद से ये पहली बार है, जब चीन से कोई वरिष्ठ मंत्री भारत आया हो. अप्रैल 2020 से भारत और चीन की सेनाएं लद्दाख में आमने सामने हैं. जून 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. दो साल से सीमा पर तनाव के बीच दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई इस मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. विदेश मंत्रालय ने क्या कहा? दोनों देश के विदेश मंत्रियों के बीच करीब 3 घंटे तक बातचीत हुई. मीटिंग खत्म होने के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बातचीत के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया- 1. हमने हमारे द्विपक्षीय संबंधों के बारे में बात की. इस दौरान हमने अफगानिस्तान और यूक्रेन समेत कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बात की. 2. द्विपक्षीय दौरा न करने के बावजूद विदेश मंत्री वांग यी और हम लगातार एक-दूसरे के संपर्क में हैं. हमने 2020 में मॉस्को और 2021 में दुसाम्बे में मुलाकात की. बातचीत का फोकस स्वाभाविक रूप से हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थिति पर रहा है. 3. हमारे सीनियर कमांडरों ने 15 दौर की बातचीत की है और दोनों देशों के बीच पीछे हटने को लेकर सहमति बनी है. लेकिन इसे जमीन पर लागू करना हमारे सामने बड़ी चुनौती है. अभी के हालात के लिए यही कहा जा सकता है कि कार्य प्रगति पर है. हालांकि, इसकी गति उतनी नहीं है जितनी होनी चाहिए थी. 4. हमने चीन में भारतीय छात्रों की स्थिति को गंभीरता से उठाया, जिन्हें COVID प्रतिबंधों के कारण वापस जाने की अनुमति नहीं दी गई है. विदेश मंत्री वांग यी ने मुझे आश्वासन दिया है कि संबंधित अथॉरिटिज से इसके बारे में बात करेंगे. चीन के साथ हालात सामान्य नहीं इस बातचीत के दौरान डॉक्टर जयशंकर ने वांग यी को बताया कि दोनों देशों के बीच हालात सामान्य नहीं हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर तनाव और भारी सैन्य मौजूदगी के बीच माहौल सामान्य नहीं हो सकता. एस. जयशंकर ने ये भी कहा कि उन्होंने OIC में वांग यी की ओर से जम्मू-कश्मीर पर दिए बयान पर भी विरोध दर्ज कराया है. दरअसल, भारत दौरे से पहले इस्लामिक देशों के संगठन OIC के सम्मेलन में वांग यी ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर वो मुस्लिम देशों के साथ हैं. अजित डोवाल को चीन आने का न्यौता बताया जा रहा है कि चीन आने वाले दिनों में भारत से अपने संबंधों को ''सामान्य'' करना चाह रहा है. वो चाहता है कि भारत BRICS समिट में शिरकत करे. ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका की इस साझेदारी की बैठक साल के अंत में चीन में होगी. चीन अपने विदेश मंत्री के अलावा सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के दूसरे सदस्यों के भारत दौरे भी करवाना चाहता है. और बदले में चाहता है कि भारत से भी उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल चीन के मेहमान बनें. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल को चीन आने का न्यौता दिया है. डोवाल ने इस न्यौते का सकरात्मक जवाब देते हुए कहा कि तत्कालिक मुद्दों के सफलतापूर्वक हल होने के बाद वे चीन का दौरा कर सकते हैं. NSA ने चीनी विदेश मंत्री से कहा कि सीमा पर कई जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं. इस समस्या का जल्द और जड़ से हल की दोनों देशों  के बीच के संबंध सामान्य कर सकता है.

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