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मऊ से लेकर मैनपुरी तक अखिलेश के करीबी नेताओं के घर इनकम टैक्स की रेड

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय, जैनेंद्र यादव और मनोज यादव के घर कार्रवाई.

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Income Tax की छापेमारी को सियासी एंगल से देखा जा रहा है. (फोटो: ANI/FB)
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18 दिसंबर 2021 (Updated: 18 दिसंबर 2021, 06:14 IST)
Updated: 18 दिसंबर 2021 06:14 IST
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) की कार्रवाई शुरू हो गई. 18 दिसंबर को तड़के आयकर विभाग ने समाजवादी पार्टी के नेताओं के घर छापे मारे हैं. मऊ से लेकर मैनपुरी तक जिन नेताओं के यहां छापे पड़े हैं, वो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी हैं. इनकम टैक्स की कार्रवाई अभी जारी है. इंडिया टुडे से जुड़े समर्थ श्रीवास्तव की रिपोर्ट के अनुसार, 18 दिसंबर की सुबह-सुबह आयकर विभाग की एक टीम मऊ स्थित समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजीव राय के घर पहुंची. दो घंटे तक उनके घर पर कार्रवाई हुई. इसी बीच समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को रेड के बारे में पता चल गया. भारी संख्या में कार्यकर्ता राजीव राय के घर के बाहर इकट्ठा हो गए. इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी की. रिपोर्ट के अनुसार, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की नारेबाजी की सूचना पुलिस को दी गई. जिसके बाद राजीव राय के घर के बाहर पुलिस बल पहुंचा. इस पूरी कार्रवाई के दौरान राजीव राय को उनके सहादतपुरा आवास में नजरबंद रखा गया. रेड मारने वाली टीम वाराणसी से आई थी. 'सरकार को पसंद नहीं लोगों की मदद' समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजीव राय का मऊ, बलिया और गाजीपुर में काफी प्रभाव है. वो बेंगलुरू और दुबई में मेडिकल कॉलेज भी चलाते हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी दावेदारी पेश की थी. बताया जा रहा है कि इस बार अखिलेश यादव उन्हें घोसी से चुनाव लड़ाना चाहते हैं. ऐसे में ही वो एक महीने पहले मऊ में शिफ्ट हुए हैं. इनकम टैक्स की कार्रवाई पर राजीव राय की प्रतिक्रिया भी आई है. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा,
"मेरा कोई काले धन का या आपराधिक बैकग्राउंड नहीं है. मैं लोगों की मदद करता हूं और सरकार को ये पसंद नहीं आया. ये रेड इसलिए ही पड़ी है. अगर आप कुछ करेंगे, तो वो एक वीडियो बनाएंगे, FIR दर्ज करेंगे. आप बेवजह एक केस लड़ रहे होंगे. इसका कोई मतलब नहीं है. कार्रवाई पूरी हो जाने देते हैं."
लखनऊ में भी इनकम टैक्स की टीम ने समाजवादी पार्टी के एक और बड़े नेता जैनेंद्र यादव के खिलाफ कार्रवाई की. जैनेंद्र यादव भी अखिलेश के करीबी हैं. पिछली बार जब अखिलेश सूबे के मुख्यमंत्री थे, तब जैनेंद्र उनके OSD थे. जैनेंद्र यादव का रियल स्टेट का काम है. उनके पास यूपी से कई शहरों में जमीने हैं. उनके पास मिनरल वाटर की फैक्ट्री भी है. इनकम टैक्स की टीम ने जैनेंद्र यादव के लखनऊ के अंबेडकर पार्क के पास स्थित घर में छापेमारी की. उनके घर को बहुत बारीकी से खंगाला गया. राजीव राय और जैनेंद्र यादव के अलावा अखिलेश यादव के एक और करीबी मनोज यादव के आवास पर भी इनकम टैक्स विभाग की रेड पड़ी. मनोज यादव आरसीएल ग्रुप के मालिक हैं और अखिलेश यादव के करीबी भी. उनके घर पर छापेमारी के लिए इनकम टैक्स विभाग 12 गाड़ियों का भारी-भरकम काफिला लेकर पहुंचा. पहले से ही पुलिस को छापेमारी की सूचना दे दी गई थी. जिसके चलते इनकम टैक्स की टीम के आते ही घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात हो गई. 'अभी ED और CBI भी आएगी' समाजवादी पार्टी के जिन तीन नेताओं के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग ने कार्रवाई की है, वो पार्टी के फाइनेंसर के तौर पर जाने जाते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, विभाग की तरफ से ये कार्रवाई टैक्स चोरी के शक में की गई है. चुनाव से पहले हुई इस कार्रवाई को राजनीतिक चश्मे से भी देखा जा रहा है. इस पूरे घटनाक्रम पर अखिलेश यादव की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ये सब जानबूझकर किया गया है. ये सब पहले भी हो सकता था, लेकिन ठीक चुनाव से पहले कार्रवाई की गई. अखिलेश यादव ने आगे कहा कि अभी तो ED और CBI भी आएगी. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी सरकार के ऊपर भेदभाव की भावना के साथ काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने जनता को परेशान किया है और अब जनता ने बीजेपी को हराने का फैसला कर लिया है.

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