The Lallantop
Advertisement

रूस के लिए बुरी खबर, ICJ ने यूक्रेन के खिलाफ तुरंत सैन्य कार्रवाई रोकने का आदेश दिया

अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इस आदेश को मानने की बाध्यता है, लेकिन...

Advertisement
Img The Lallantop
(बाएं) इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (दाएं) पुतिन फोटो-ICJ Website, AP
16 मार्च 2022 (Updated: 16 मार्च 2022, 17:05 IST)
Updated: 16 मार्च 2022 17:05 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने यूक्रेन के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है. उसने कहा है कि रूस को यूक्रेन में अपना सैन्य अभियान तुरंत रोक देना चाहिए. ICJ ने रूस से ये भी कहा है कि वो सुनिश्चित करे उसकी कोई मिलिट्री यूनिट या सशस्त्र टुकड़ी यूक्रेन की जमीन पर सैन्य अभियान को जारी रखने वाला कोई कदम ना उठाए. इसके अलावा ICJ ने दोनों देशों को ऐसा कोई कदम उठाने से आगाह किया है जिससे हालात और खराब हों. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इस आदेश को मानने की बाध्यता होगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे कानूनी रूप से लागू कराने का दायित्व होगा.

क्या बोला ICJ?

रूस ने इस केस में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि उसने यूक्रेन में कुछ लोगों के नरसंहार को रोकने के लिए ये 'विशेष सैन्य कार्रवाई' शुरू की थी. लेकिन ICJ ने इस बात को स्वीकार नहीं किया और इस केस को अपनी सूची से हटाने की रूस की मांग को खारिज कर दिया. खबर के मुताबिक आदेश देते हुए न्यायालय ने कहा है,
यूक्रेन को ये अधिकार है कि उसे रूस द्वारा सैन्य अभियान का निशाना ना बनाया जाए. यूक्रेन और रूस दोनों जेनोसाइड कनवेन्शन का हिस्सा हैं. कोर्ट ने पाया है कि इस केस में इतना नुकसान हो सकता है जिसकी भरपाई शायद ना हो पाए. इस तरह के सैन्य अभियान में नागरिक आबादी पर काफी ज्यादा खतरा होता है. मिलिट्री कार्रवाई पहले ही कई लोगों की जानें ले चुकी है और कइयों को घायल कर चुकी है. कई लोगों के पास बुनियादी चीजों तक पहुंच नहीं रह गई है. बहुत बड़ी संख्या में आम लोग भागने की कोशिश कर रहे हैं.
कोर्ट ने साफ कहा कि वो यूक्रेन के अधिकारों की रक्षा के लिए तात्कालिक (या अस्थायी) निर्देश दे सकता है. उसने कहा कि वो ऐसी स्थिति में ही निर्देश जारी करता है जब उसके ऐसा ना करने पर अपूरणीय क्षति होने का खतरा है, और इस केस में ये खतरा है.

जेलेंस्की ने किया ट्वीट

जाहिर है ICJ के इस फैसले के बाद सबसे पहली प्रतिक्रिया यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की तरफ से आई. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा,
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में रूस के खिलाफ यूक्रेन को संपूर्ण जीत मिली है. ICJ ने तुरंत (रूस को) हमला रोकने का आदेश दिया है. अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इस आदेश को मानना ही होगा. रूस को तुरंत इसका पालन करना चाहिए. इसकी अनदेखी करने से रूस और भी अलग-थलग पड़ जाएगा.
जेलेंस्की का मतलब है कि अगर रूस ने अब भी युद्ध नहीं रोका तो उसे और ज्यादा अंतरराष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा.

क्या युद्ध समाप्त हो जाएगा?

ये कोई नहीं कह सकता. अंतरराष्ट्रीय कानूनों के हिसाब से ICJ के आदेश को मानने की बाध्यता है, लेकिन अंत में ये सामने वाले पक्ष पर ही निर्भर करता है कि वो इसे माने या ना माने. ICJ आदेश दे सकता है, लेकिन उसे लागू कराने में उसकी कोई भूमिका नहीं है. रॉयटर्स के मुताबिक पहले भी ICJ के आदेशों या फैसलों को कई देशों ने नहीं माना है. ये तथ्य रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस बयान की याद दिलाता है, जिसमें उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से साफ कह दिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वे यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को अंजाम तक पहुंचाकर रहेंगे.

thumbnail

Advertisement