कांग्रेस नेता का विवादित बयान, कहा- हिजाब न पहनने से देश में बढ़े रेप
कांग्रेस नेता जमीर अहमद ने खूबसूरती और हिजाब में क्या संबंध बताया? जानिए
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कर्नाटक में शुरू हुए हिजाब विवाद को लेकर नेताओं की बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. बीजेपी के बाद कांग्रेस नेताओं के भी इस मसले पर विवादित बयान आने लगे हैं. कर्नाटक कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री जमीर अहमद खान ने हिजाब को रेप की घटनाओं से जोड़ दिया है. उन्होंने कहा है कि हिजाब लड़कियों को पर्दे में रखता है और जब लड़कियां पर्दे में नहीं रहती हैं तो रेप की घटनाएं बढ़ती हैं.
खूबसूरती को छिपाता है हिजाब
रविवार, 13 फरवरी को कांग्रेस नेता जमीर अहमद कर्नाटक के हुबली में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इसी दौरान मीडिया ने उनसे सवाल किया कि केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि हिजाब जरूरी नहीं है और कुरान में कहीं भी नहीं लिखा है कि महिलाएं हिजाब पहनें, इसपर आपकी क्या राय है. जमीर अहमद खान ने जवाब देते हुए कहा,
"वे किस वजह से ऐसा बोले, मुझे समझ में नहीं आता, हिजाब का मतलब गोशा पर्दा होता है. उनके घर में शायद औरतें और लडकियां नहीं हैं, अगर होतीं तो उन्हें मालूम होता...जब बच्चियां बड़ी हो जाती हैं तो लड़कियों और औरतों को हिजाब में रखा जाता है, ताकि उनकी खूबसूरती ना दिखने पाए, उनकी खूबसूरती को छिपाने के लिए उन्हें हिजाब में रखा जाता है. आज आप देख रहे होंगे कि रेप रेट सबसे ज्यादा हिंदुस्तान के अंदर है. गोशे पर्दे में नहीं होने की वजह से यह होता है. महिलाओं को हिजाब में रखने का सिलसिला काफी पुराना है. यह अनिवार्य भी नहीं है. जिसको पहनना है, जिसको अपनी खूबसूरती नहीं दिखानी है, जिसको हिफाजत करनी है, वे पहनते हैं. यह आज से नहीं वर्षों से है."
क्या कहा था आरिफ मोहम्मद खान ने? शनिवार, 12 फरवरी को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हिजाब विवाद पर अपना पक्ष रखा था. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में केरल के गवर्नर ने कहा था,#WATCH
— ANI (@ANI) February 13, 2022
| Hijab means 'Parda' in Islam...to hide the beauty of women...women get raped when they don't wear Hijab: Congress leader Zameer Ahmed on #HijabRow
in Hubli, Karnataka pic.twitter.com/8Ole8wjLQF
"हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है. हिजाब का कुरान में 7 जगह जिक्र है. लेकिन इसका महिलाओं के ड्रेस कोड से कोई लेना-देना नहीं है. यह मुस्लिम लड़कियों को प्रगति से रोकने की साजिश है. हिजाब विवाद एक साजिश है ताकि मुस्लिम लड़कियों की पढ़ाई रोकी जा सके. मुस्लिम लड़कियां अब पढ़ाई कर रही हैं और जो चाहे हासिल कर रही हैं. मैं स्टूडेंट्स से कहूंगा कि वे क्लासरूम में लौटें और पढ़ाई करें."आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपनी बात को साबित करने के लिए पैगंबर मोहम्मद की एक रिश्तेदार महिला की कहानी भी सुनाई. उन्होंने कहा,
केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान. (फोटो- PTI)
''मैं आपको सिर्फ एक उदाहरण देता हूं. एक युवा लड़की, जिसका पालन-पोषण पैगंबर के घर में हुआ था, वह पैगंबर की पत्नी की भतीजी थी. वह सुंदर थी...इस महिला का पति कूफा का तत्कालीन गवर्नर था, उसने हिजाब न पहनने के लिए पत्नी की फटकार लगाई थी. इसके बाद महिला ने कहा कि ईश्वर ने उसे सुंदर बनाया है और सर्वशक्तिमान ने उस पर सुंदरता की मुहर लगाई है. इसलिए मैं चाहती हूं कि लोग मेरी सुंदरता देखें और मेरी सुंदरता में भगवान की कृपा देखें. वे ईश्वर का शुक्रगुजार करें."कहां से शुरू हुआ विवाद कर्नाटक के उडूपी में एक सरकारी इंटर कॉलेज में पढ़ने वाली छह लड़कियों ने दिसंबर, 2021 में हिजाब पहनकर स्कूल जाना शुरू किया. इन छात्राओं को क्लास में जाने से रोका गया. इनसे कहा गया कि अगर क्लास में बैठना है, तो हिजाब उतारना होगा. लड़कियां इसके लिए राज़ी नहीं हुईं. लड़कियों का कहना है कि जब संविधान नहीं रोकता, तो स्कूल वाले क्यों रोक रहे हैं.
दूसरी तरफ, स्कूल वालों का कहना है कि यूनिफॉर्म नाम की भी चीज़ होती है. मामला सबसे ज्यादा चर्चा में तब आया. जब एक वीडियो कर्नाटक के मांड्या जिले से आया, जिसकी सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा है. मांड्या के PSE कॉलेज में एक छात्रा स्कूटी से हिजाब पहने हुए आती है. जैसे ही थोड़ा आगे बढ़ती है, सामने से दर्जनों की संख्या में भगवा कपड़े पहने छात्र नारेबाजी करने लगते हैं. जय श्री राम के नारे लगाते हैं. जवाब में हिजाब पहनी छात्रा भी अल्लाह हू अकबर के नारे लगाने लगती है. कॉलेज का स्टाफ बीच बचाव की कोशिश करता है. फिलहाल इस पूरे मामले पर कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है.