5 राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान, यूपी में 7 चरणों में होगी वोटिंग
10 मार्च को आएंगे चुनाव नतीजे.
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कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर के बीच चुनाव आयोग (Election Commission) ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. ये पांच राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने ऐलान किया कि पांच राज्यों के चुनाव कुल सात चरणों में होंगे. इसमें से पंजाब, गोवा और उत्तराखंड के चुनाव एक चरण में हो जाएंगे वहीं मणिपुर का चुनाव दो चरणों मे पूरा होगा. उत्तर प्रदेश का चुनाव पूरे सात चरण तक चलेगा. 10 मार्च को सभी पांच राज्यों के लिए मतगणना होगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि पहले चरण की नोटिफिकेशन 14 जनवरी को जारी होगी और नॉमिनेशन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 जनवरी होगी. वहीं उम्मीदवार 27 जनवरी तक अपना नाम वापस ले सकेंगे. पहले चरण के लिए वोटिंग 10 फरवरी को होगी. वहीं दूसरे चरण के लिए वोटिंग 14 फरवरी को होगी. इसी चरण में पंजाब, गोवा और उत्तराखंड का चुनाव पूरा हो जाएगा.
तीसरे चरण में नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 4 फरवरी होगी. इस चरण में केवल उत्तर प्रदेश में मतदान होगा. मतदान की तारीख 20 फरवरी होगी. इसी तरह चौथे चरण में भी केवल यूपी में चुनाव होगा. मतदान की तारीख 23 फरवरी होगी. पांचवें और छठवें चरण में यूपी के साथ मणिपुर में भी चुनाव होंगे. पांचवे चरण का मतदान 27 फरवरी और छठवें चरण का मतदान 3 मार्च को होगा. आखिरी यानी सातवें चरण का मतदान 7 मार्च को होगा. इसमें केवल उत्तर प्रदेश की विधानसभा सीटों के लिए ही वोटिंग होगी.Uttar Pradesh to go to poll in 7 phases from 10th Feb to 7th March; Punjab, Uttarakhand and Goa to vote on 14th February & Manipur to vote on 27th Feb & 3 March; Counting of votes on 10th March: ECI pic.twitter.com/hxKms5e8hi
— ANI (@ANI) January 8, 2022
चुनाव कार्यक्रम
पिछले 6 महीने से तैयारी
इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव के संबंध में जरूरी जानकारी दीं. उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग पिछले 6 महीनों से इन चुनावों की तैयारी कर रहा है पिछले साल दिसंबर में सभी पांच राज्यों में चुनाव आयोग ने अपनी टीमें भेजी थीं. अधिकारियों और एजेंसियों से मुलाकात के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों से चर्चा की थी.
Sufficient CAPF companies will be deployed in all poll-bound states looking at law & order situation and threat perception: Chief Election Commissioner Sushil Chandra pic.twitter.com/mKcQGhFHYn
— ANI (@ANI) January 8, 2022
मुख्य चुनाव आयुक्त ने आगे बताया कि इन पांच राज्यों में कुल 18.3 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे. इनमें से लगभग 25 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पोलिंग स्टेशन पर खास व्यवस्था की गई है. पोलिंग स्टेशन की संख्या में भी 16 फीसदी का इजाफा किया गया है. इस बार दो लाख 15 हजार से अधिक पोलिंग बूथ उपलब्ध होंगे. यही नहीं, महिला वोटर्स को प्रोत्साहित करने के लिए हर विधानसभा में कम से कम एक पोलिंग बूथ ऐसा होगा, जिसे पूरी तरह से महिला स्टाफ की तरफ से मैनेज किया जाएगा. ऐसे पोलिंग स्टेशन की कुल संख्या 1620 होगी.
कोविड के खतरे को देखते हुए चुनाव आयोग ने इस बार विशेष इंतजाम करने की बात कही है. (प्रतीकात्मक फोटो: PTI)
सुशील चंद्रा ने आगे बताया कि महिलाओं के साथ-साथ विकलांगों के लिए भी खास व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि कोविड खतरे को देखते हुए 80 साल से अधिक की उम्र वाले बुजुर्गों, विकलांगों और कोविड प्रभावितों के लिए पोस्टल बैलट की व्यवस्था की गई है. यही नहीं, चुनाव आयोग की तरफ से नॉमिनेशन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था भी की गई है. उम्मीदवारों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड की भी जानकारी देनी होगी. उन्हें अपना आपराधिक रिकॉर्ड अखबारों में प्रकाशित कराना होगा और राजनीतिक पार्टियों को इस संबंध में अपनी वेबसाइट पर जानकारी देनी होगी. चुनाव कर्मियों को बूस्टर डोज मुख्य चुनाव आयुक्त की तरफ से कहा गया कि सभी बूथ ग्राउंड फ्लोर पर होंगे, ताकि लोगों को सुविधा हो. बूथ पर सैनिटाइजर, मास्क उपलब्ध होगा. वहीं कोविड के खतरे को देखते हुए चुनाव ड्यूटी में तैनात सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को फ्रंट लाइन वर्कर्स माना जाएगा. इनके लिए कोविड वैक्सीन के दोनों डोज जरूरी होंगे. साथ ही साथ इन्हें बूस्टर डोज भी लगाया जाएगा. मुख्य चुनाव आयुक्त की तरफ से यह भी बताया गया कि चुनाव आयोग ने पांचो राज्यों के मुख्य सचिवों को नागरिकों का टीकाकरण तेज करने को कहा था. इसके परिणाम स्वरूप इन पांचों राज्यों में कुल मिलाकर 15 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन का पहला और 9 करोड़ से अधिक लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं.
चुनाव आयोग ने आज से 15 जनवरी तक रोड शो, रैली, साइकिल रैली पद यात्रा तक रोक पूर्ण रुप से रोक लगा दी है. 15 जनवरी के बाद पर इस पर विचार किया जाएगा. आयोग ने कहा है कि चुनाव प्रचार डिजिटल, वर्चुअल, मोबाइल के जरिए करें. फिजिकल प्रचार के पारंपरिक साधनों का इस्तेमाल कम से कम करें. इसके अलावा रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक कोई प्रचार, जन संपर्क राजनीतिक पार्टियां नहीं कर सकेंगी. विजय जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा. विजय उम्मीदवार दो लोगों के साथ प्रमाण पत्र लेने जाएंगे. पार्टियों को तय जगहों पर ही सभा करने की अनुमति होगी. सभी पार्टियों और उम्मीदवारों को अंडरटेकिंग देनी होगी कि वे कोविड गाइड लाइन का पालन सख्ती से करेंगे. कोरोना के खतरे के देखते हुए मतदान का समय भी एक घंटा बढ़ाया जाएगा.All election officials and employees will be considered as frontline workers and all eligible officers will be vaccinated with 'precautionary dose': CEC Sushil Chandra pic.twitter.com/mmOTgRGhtM
— ANI (@ANI) January 8, 2022
Our cVIGIL application should be used by voters to report any incident of violation of the Model Code of Conduct, distribution of money & freebies. Within 100 minutes of complaint, ECI officials will reach the place of offence: CEC Sushil Chandra pic.twitter.com/KbJGitnMaR
— ANI (@ANI) January 8, 2022
चुनाव आयोग ने सी विजिल एप की भी घोषणा की है. इस एप में चुनाव के दौरान गलत व्यवहार, जैसे पैसे और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की फोटो अपलोड की जी सकेंगी. आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन की फोटो भी अपलोड की जा सकेंगी. शिकायत मिलने पर चुनाव आयोग 100 घंटे के अंदर कार्रवाई करेगा. इसके अलावा चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों से फेक न्यूज ना फैलाने और भड़काऊ भाषण ना देने के लिए कहा है. पिछले चुनावों का हाल उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले NDA गठबंधन ने भारी भरकम बहुमत हासिल किया था. गठबंधन ने 325 सीटें जीती थीं. वहीं कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव में लड़ी तत्कालीन सत्ताधारी समाजवादी पार्टी की सीटें घटकर 47 रह गईं. वहीं कांग्रेस भी महज 7 सीट जीत पाई. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नेतृत्व में बहुजन समाज पार्टी का प्रदर्शन भी लचर रहा. उसके खाते में महज 19 सीटें आईं. चुनाव परिणाम के बाद 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.
वहीं अगर उत्तराखंड विधानसभा की बात करें, तो यहां कुल 70 सीटें हैं. बहुमत के लिए 36 सीटों पर जीत जरूरी है. पिछले चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य की 57 सीटें अपने नाम की थीं. वहीं कांग्रेस के खाते में मात्र 11 सीटें आईं. बहुजन समाज पार्टी का तो खाता भी नहीं खुला था. इस चुनाव में बीजेपी के खाते में लगभग 14 फीसदी का भारी-भरकम वोट स्विंग हुआ था. चुनाव परिणाम के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को राज्य के मुख्यमंत्री बने. हालांकि, चार साल बाद बीजेपी आलाकमान ने उन्हें हटा दिया और तीरथ सिंह रावत को नया मुख्यमंत्री बनाया. कुछ महीनों के अंदर तीरथ सिंह रावत ने भी इस पद से इस्तीफा दे दिया और पुष्कर सिंह धामी को नया मुख्यमंत्री बनाया गया.
इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में बीजेपी और सपा के बीच सीधी टक्कर का अनुमान लगाया जा रहा है.
पंजाब विधानसभा में 117 सीटें हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं और दस साल बाद सत्ता में वापसी की थी. वहीं शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी का पारंपरिक गठबंधन महज 18 सीटों पर सिमट गया. पिछले चुनाव में पारंपरिक तौर पर शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी के गठबंधन और कांग्रेस के बीच होने वाले मुकाबले में आम आदमी पार्टी ने भी एंट्री की थी. आम आदमी पार्टी पिछले चुनाव में 20 सीटें जीतकर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बनी. चुनाव परिणाम के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने. हालांकि, चार साल बाद कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को नया मुख्यमंत्री बनाया. जिसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी नई पार्टी बनाई और बीजेपी के साथ गठबंधन का ऐलान किया. दूसरी तरफ, कृषि कानूनों के ऊपर शिरोमणि अकाली दल ने बीजेपी से अपना पारंपरिक गठबंधन तोड़ लिया. ऐसे में अब मुकाबला चारकोणीय है.
साल 2017 में पंजाब में सरकार बनने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था.
पूर्वोत्तर भारत के राज्य मणिपुर की विधानसभा में 60 सीटें हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 28 सीटें जीती थीं और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वहीं बीजेपी को 21 सीटें हासिल हुई थीं. सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी कांग्रेस यहां सरकार नहीं बना पाई और बीजेपी ने जोड़-तोड़ के जरिए राज्य में सरकार का गठन किया. बीरेंद्र सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने.
गोवा की बात करें तो यहां की विधानसभा में 40 सीट हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस 15 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन इसके बाद भी उसकी सरकार नहीं बनी. बीजेपी को इस चुनाव में 13 सीटों पर जीत हासिल हुई और उसने एमजीपी, जीएफपी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बना ली. देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया. मार्च, 2019 में उनका देहांत हो गया. जिसके बाद डॉक्टर प्रमोद सावंत नए मुख्यमंत्री बने.