लोकसभा और विधानसभा के अलावा दिल्ली में दो और चुनाव होते हैं, जिनपर पूरे देश का ध्यान होता है. ये चुनाव है दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ का चुनाव और जवाहरलाल यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ का चुनाव. दिल्ली यूनिवर्सिटी का चुनाव हो चुका है, उसके नतीजे भी आ गए हैं. तीन सीटों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जीत हुई है, वहीं एक सीट एनएसयूआई के खाते में आई है. प्रेसिडेंट पद पर अंकित बसोया, वाइस प्रेसिडेंट पद पर शक्ति सिंह और जॉइंट सेक्रेटरी पद पर ज्योति चौधरी की जीत हुई है. वहीं सेक्रेटरी का पद आकाश चौधरी के खाते में आया है.

दिल्ली यूनिवर्सिटी में हुए इस चुनाव के बाद सभी पार्टियां अपने-अपने तईं इसका विश्लेषण कर रही हैं, लेकिन इस चुनाव में जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा रही है वो है ईवीएम. 12 सितंबर को वोटिंग के बाद जब 13 सितंबर को काउंटिंग शुरू हुई तो पता चला कि एक मशीन में कुल 8 उम्मीदवारों के नाम थे. 9वें नंबर पर नोटा था और 10वां नंबर खाली था. लेकिन जब गिनती शुरू हुई तो पता चला कि 10वें नंबर को भी 40 वोट मिले हैं, जबकि उस बटन को काम ही नहीं करना चाहिए था. इसके अलावा कई ईवीएम मशीनों की डिस्प्ले काम नहीं कर रही थी.
गिनती के दौरान EVM में गड़बड़ी का नायाब मामला सामने आया है!
सेक्रेटरी पोस्ट पर कुल 8 उम्मीदवार हैं, 9वां बटन NOTA का है. लेकिन एक EVM में 10 नम्बर बटन को 40 वोट मिले हुए हैं!
इन 40 वोटों पर मामला फंसा हुआ है. प्रशासन NSUI-ABVP से कह रहा है ‘आपस में देख लो’ !!
— जैनेन्द्र कुमार (@jainendrakumar) September 13, 2018
इसके बाद हंगामा शुरू हो गया. पूरी यूनिवर्सिटी पुलिस छावनी में तब्दील हो गई. करीब 6 घंटे तक हंगामा चलता रहा. यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों को समझाने की कवायद करता रहा. तकरीबन छह घंटे के बाद चुनाव में उतरे सभी उम्मीदवारों ने एक हलफनामा दिया और गिनती शुरू करवाने की गुजारिश की.

इसके बाद गिनती शुरू हुई. नतीजा आया तो तीन पदों पर एबीवीपी और एक पद पर एनएसयूआई को जीत मिली. वकील प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट कर कहा है कि वक्त आ गया है कि अब चुनाव बैलट पेपर से हों.
चुनाव आयोग ने झाड़ लिया पल्ला
दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव में ईवीएम की गड़बड़ी सामने आने के बाद बड़े दलों ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए. रिजल्ट पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि अगर ईवीएम ठीक रही होती, तो चुनाव में एनएसयूआई को जीत मिली होती. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर किए गए एक ट्वीट को रिट्वीट किया. जब इस विवाद में चुनाव आयोग पर ऊंगलियां उठने लगीं, तो चुनाव आयोग से भी सफाई आ गई. इलेक्शन ऑफिसर (ईवीएम) मनोज कुमार ने चुनाव आयोग की तरफ से एक पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में जो ईवीएम इस्तेमाल की गई हैं, उन्हें न तो केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से जारी किया गया है और न ही राज्य चुनाव आयोग की तरफ से. मनोज कुमार के पत्र के मुताबिक दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इन मशीनों को किसी प्राइवेट संस्था से लिया है, जिसकी विस्तृत रिपोर्ट यूनिवर्सिटी से मांगी गई है. वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन ने चुनाव में व्यस्तता और जांच की बात कहकर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया है.
क्या आजकल प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ?