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योगी आदित्यनाथ के भाई क्या करते हैं, क्या आप जानते हैं?

इस हकीकत पर यकीन नहीं कर पाएंगे

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22 साल के अजय सिंह बिष्ट 1994 में दीक्षा लेते हुए. बाएं से दूसरे हैं उनके गुरू महंत अवैद्यनाथ. दूसरी तस्वीर में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के पद की शपथ ले रहे हैं. (फोटोःट्विटर/रॉयटर्स)
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25 अक्तूबर 2017 (Updated: 25 अक्तूबर 2017, 07:53 IST)
Updated: 25 अक्तूबर 2017 07:53 IST
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योगी आदित्यनाथ. यानी अजय सिंह बिष्ट. यानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री. गोरखपुर के सांसद रह चुके हैं. गोरखपुर में नाथ संप्रदाय की पीठ गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं. इनका एक परिवार है. परिवार में माता-पिता हैं. भाई हैं, बहने हैं और वो सब है, जो एक परिवार के पास होता है. वैसे तो अजय सिंह बिष्ट के योगी आदित्यनाथ बनने के बाद पूरी दुनिया ही इनका परिवार है. आखिर योगियों में वसुधैव कुटुम्बकमं की भावना जो होती है. लेकिन हमें योगी आदित्यनाथ के एक भाई के बारे में जो पता चला, उसपर आप शायद ही यकीन कर पाएंगे.
योगी आदित्यनाथ के तीन भाई हैं. एक उनसे बड़े हैं, जिनका नाम है मानवेंद्र मोहन. दो लोग उनसे छोटे हैं, शैलेंद्र मोहन और महेंद्र मोहन. बात शैलेंद्र की, जो सेना में सूबेदार हैं. उनकी तैनाती भारत-चीन के माना बॉर्डर पर है, जो देश के सबसे संवेदनशील इलाकों में से एक है. इस बॉर्डर पर सिर्फ स्थानीय सिपाहियों को ही तैनात किया जाता है, जिन्हें वहां की भौगोलिक चीजों की समझ होती है और इससे पहाड़ी इलाकों के बॉर्डर की सुरक्षा हो सकती है.
Subedar Shailendra Mohan
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के छोटे भाई शैलेंद्र चीन बॉर्डर पर तैनात हैं.


इस बात का पता तब चला, जब इंडिया टुडे चीन बॉर्डर पर पहुंचा. जब शैलेंद्र से पूछा गया कि क्या उन्हें अपने बड़े भाई से मिलने का वक्त मिल जाता है? उन्होंने जवाब दिया
"मैं उनसे एक बार दिल्ली में मिला था, जब वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे."
शैलेंद्र ने बताया कि योगी ने उनसे कहा कि है कि उन्हें अपनी क्षमता के हिसाब से देश की सेवा करनी चाहिए. शैलेंद्र बताते हैं कि वो और उनका पूरा परिवार मुख्यमंत्री योगी को महाराज जी कहता है. बचपन के दिनों के बारे में शैलेंद्र ने बताया कि उन्होंने और योगी आदित्यनाथ ने एक साथ खूब समय बिताया है. शैलेंद्र कहते हैं-
मैं और मेरे भाई, दोनों ही देश की ही सेवा कर रहे हैं. मेरे भाई यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर देश की सेवा कर रहे हैं, जबकि मैं एक सिपाही के तौर पर देश की सेवा में लगा हूं.
किसी  बड़े नेता की ऐसी पारिवारिक विरासत लोगों को हौसला देती है. हौसला इस बात का कि अब भी ईमानदारी की कोई कीमत नहीं है. हौसला इस बात का कि बड़े होने से कुछ नहीं होता, बड़ा काम आपको बड़ा बनाता है. और हौसला इस बात का भी कि सत्ता की ताकत का दुरुपयोग करने से अब भी लोग बचे हुए हैं.


वीडियो में देखें योगी आदित्यनाथ के लल्लनटॉप किस्से
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