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कोरोना वैक्सीन को लेकर मोदी सरकार का नया ऐलान, 12-14 साल के बच्चों को लगेगा टीका!

60 साल से ऊपर उम्र के लोग प्रिकॉशन डोज़ ले सकेंगे

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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया अब 12 साल से 14 साल के बच्चों को कोरोना के टीके लगना शुरू हो रहे हैं (फोटो सोर्स- आज तक)
14 मार्च 2022 (Updated: 14 मार्च 2022, 12:24 IST)
Updated: 14 मार्च 2022 12:24 IST
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केंद्र सरकार 12 से 14 साल के बच्चों के लिए कोविड का टीकाकरण शुरू कर रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट करके कहा है कि 16 मार्च 2022 से इस आयु वर्ग के बच्चों का कोविड वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा. ये भी कहा है कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग भी प्रिकॉशन डोज़ ले सकेंगे. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक़ देश में इस वक़्त कोरोना के 36 हजार से ज्यादा एक्टिव केसेज़ हैं. कोरोना के करीब एक अरब 80 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं जबकि कोविड के चलते 5 लाख, 15 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. इस बीच आज सोमवार 14 मार्च, 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कू करके 12 से 14 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू करने की जानकारी दी है. स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा है,
"बच्चे सुरक्षित तो देश सुरक्षित!... मुझे बताते हुए खुशी है कि 16 मार्च से 12 से 13, व 13 से 14 आयुवर्ग के बच्चों का कोविड टीकाकरण शुरू हो रहा है. साथ ही 60 साल से ज्यादा आयु के सभी लोग अब प्रिकॉशन डोज लगवा पाएंगे. मेरा बच्चों के परिजनों व 60+ आयुवर्ग के लोगों से आग्रह है की वैक्सीन जरूर लगवाएं."
बता दें कि इससे पहले तक 60 वर्ष से अधिक आयु के वही लोग वैक्सीन लगवा सकते थे जिनमें को-मॉर्बिड सिचुएशन हैं यानी ऐसे लोग जो किसी अन्य बीमारी या हेल्थ कंडीशन से जूझ रहे हैं. अब ये शर्त हटा ली गई है. अब वे सभी लोग जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है, प्रीकॉशन डोज़ ले सकेंगे. 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चे यानी जिनका जन्म-वर्ष 2008 से लेकर 2010 के बीच है, वो आने वाली 16 मार्च से कोविड वैक्सीन ले सकेंगे. इन सभी को कोर्बवैक्स (Corbevax) नाम की वैक्सीन लगाई जाएगी, जिसे हैदराबाद बेस्ड वैक्सीन कंपनी बायोलॉजिकल इवांस ने बनाया है. बता दें कि 14 साल से ऊपर उम्र के बच्चों को पहले से ही कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही हैं. उधर चीन में 13 मार्च को लगातार दूसरे दिन तीन हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे. वहां के नेशनल हेल्थ कमीशन ने इसे दो साल का सबसे बड़ा दैनिक आंकड़ा बताया था. जिसके बाद चीन के कई शहरों में फिर से कुछ प्रतिबंध भी लगाए जा रहे हैं. कई शहरों में लोगों को बाहर निकलने से मना किया गया है. स्कूल और पार्क बंद कर दिए गए हैं और बड़े पैमाने पर कोरोना की टेस्टिंग की जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन कोरोना पर ‘ज़ीरो-कोविड पॉलिसी’ को फॉलो करता है. इसके तहत तब तक सख्ती बरतनी है, जब तक कोरोना के केसेज़ शून्य न हो जाएं. भारत में भी जनता और गवर्नेंस दोनों स्तरों पर जीरो-कोविड पॉलिसी जैसा आचरण अपनाए जाने की जरूरत है.

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