छत्तीसगढ़: विवाह योजना में कर्मचारी ने अपनी बीवी के साथ ही लिए फेरे, जानें फिर क्या हुआ?
पति-पत्नी दोनों ही निकले सरकारी कर्मचारी
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छत्तीसगढ़ सरकार की एक योजना है- मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना. इसके तहत राज्य सरकार गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी में आर्थिक रूप से मदद करती है. इसी योजना के तहत 27 मार्च को दंतेवाड़ा में सामूहिक रूप से 350 जोड़ों की शादी कराने का आयोजन किया गया. इतने बड़े लेवल पर शादी कराने का टारगेट तय हुआ तो इसे पूरा करने के लिए गड़बड़ी भी सामने आ गई. गड़बड़ी ऐसी कि शादीशुदा जोड़े की ही फिर से शादी करा दी गई. वह शादीशुदा जोड़ा भी सरकारी कर्मचारी निकला.
क्या है पूरा मामला?
27 मार्च को दंतेवाड़ा के डोबरा ग्राउंड पर प्रशासन की तरफ से एक शादी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसी कार्यक्रम में एक शादीशुदा जोड़ा मंडप में बैठ गया. पति-पत्नी दोनों ही सरकारी कर्मचारी हैं. पति कृष्णा कुंजाम वन विभाग बीजापुर में कर्मचारी है और पत्नी संजना कुंजाम दंतेवाड़ा के बालूद गांव में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं. जब एक स्थानीय मीडियाकर्मी ने दोनों पति-पत्नी से सवाल किया तो वे जवाब देने से बचने लगे.
छत्तीसगढ़ के यूट्यूब चैनल बस्तर टॉकीज ने इस जोड़े का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. वीडियो में दिख रह है कि उनसे जब सवाल किया गया तो दोनों कहते हैं,
"हम अनुसूचित जनजाति से हैं और अब हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर रहे हैं. आपको दिक्कत क्या है? इससे पहले हमने आदिवासी रीति से शादी की थी."जांच के बाद कार्रवाई का निर्देश दंतेवाड़ा के डीएम दीपक सोनी ने इस लापरवाही के सामने आने के तुरंत बाद कहा कि वे इसे चेक करेंगे और दोषी पाए जाने पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी. 28 मार्च को प्रशासन के तरफ से एक वीडियो जारी कर बताया गया कि जांच में पुष्टि होने के बाद उस जोड़े को इस योजना का लाभ लेने से रोक दिया गया. एक अधिकारी ने बताया कि संबंधित विभाग को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. लेकिन, बस्तर टॉकीज चैनल चलाने वाले पत्रकार विकास तिवारी उर्फ़ रानू ने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने एक वीडियो जारी कर बताया कि प्रशासन कार्रवाई करने की बात कर रहा है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं की गई है. वहीं छत्तीसगढ़ के एक अन्य पत्रकार आलोक पुतुल ने ट्विटर पर शादीशुदा जोड़े के वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि क्या कांग्रेस सरकार आदिवासियों को हिंदू मानती है?
क्या है मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना का मकसद गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों की मदद करना है. इसके तहत सरकार लड़की की शादी के लिए 25,000 रुपए तक खर्च करती है. इसमें एक परिवार से 18 साल से अधिक उम्र की अधिकतम दो लड़कियों को लाभ दिलाया जाता है. इस योजना में विधवा, अनाथ और बेघर लड़कियों को भी शामिल किया गया है. लेकिन इस योजना का लाभ पहले से शादीशुदा लड़कियां और सरकारी कर्मचारी नहीं ले सकते.छत्तीसगढ़ के @BastarTalkies के अनुसार दंतेवाड़ा में सरकार की निर्धन कन्या विवाह का टार्गेट पूरा करने के लिए शादीशुदा सरकारी कर्मचारियों की भी हिंदू रीति से शादी करा दी गई.
सवाल ये भी कि @INCIndia @RahulGandhi की सरकार क्या आदिवासियों को हिंदू मानती है? pic.twitter.com/Pnn3pdqC1B — Alok Putul (@thealokputul) March 28, 2022