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पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी जज के सामने लेटे-लेटे सुनवाई सुन रहे थे, लताड़ पड़ गई

ऐसी फटकार लगाई कि पूर्व डीजीपी को सफाई देनी पड़ गई.

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पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी. (पुरानी तस्वीर, साभार- पीटीआई)
23 दिसंबर 2021 (Updated: 23 दिसंबर 2021, 11:11 IST)
Updated: 23 दिसंबर 2021 11:11 IST
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साल 1994 की बात है. पंजाब में तीन लोगों की हत्या और अपहरण का मामला सामने आया था. इसमें पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और तीन अन्य पुलिसवालों पर आरोप लगे. तीनों पर मुकदमा चल रहा है. इन्हीं सुमेध सिंह सैनी को हाल ही में कोर्ट ने तगड़ी फटकार लगा दी. वजह ये कि सैनी अदालत की वर्चुअल सुनवाई के दौरान सैनी अपने घर के बिस्तर पर लेटे पाए गए.

खबर के मुताबिक सोमवार 20 दिसंबर को सुमेध सिंह सैनी सीबीआई कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे. लेकिन पेश होने का उनका तरीका अजीब था. वो बिस्तर पर लेटे-लेटे ही सुनवाई में हिस्सा ले रहे थे. स्पेशल सीबीआई जज संजीव अग्रवाल को ये बिल्कुल रास नहीं आया. उन्होंने चेतावनी देते हुए सैनी से कहा कि वो कोर्ट की मर्यादा बनाए रखें.

हालांकि, सैनी ने कोर्ट को इस बात की जानकारी दी कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और वो बिस्तर से उठ पाने की स्थिति में नहीं हैं. इसके बाद जज ने सुनवाई स्थगित कर दी. साथ ही सैनी को चेतावनी दी कि इस तरह का व्यवहार दोबारा नहीं होना चाहिए.

जज ने लगाई फटकार

इंडिया टुडे/आजतक से जुड़ीं अनीषा माथुर की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व डीजीपी को सुनवाई में लेटा देख जज ने एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया,

'आरोपी नंबर 1 सुमेध सिंह सैनी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हुए. हालांकि, ऐसा पाया गया कि बिस्तर पर लेटे हुए उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हिस्सा लिया. पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वो ठीक नहीं हैं और उन्हें बुखार है. हालांकि उनकी ओर से कोई भी मेडिकल सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं कराया गया है. इस संदर्भ में आरोपी नंबर 1 को चेतावनी दी जाती है कि भविष्य में ऐसी चीजें दोबारा ना हों. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल होते वक्त भी कोर्ट की मर्यादा बनाए रखें.'

किस मामले में आरोपी हैं पूर्व डीजीपी?

15 मार्च 1994 को लुधियाना के एक व्यवसायी विनोद कुमार, उनके बहनोई अशोक कुमार, ड्राइवर मुख्तियार सिंह की कथित रूप से अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी. आरोप लगा था पंजाब पुलिस के कुछ पुलिसकर्मियों पर जिनमें सुमेध सिंह सैनी भी शामिल थे. वो उस समय लुधियाना के एसएसपी थे. पीड़ितों के परिवारों का कहना था कि विनोद कुमार, अशोक कुमार और मुख्तियार सिंह के अपहरण में सुमेध सिंह सैनी की भी संलिप्तता थी. उन्होंने दावा किया था कि अपहरण के बाद इन तीनों की हत्या कर दी गई थी.

हैरानी वाली बात तो ये है कि तीनों के शव नहीं मिले. बाद में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले में दखल दिया और सैनी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया.

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