अरुण जेटली ने 1 फरवरी को बजट पेश किया. सबके लिए कुछ न कुछ था. किसान के लिए, गरीब के लिए, आदिवासी के लिए, बड़े-छोटे उद्योगों के लिए, नौकरीपेशा के लिए. बिजनेसमैन, छात्रों और महिलाओं के लिए भी बजट में काफी कुछ था. सबने अपने-अपने हिसाब से बजट का आकलन किया. किसी के लिए बजट अच्छा था, तो किसी को निराशा हुई. राजनीतिक पार्टियों का भी यही हाल था. बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों के लिए ये अब तक का सबसे बेहतरीन बजट था, तो वहीं कांग्रेस और तमाम विपक्षी पार्टियों के लिए ये सबसे खराब बजट था. खुद पीएम मोदी ने भी इस बजट को देश का सबसे बेहतर बजट बताया. उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनकी पूरी टीम को इसके लिए बधाई दी.

लेकिन सबको खुश करने की कोशिश करने वाले वित्त मंत्री अरुण जेटली से उनके अपने ही नाराज हैं. और उनके अपने और कोई नहीं बल्कि उनकी पत्नी संगीता जेटली हैं. जब 1 फरवरी को बजट पेश होना था तो अरुण जेटली का पूरा परिवार भी संसद भवन परिसर में मौजूद था. इसमें पत्नी संगीता जेटली और उनके बेटे रोहन जेटली और बहन मधु भार्गव भी थे. बजट आने के बाद जब सबसे पूछा गया कि अरुण जेटली को 10 में से कितने नंबर देंगे. रोहन जेटली ने तो अपने पापा को 10 में से 10 नंबर दिए, वहीं मधु भार्गव ने भी अपने भाई को 10 में से 10 अंक ही दिए, लेकिन संगीता जेटली ने एक नंबर काट लिया.

उन्होंने कहा कि वो अपने पति को 10 में से सिर्फ 9 नंबर ही देंगी. संगीता ने कहा कि बजट तैयार करने में ‘मानवीय चूक’ भी हो सकती है, इसलिए एक नंबर कम दे रही हूं. हालांकि इसके बाद संगीता ने पूरे बजट की तारीफ की और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका काम ही आलोचना करना है.
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