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मध्य प्रदेश: सरकार ने शराब सस्ती की, बीजेपी के लोगों पर बेचने वालों के माथे फोड़ने का आरोप

मध्य प्रदेश के रीवा में एक शराब की दुकान में जमकर तोड़फोड़ की गई.

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बीजेपी विधायक केपी त्रिपाठी (बीच में) और बवाल की तस्वीरें. (साभार- ट्विटर)
1 अप्रैल 2022 (Updated: 1 अप्रैल 2022, 16:08 IST)
Updated: 1 अप्रैल 2022 16:08 IST
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मध्य प्रदेश में शराब की दुकानें बीजेपी नेताओं के निशाने पर हैं. पिछले दिनों सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का एक वीडियो वायरल हुआ था. इसमें वो शराब की दुकान में रखी बोतलों पर पत्थर फेंकती नज़र आई थीं. अब ऐसा ही एक और वाकया सामने आया है. इस बार बीजेपी विधायक केपी त्रिपाठी चर्चा में हैं. खबर है कि शराब की दुकान के विरोध में धरना दे रहे केपी त्रिपाठी के कार्यकर्ताओं ने वहां जमकर उत्पात मचाया. हालांकि बवाल में दूसरे पक्ष के लोग भी शामिल रहे.

क्या हुआ था?

आजतक से जुड़े विजय कुमार विश्वकर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक मामला मध्य प्रदेश के रीवा जिले का है. केपी त्रिपाठी यहां की सिमरिया विधानसभा सीट से विधायक हैं. वो उर्रहट इलाके में खुली शराब की दुकान के विरोध में पहुंचे थे. अपने कार्यकर्ताओ के साथ. इस दौरान बीजेपी विधायक पुलिसकर्मियों और आबकारी विधायकों पर खासे नाराज दिखाई दिए. सोशल मीडिया पर वायरल ये वीडियो देखिए. एक दूसरे वीडियो में केपी त्रिपाठी अपने साथियों के साथ दुकान के ठीक सामने बैठे दिख रहे हैं. इसमें उनकी लिकर शॉप के संचालक के साथ हुई बहस भी सुनी जा सकती है. वो विधायक से कह रहा है कि शराब बेचने का लाइसेंस तो सरकार ही दे रही है, अगर शिकायत करनी है तो सरकार से करो. थोड़ी देर बाद ये बहस इतनी उग्र हो गई कि विधायक और लिकर शॉप वालों के बीच कुर्सी तोड़, माथा फोड़ हिंसा हुई. ख़बर के मुताबिक इस घटना में शराब की दुकान के कर्मचारी घायल हुए हैं. एक की हालत गंभीर भी बताई जा रही है. मारपीट में घायल हुए लोगों को संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. वीडियो में गाली-गलौज होने के चलते हम उसे यहां शेयर नहीं कर रहे हैं. घटना के बाद दुकान के संचालक ने आरोप लगाया कि विधायक केपी त्रिपाठी अपने साथ 'सैकड़ो गुंडों' को लेकर पहुंचे थे. उनके पास डंडे भी थे जिनसे कर्मचारियों को जमकर पीटा गया. उसने कहा कि सरकार शराब की दुकान का लाइसेंस दे रही है और विधायक दुकान बंद करा रहे हैं. एमपी में शुरू नई शराब नीति दरअसल मध्य प्रदेश में नई शराब नीति लागू की गई है. विधायक केपी त्रिपाठी शराब की दुकान खुलने से नाराज हैं, जबकि मामले का दूसरा पक्ष ये है कि 1 अप्रैल से नई सरकारी नीति के चलते राज्य में शराब सस्ती हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 31 मार्च को एमपी में कई जगहों पर ऑफर देकर शराब की बिक्री भी हुई है. नई शराब नीति के तहत शराब बनने से लेकर ग्राहक तक पहुंचने के बीच कमाई का जो मार्जिन था, उसे कम कर दिया गया है. इसके चलते शराब की क़ीमतें घट जाएंगी. इसी के खिलाफ पहले उमा भारती मैदान में उतरी थीं. उनका विरोध अभी भी जारी है. शुक्रवार 1 अप्रैल को उन्होंने ट्विटर के ज़रिए ये नाराज़गी जताई.
"कल से चैत्र की नवरात्रि है. ये नौ दिन नारी शक्ति की पूजा का पर्व है. आज हमने मध्य प्रदेश में नई शराब नीति लागू की है. इसमें लोगों को ज्यादा शराब कैसे पिलाई जा सके, अहातों में ज्यादा शराब कैसे परोसी जा सके, इस व्यवस्था को निश्चित किया है.
मध्य प्रदेश में जिसका सर्वत्र नारी शक्ति द्वारा विरोध हो रहा है. छत्तीसगढ़ और दिल्ली की भारतीय जनता पार्टी की राज्य की इकाइयां इसी प्रकार की शराब की नीति के विरोध में सड़क पर उतर आई हैं. मैं मध्य प्रदेश की महिलाओं और बेटियों के साथ हूं, शराबखोरी के शिकार हो गए बेटों के लिए भी चिंतित हूं. उनकी इज्ज़त और जान पर खेलकर हम राजस्व कमा रहे हैं, इस पर शर्मिंदा भी हूं."
उमा भारती पहले भी कई बार मध्य प्रदेश में शराबबंदी की मांग कर चुकी हैं. बीती 13 मार्च को भोपाल के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र के आजाद नगर में शराब दुकान को उन्होंने निशाना बनाया था. उन्होंने दुकान में घुसकर वहां रखी बोतलों को पत्थर से तोड़ दिया था.

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