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बिहार : जेल में बंद इस क़ैदी ने जो किया है, सुनकर आपका दिन बन जाएगा!

हत्या के आरोप में बंद है कैदी, जेलर ने की बड़ी मदद!

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रिपोर्ट्स के मुताबिक सूरज का सपना वैज्ञानिक बनना है. (फोटो: ट्विटर)
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24 मार्च 2022 (Updated: 24 मार्च 2022, 07:45 IST)
Updated: 24 मार्च 2022 07:45 IST
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जेल में बंद था कैदी. कैदी को मिली किताब. किताब से हुई पढ़ाई. कैदी ने दिया एग्ज़ाम और मिल गई दिल खुश कर देने वाली खबर. मामला बिहार का है. बिहार के नवादा जिला जेल में बंद एक कैदी ने IIT-JAM 2022 के एंट्रेस एग्जाम में पूरे देश में 54वीं रैंक हासिल की है. जिस कैदी ने ये उपलब्धि हासिल की है, उसका नाम सूरज है. सूरज की उम्र 22 साल है और वो पिछले 11 महीनों से हत्या के आरोप में जेल में बंद है. अब सूरज की चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है. कहानी क्या है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूरज बिहार के नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मोसमा गांव का रहने वाला है. आरोप है कि पिछले साल अप्रैल में गांव के संजय यादव की बुरी तरह से पिटाई की गई. हालत इतनी गंभीर हुई कि 45 साल के संजय यादव की मौत हो गई. संजय के पिता ने सूरज समेत कई लोगों पर हत्या के आरोप में FIR दर्ज कराई. FIR दर्ज होने के बाद से ही सूरज जेल में बंद है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूरज का सपना वैज्ञानिक बनना है. जेल में बंद रहते हुए सूरज ने आईआईटी जैम परीक्षा की तैयारी की. एग्जाम दिया और जब रिजल्ट आया तो सूरज को 54वीं रैंक मिली. सूरज की इस सफलता का श्रेय जेल के अधीक्षक और उसके भाई को दिया जा रहा है, जिन्होंने स्टडी मैटेरियल उपलब्ध कराने में सूरज की खूब मदद की. पैरोल पर दिया एग्जाम सूरज ने इस साल 13 फरवरी को पैरोल पर बाहर आकर आईआईटी की ज्वाइंट एडमिशन टेस्ट फॉर मास्टर्स (जैम) की परीक्षा का एग्जाम दिया था. जेल जाने से पहले सूरज बिहार से बाहर रहकर इस परीक्षा की तैयारी कर रहा था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब सूरज को जेल में डाला गया, तो उसका आत्मविश्वास पूरी तरह से खत्म हो गया था. हालांकि, जेल के अधीक्षक ने उसे मोटिवेशनल स्पीच सुनने को कहा और उसकी हरसंभव मदद की. आईआईटी की तरफ से हर साल ज्वाइंट इंडियन टेस्ट फॉर मास्टर्स परीक्षा का आयोजन किया जाता है. इस एंट्रेस एग्जाम के तहत, आईआईटी में दो साल के एमएससी या एमटेक कोर्स में एडमिशन मिलता है. सूरज अब आईआईटी रुड़की में एडमिशन लेकर मास्टर्स का कोर्स कर सकेगा. तो अब पढ़ाई करनी हो तो बहाना मत बनाओ. रील्स और कच्चा बादाम के आगे जहां और भी है.

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