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वाराणसी: BHU के स्टूडेंट को उठाने के दो साल बाद पुलिस ने बताया - "तालाब में डूबकर मर गया"

दो साल पहले बनारस ह‍िंदू विश्‍वविद्यालय (BHU) में पढ़ने वाला एक स्टूडेंट श‍िव कुमार त्रिवेदी (Shiv Kumar Trivedi) लापता हो गया था. अब दो साल बाद पुलिस ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया है क‍ि श‍िव की मौत हो चुकी है.

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BHU missing student case
दायीं तरफ छात्र श‍िव कुमार त्रिवेदी की फोटो ( क्रेडिट: ट्विटर/ @bhupro)
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25 अप्रैल 2022 (Updated: 25 अप्रैल 2022, 12:26 IST)
Updated: 25 अप्रैल 2022 12:26 IST
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दो साल पहले बनारस ह‍िंदू विश्‍वविद्यालय (BHU) में पढ़ने वाला एक स्टूडेंट श‍िव कुमार त्रिवेदी (Shiv Kumar Trivedi) लापता हो गया था. बताया जा रहा था कि बनारस की लंका थाने की पुलिस 13-14 फरवरी 2020 की रात उसे अपने साथ ले गई थी. उसके बाद से शिव का पता नहीं चला. शिव के पिता प्रदीप त्रिवेदी मध्य प्रदेश से अपने बेटे की खोज-खबर लेने वाराणसी (Varanasi) पहुंचे. कुछ पता नहीं चल पाया. शिव के पिता बीएचयू के प्रॉक्टर ऑफिस से लेकर पुलिस थाने और कोर्ट के चक्कर लगाते रहे. कहीं से कोई जवाब नहीं. अब दो साल बाद पुलिस ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया है क‍ि श‍िव की मौत हो चुकी है.

आजतक से जुड़े पंकज श्रीवास्तव के मुताबिक मामले की जांच कर रही सीबीसीआईडी (CB-CID) ने हाई कोर्ट में दाखिल की गई अपनी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में बताया है कि शिव की तालाब में डूबकर मौत हो गई थी. IPS सुनीता सिंह की अगुआई वाली जांच टीम के मुताबिक लापता छात्र का शव रामनगर स्थित तालाब से बरामद हुआ है. बरामद शव का डीएनए शिव के पिता से मैच हो गया है. ये आशंका जताई गई है कि छात्र शिव कुमार त्रिवेदी को मारकर तालाब में फेंका गया था.

दो साल पहले हुआ क्या था?

लल्लनटॉप ने अगस्त 2020 में इस मामले को कवर करते हुए शिव कुमार त्रिवेदी के पिता प्रदीप त्रिवेदी से बात की थी. मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के रहने वाले प्रदीप त्रिवेदी का बेटा शिव कुमार त्रिवेदी बीएचयू में बी.एससी. (मैथ्स) का स्टूडेंट था. 12 फरवरी, 2020 को अपने पिता से आखिरी बातचीत के बाद शिव का फोन नहीं उठा. 14 फरवरी तक लगातार बातचीत न हो पाने के बाद पिता ने मकान मालिक को फोन किया. पता चला कि शिव के कमरे का ताला खुला है और वो दो दिनों से कमरे पर ही नहीं आया.

पिता 16 फरवरी को बनारस आए और बीएचयू के प्रॉक्टर ऑफिस गए. वहां से लेटर फॉरवर्ड कराया और लंका थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई. पुलिस ने रिपोर्ट लिखी और पता लगाने का आश्वासन दिया. मामला सोशल मीडिया पर पहुंचा और फिर प्रदीप त्रिवेदी को 19 फरवरी को एक फोन आया. यह फोन था बीएचयू के ही छात्र अर्जुन का. प्रदीप त्रिवेदी ने बताया था,

"अर्जुन सिंह ने 19 फरवरी को फोन किया और बताया कि आपके बेटे को तो पुलिस लंका थाने ले गई थी. यह भी कहा कि उन्होंने खुद डायल 112 पर फोन करके PRV बुलाई थी. इसके बाद मैंने अर्जुन से सारी जानकारी ली. और दोबारा लंका थाने गया. वहां कहा गया कि चेतगंज थाने जाओ. चेतगंज से मुझे सीर गेट पुलिस चौकी भेज दिया और फिर सीर गेट पुलिस चौकी पर कहा कि कंट्रोल रूम जाओ. जब कंट्रोल रूम से भी कुछ पता नहीं चल सका, तो मैं सारी जानकारी लेकर एसएसपी प्रभाकर चौधरी के पास गया. उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया और 112 नंबर के ड्राइवर को बुलाया. पूछताछ करने पर ड्राइवर ने ही बताया कि शिव कुमार को 13 फरवरी की रात साढ़े आठ बजे लंका पुलिस चौकी में छोड़ा गया था."

लल्लनटॉप ने बीएचयू के छात्र अर्जुन से भी बात की थी. अर्जुन ने बताया था कि उन्होंने 12 फरवरी को शिव को एम्फिथियेटर ग्राउंड के पास देखा था. वह नाले में पैर डाले बैठा था. वो उसके पास गए. बात करने की कोशिश की, मगर वह कुछ बोल नहीं पा रहा था. अर्जुन ने बताया था,

"लगातार बात करने की कोशिश के बाद जब वह नहीं बोला, तो हमने तय किया कि पुलिस को बता देना चाहिए. मैंने डायल 112 पर कॉल किया और पुलिस 10 मिनट में उसे ले गई. लेकिन फिर 19 फरवरी को मैंने फेसबुक पर इस लड़के की तस्वीर देखी. मेरे जानने वाले तस्वीर शेयर कर रहे थे और बता रहे थे कि यह कैंपस से लापता हो गया है. फिर मैंने किसी माध्यम से शिव के पिताजी से संपर्क किया और उन्हें बताया. मैंने उस दिन का मैसेज भी उन्हें दिखाया, जो 112 नंबर पर कॉल करने के बाद मेरे पास आया था."

इस पूरे मामले पर लल्लनटॉप ने पुलिस से भी बात की थी. तब लंका थाने के प्रभारी महेश पांडेय ने बातचीत में कहा था कि जांच चल रही है. उन्होंने कहा था,

"वह अभी मिला नहीं है. 16 फरवरी को गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखी गई है. मैंने देखा है. तब से तलाश हो रही है. मैं यहां जुलाई में आया हूं."

क्या शिव मानसिक रूप से बीमार था?

बीएचयू के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 22 फरवरी, 2020 को एक ट्वीट किया गया था.

विज्ञान संस्थान,#BHU के B. Sc,भौतिकी के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी, 12/02/2020 रात्रि से अपने कमरे चित्तूपुर गेट के पास से लापता हैं। परिजनों के अनुसार उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।कृपया कोई भी सूचना मिलने पर पुलिस अथवा विश्वविद्यालय प्रशासन को सूचित करें। @varanasipolice pic.twitter.com/eIV6LTdftx

— BHU Official (@bhupro) February 22, 2020

 

ट्वीट में कहा गया था कि लापता छात्र के परिजनों के अनुसार, उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. इस बाबत शिव के पिता का कहना था कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि उनका बेटा मानसिक रूप से बीमार है.

शिव के पिता ने बताया था कि पुलिस उनके लड़के को मानसिक रूप से बीमार बता रही है. उन्होंने कहा था कि 22 फरवरी, 2020 को एसएसपी के कहने के बाद जब वह लंका थाने पर गए, तो यहां के तत्कालीन इंचार्ज भरत भूषण तिवारी मिले. उन्होंने बताया था कि लड़का रातभर थाने में था और जब उसे सुबह निकाला गया, तो उसने कपड़े में पेशाब कर दिया था. वह कुछ बोलता नहीं था, तो उसको छोड़ दिया था.

शिव के पिता का कहना था,

"मेरे लड़के ने 12वीं में रहते हुए आईआईटी की परीक्षा पास कर ली थी. वह बीएचयू में पढ़ता था. अगर वह मानसिक रूप से ठीक नहीं होता, तो क्या वह बीएचयू में पढ़ता?"

मामला हाईकोर्ट कैसे पहुंचा?

लापता छात्र के पिता के लगातार संघर्षों के बाद मामला तूल पकड़ने लगा. फिर बीएचयू के छात्रों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई. मामले में बीएचयू के ही पूर्व छात्र और इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकील, सौरभ तिवारी ने जनहित याचिका के रूप में हाईकोर्ट से इस पर सुनवाई का अनुरोध किया. हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए 25 अगस्त, 2020 को सुनवाई शुरू की.

कोर्ट ने इस मामले पर सितंबर 2020 में सुनवाई के दौरान कहा था कि लड़के को ढूंढ कर लाइए या सीबीआई की जांच के लिए तैयार रहिए.

अब 21 अप्रैल, 2022 को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने बताया क‍ि 15 फरवरी, 2020 को यानी जिस दिन पुलिस श‍िव को ले जाती है, उसके दो दिन बाद, बनारस के रामनगर में स्थित जमुना तालाब में एक शव मिला था. कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट एफीडेविट के साथ दाखिल करने का आदेश दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी.

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