आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार किसी बाहरी ने कश्मीर में जमीन खरीदी है!
इससे पहले केवल जम्मू डिविजन में बाहरियों के जमीन खरीदने की बात सामने आई थी.
Advertisement
“अब तो जम्मू कश्मीर में संपत्तियां ख़रीदी जाएंगी”. ये जुमला आपने उस समय बहुत सुना होगा जब 2019 में भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया था. अब केंद्र सरकार ने इसकी जानकारी सबके सामने रख दी है कि असल में बाहर के कितने लोगों ने यहां ज़मीन ख़रीदी है. सरकार ने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश के बाहर के 34 लोगों ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यहां ज़मीनें खरीदी हैं.
सहारनपुर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से सांसद हाजी फजलुर रहमान ने सरकार से सवाल किया था कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में संपत्ति खरीदने वाले बाहर के लोग कितने हैं और किन क्षेत्रों में ये संपत्ति खरीदी गई है. इसके जवाब में मंगलवार 29 मार्च को लोकसभा में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदेरबल ज़िलों में बाहर के लोगों ने जमीनें खरीदी हैं.
कश्मीर हुई हिंसा की एक पुरानी तस्वीर. (साभार- पीटीआई)
यहां दिलचस्प बात ये है कि पहली बार कश्मीर घाटी में किसी बाहरी के जमीन खरीदने की बात सामने आई है. इंडियन एक्सप्रेस
की ख़बर के मुताबिक सरकार ने बताया है कि जम्मू-कश्मीर के जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदेरबल जिलों में लोगों ने जमीनें खरीदी हैं. बता दें कि रियासी और उधमपुर जम्मू डिविजन में आते हैं और गांदेरबल जिला कश्मीर वाले क्षेत्र का हिस्सा है.
अखबार के मुताबिक जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सूत्रों ने कहा कि ये सभी संपत्तियां पंजाब और दिल्ली के व्यापारियों ने खरीदी हैं. उन्होंने जो ज़मीने ख़रीदी हैं उनका क्षेत्रफल ज़्यादा बड़ा नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों ने छुट्टी मनाने के मकसद से कश्मीर समेत अन्य जिलों में जमीनें खरीदी हैं ताकि वहां घर या फार्महाउस बना सकें.
एक अधिकारी ने अखबार को बताया,
“आर्टिकल 370 को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर में ज़मीन की कीमतें लगभग 6 गुना बढ़ गई हैं. 3 लाख रुपये प्रति कनाल में उपलब्ध प्लॉट अब 18 लाख रुपये प्रति कनाल में बिक रहे हैं. कई लोग भविष्य को ध्यान में रखकर निवेश कर रहे हैं. निवेशकों के बीच विश्वास है कि आखिर में घाटी में शांति कायम होगी और अभी किए गए निवेश से आने वाले समय में फायदेमंद व्यापार के मौके पैदा होंगे.”इससे पहले दिसंबर 2021 में एक प्रश्न के लिखित जवाब में सरकार ने संसद को बताया था कि जम्मू-कश्मीर में बाहर के लोगों ने (अगस्त 2019 से) कुल सात प्लाट ही खरीदे हैं. ये संख्या ना सिर्फ कम थी, बल्कि ये भी पता चला था कि ये सभी सात प्लॉट जम्मू डिविजन में स्थित हैं. लेकिन इस बार सरकार के बयान से साफ हुआ है कि पहली बाहर कश्मीर घाटी में भी जमीनें खरीदी गई हैं.
फाइल फोटो. (पीटीआई)
अगस्त 2019 से पहले अनुच्छेद 370 के एक्टिव होने के चलते बाहर के लोग जम्मू और कश्मीर में लैंड प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकते थे. अनुच्छेद 35ए के तहत उनके प्रॉपर्टी खरीदने पर प्रतिबंध था. अब चूंकि आर्टिकल 370 ही हटाया दिया गया है, ऐसे में दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकते हैं और यहां निवेश भी कर सकते हैं.
पांच अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त कर दिया था. साथ ही जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख- में बांट दिया था. जम्मू कश्मीर में विधानसभा का प्रावधान किया गया है जबकि लद्दाख में विधानसभा का प्रावधान नहीं है.