26 लाख करोड़ रुपये के टाटा ग्रुप में फिर उठापठक हो रही है. रतन टाटा ने जिस ग्रुपको इतनी मेहनत से खड़ा किया अब उस पर खतरा मंडरा रहा है. रतन टाटा के करीबी सहयोगीमेहली मिस्त्री टाटा ट्रस्ट से बाहर हो गए. क्या यह टाटा में मिस्त्री युग काखात्मा है? टाटा संस की लीडरशिप और इन्वेस्टर्स के विश्वास के लिए इसका क्या मतलबहै? जानने के लिए खर्चा-पानी का ये एपिसोड देखें.