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हर टूटी चीज को चिपकाने वाला फेविक्विक अपनी ट्यूब के अंदर क्यों नहीं चिपकता?

फेविक्विक या फेविकोल दुनिया की किसी भी चीज को चिपका देता है लेकिन यह अपने कंटेनर से क्यों नहीं चिपकता?. इसके पीछे एक साइंस है. आज उसी के बारे में बात करेंगे.

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Fevikwik
फेविक्विक अपने ट्यूब से क्यों नहीं चिपकता (India Today)
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राघवेंद्र शुक्ला
25 जुलाई 2025 (Updated: 25 जुलाई 2025, 04:29 PM IST) कॉमेंट्स
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फेविक्विक (Fevikwik) या फेविकोल (Fevicol) किसी भी टूटी चीज को जोड़ देता है. सिर्फ एक बूंद लगाइए. टूटे कप हों या खिलौने. ऐसे चिपक जाएंगे जैसे कभी टूटे ही नहीं. मतलब इतना मजबूत गोंद कि आदमी के हाथ-पांव भी चिपका दे. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इतना ताकतवर चिपकाने वाला गोंद खुद अपनी ट्यूब या बोतल के अंदर क्यों नहीं चिपकता? इसके पीछे है विज्ञान. 

पहली बात ये कि फेविकोल हो या फेविक्विक, इनके कंटेनर इस तरीके से डिजाइन किए जाते हैं कि इनके ग्लू तभी काम करें जब कंटेनर से बाहर निकाले जाएं. कंटेनर के लिए ऐसा प्लास्टिक यूज करते हैं, जो ग्लू के केमिकल से प्रतिक्रिया (Reaction) न करे. 

लेकिन सिर्फ यही वजह नहीं होती जिससे ग्लू कंटेनर से नहीं चिपकता. आपने भी देखा होगा. कई बार फेविक्विक के पैकेट का ढक्कन खोल देने के बाद जब उसे फिर से लगाते हैं तो कुछ देर बाद वह अपने ही कंटेनर से ऐसे चिपक जाता है कि दोबारा नहीं खुलता. अब ये कैसे हो जाता है? इसका प्लास्टिक तो खास तरीके से बनाया गया होता है. 

यहां काम करता है इस मजबूत ग्लू वाला विज्ञान.

दरअसल, फेविक्विक में यूज होने वाला मेन केमिकल है- cyanoacrylate. ये एक सुपरफास्ट-ऐक्टिंग गोंद है जो नमी (moisture) के संपर्क में आते ही जम जाता है. यानी ये हवा या किसी सतह पर मौजूद पानी की बहुत हल्की-सी परत के साथ भी केमिकल रिएक्शन करता है और सख्त होकर चीजों को सिर्फ 5 मिनट में जोड़ देता है.

टूटी चीजों को कैसे जोड़ता है?

फेविक्विक के ग्लू को चिपकने के लिए वाष्पन की प्रक्रिया की जरूरत होती है. मतलब, ग्लू की नमी जब भाप बनकर उड़ जाती है, तब उसका cyanoacrylate बहुत सख्त होता है और यही वजह है जो टूटी चीजों को जोड़ती है.

उदाहरण के लिए, आपके पास लड़की की एक स्टैच्यू है. उसका कोई हिस्सा टूट गया. आप एक फेविकोल या फेविक्विक या ऐसा कोई ग्लू लेकर आइए. मूर्ति की टूटी हुई सतह पर लगाइए. अब होगा ये कि तरल (Liquid) ग्लू मूर्ति की सतह पर मौजूद छोटी-छोटी दरारों में घुस जाता है. फिर शुरू होती है वाष्पन की प्रक्रिया. हवा के संपर्क में आते ही ग्लू में मौजूद पानी भाप बनकर उड़ जाता है और Cyanoacrylate वहीं सूखकर अटक जाता है. इससे ग्लू और मूर्ति के सरफेस के बीच एक ‘मैकेनिकल लॉक’ जैसा बन जाता है. इसे  Mechanical Adhesion कहते हैं. चीजें फेविक्विक या फेविकोल से ऐसे ही चिपकती हैं.

फिर फेविक्विक ट्यूब से क्यों नहीं चिपकता?

फेविक्विक या फेविकोल के ग्लू में दो चीजें होती हैं जो इसे ट्यूब से चिपकने से बचाती हैं:

पहली तो ट्यूब के अंदर हवा नहीं होती या बहुत कम होती है. फेविक्विक या फेविकोल को जब पैक किया जाता है तो इसके ट्यूब या कंटेनर में हवा बहुत कम रखी जाती है. इससे कंटेनर के अंदर नमी (moisture) भी बहुत कम होती है. चूंकि ऐसे ग्लू नमी के संपर्क में आने पर ही एक्टिव होते हैं इसलिए ड्राई ट्यूब में ये Iinactive बने रहते हैं और कंटेनर से चिपकते नहीं.

दूसरी, फेविक्विक को एयरटाइट (Airtight) एल्यूमिनियम या प्लास्टिक ट्यूब में पैक किया जाता है. ये अपने अंदर नमी या हवा को घुसने नहीं देते. सो अंदर का माहौल सूखा-सूखा बना रहता है.

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