दुबई के शेख ने अपनी ही बेटी का किडनैप करवाया और इस चक्कर में भारत की भयानक बेइज्ज़ती हुई
शेख राशिद अल-मख्तूम की बेटी लतीफा की डराने वाली कहानी.

साल 2004. छठी शादी. मियां-बीवी में 25 साल का फासला शेख मुहम्मद के वालिद थे दुबई के पूर्व शासक शेख राशिद अल-मख्तूम. चार बेटों में तीसरा नंबर. छोटे थे, तो दुबई में समंदर किनारे घुड़सवारी करते थे. बड़े होने पर भी ये शौक छूटा नहीं. दुनिया की सबसे बड़ी हॉर्सरेसिंग टीम बना ली. नाम रखा- गोडोलफिन. 1992 के बाद से ये टीम दुनियाभर में 6,000 से ज़्यादा घुड़दौड़ जीत चुकी है. 2006 की बात है. सबसे बड़े भाई की मौत के बाद दुबई के शासक बने शेख मख्तूम. राजा बनने के दो साल पहले शेख मख्तूम की शादी हुई जॉर्डन की राजकुमारी हया बिंत अल-हुसैन से. तब अल-मख्तूम थे 55 बरस के. मियां-बीवी की उम्र में 25 साल का फासला था. हया छठी बीवी थीं अल-मख्तूम की. दोनों में एक चीज कॉमन थी, दोनों को घोड़े पसंद थे. ...और शेख की बेटी दुबई से भाग गई हया और शेख के दो बच्चे हुए. बेटी जलीला पैदा हुई 2007 में. बेटा ज़ायद हुआ 2012 में. शेख के 25 बच्चों में सबसे छोटे थे ये दोनों. शुरुआत में चीजें ठीक दिखती थीं. हया के दिए कुछ पुराने इंटरव्यू हैं, जहां वो अपनी गुडी-गुडी ज़िंदगी की बातें करती थीं. दिक्कतें शुरू हुईं 2018 से. जब शेख की 25 औलादों में से एक लतीफा ने UAE से भागने की कोशिश की.British court rules against Dubai ruler Sheikh Mohammed Bin Rashid Al-Maktoum. How can he be trusted with his two young children when he kidnapped and imprisoned two older daughters who wanted to lead independent lives and violently threatened his wife. https://t.co/af1FUFCf8a pic.twitter.com/BrQvpqWdMM
— Kenneth Roth (@KenRoth) March 5, 2020
कैसे भागी लतीफा? फिनलैंड की एक फिटनेस ट्रेनर- टिना जॉहिएनेन से लतीफा की अच्छी दोस्त थी. उसी के साथ मिलकर लतीफा ने भागने की प्लानिंग की. आइडिया मिला 'इस्केप फ्रॉम दुबई' नाम की एक किताब से. जिसे लिखा था फ्रांस के एक पूर्व नेवी अधिकारी और जासूस हर्व जॉबर्ट ने. लतीफा को लगा, हर्व मदद कर सकते हैं. लतीफा के कहने पर टिना फिलिपीन्स गईं, खास हर्व से मिलने. और इसके बाद इन तीनों ने मिलकर दुबई से भागने की प्लानिंग बनाई. किसी को पता न चले, इसके लिए तीनों ने खूब सावधानी बरती. जब भी मिलते, मोबाइल बंद कर देते. ये पक्का करते कि कोई उनका पीछा नहीं कर रहा. आख़िरकार भागने का दिन आया. 24 फरवरी, 2018 को एक ड्राइवर ने लतीफा को एक कैफे में छोड़ा. लतीफा अक्सर वहां जाती थीं, नाश्ते के लिए. कैफे के बाथरूम में लतीफा ने कपड़े बदले. अपना मोबाइल फेंका वहां और कार से ड्राइवर करके दुबई से ओमान पहुंचे. मस्कट से उन्होंने एक छोटी नाव ली. समंदर के तूफान में अपनी उस छोटी कश्ती के सहारे अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पहुंचे. वहां 'नोस्ट्रोमो' नाम का एक अमेरिकी झंडे वाला जहाज उनका इंतज़ार कर रहा था. इसी पर बैठकर ये लोग गोवा के लिए रवाना हुए. उन्हें उम्मीद थी कि गोवा पहुंचकर वो किसी तरह अमेरिका निकल जाएंगे और वहां शरण मांगेंगे. मगर ऐसा हो नहीं सका. UAE के कमांडो उनके पीछे थे. उन्होंने भारत को भी ख़बर कर दी थी. लतीफा को पकड़कर वापस ले गए दुबई भारत के समुद्र तट से करीब 20 समुद्री मील की दूरी पर आकर भारतीय कोस्टगार्ड ने उन्हें पकड़ लिया और लतीफा को वापस दुबई भेज दिया गया. लतीफा का एक विडियो भी सामने आया, जो उन्होंने भागने से पहले बनाया था. इसमें लतीफा ने बताया कि उन्होंने 2002 में भी भागने की कोशिश की थी. मगर नाकमायाब रहीं. उसके बाद उन्हें तीन साल से ज़्यादा वक़्त तक कैद में रखा गया और शारीरिक यातनाएं भी दी गईं. दुबई की सरकार, जो कि असल में उनके उन्हीं पिता की थी जिस पर लतीफा ने इल्ज़ाम लगाया था, ने कहा कि लतीफा के शोषण का खतरा था. और क्योंकि उन्हें वापस ले आया गया है, तो वो सुरक्षित हैं.Sheikh Mohammed Al Maktoum, ruler of Dubai, has been refused permission to appeal to the UK Supreme Court against a High Court decision to publish judgments dealing with wardship proceedings involving two of his children, currently in the UK.
— Joshua Rozenberg (@JoshuaRozenberg) March 5, 2020
...और फिर हया भाग आईं ब्रिटेन इसके बाद की अहम तारीख़ है 15 अप्रैल, 2019. इस दिन हया आईं इंग्लैंड. अपने दोनों बच्चों- जलीला और ज़ायद को साथ लेकर. ये तीनों अक्सर दुबई से ब्रिटेन आया करते थे. मगर इस बार की उनकी ये यात्रा सामान्य नहीं थी. हया दुबई से भाग आई थीं. ब्रिटेन आकर उन्होंने कहा, वो अब दुबई नहीं लौटेंगी. इसके पीछे की वजह लतीफा से जुड़ी थी. हया के मुताबिक, लतीफा को दुबई वापस ले आए जाने के बाद उन्हें इस मामले से जुड़ी काफी परेशान करने वाली बातें पता चलीं. इस वजह से उन्हें तंग किया जाने लगा. अपने ऊपर मंडराते खतरे के मद्देनज़र हया को दुबई में रहना सुरक्षित नहीं लग रहा था. इसीलिए वो भागकर पहले जर्मनी गईं और फिर वहां से ब्रिटेन आ गईं. मई 2019 में अल-मख्तूम ने लंदन स्थित ब्रिटिश हाई कोर्ट में मुकदमा कर दिया. वो जलीला और ज़ायद को दुबई ले जाना चाहते थे. हया ने अदालत से कहा, उन्हें और उनके दोनों बच्चों की हिफाजत करे. हया का इल्ज़ाम था कि अल-मख्तूम उनकी 12 साल की बेटी जलीला की शादी सऊदी अरब के होने वाले सुल्तान मुहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद से करवाने की कोशिश कर रहे थे. अल-मख्तूम पर लगे बड़े इल्ज़ाम ये केस काफी हाई-प्रोफाइल था. दुनियाभर की मीडिया ने इसपर ख़बरें की. अल-मख्तूम ये नहीं चाहते थे. शायद इसीलिए अक्टूबर 2019 में उन्होंने जलीला और ज़ायद को वापस दुबई ले जाने वाला आवेदन वापस ले लिया. मगर कोर्ट की कार्रवाई ख़त्म नहीं हुई. कोर्ट के सामने अल-मख्तूम पर लगे कई गंभीर इल्ज़ाम थे. जैसे-Three years ago, in secluded corners of a sprawling mall in Dubai, Sheikha Latifa, the daughter of the emirate’s ruler, plotted with a close friend to escape her father’s clutches https://t.co/bLYvfaAkIh pic.twitter.com/3VwZeU8Pk7
— Reuters (@Reuters) March 6, 2020
- अगस्त 2000 में अल-मख्तूम ने अपनी बेटी शम्सा को ब्रिटेन से दुबई ले जाने के लिए उसका अपहरण करवाया. - जून 2002 और फरवरी 2018 में अल-मख्तूम ने अपनी बेटी लतीफा को जबरन दुबई लौटा लाने का आदेश दिया. और, इस पूरी प्लानिंग की योजना बनाई. 2002 में दुबई-ओमान बॉर्डर से. और, 2018 में भारत की तटीय सीमा के पास से. - हया के बेडरूम में पिस्तौल रखवाई. - हया को बताए बिना उन्हें तलाक दे दिया. - हया को धमकाया कि उनसे उनके बच्चे छीन लिए जाएंगे.
क्या शेख अदालत पहुंचे? कोर्ट की कार्रवाई के लिए ज़रूरी था कि अल-मख्तूम अदालत में हाज़िर हों. मगर शेख का कहना था कि वो नहीं आएंगे. कोर्ट ने भी मान लिया कि शेख की मौजूदगी के बिना केस चलाना है. कोर्ट ने ये भी माना कि ये बड़ी असाधारण स्थिति है. क्योंकि जिसपर आरोप लगे हैं, वो अपनी अमीरात का शासक और UAE की सरकार का मुखिया है. उसके ब्रिटिश शाही परिवार के साथ दोस्ताना संबंध हैं. अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा है. कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा? इतने जटिल और अंतरराष्ट्रीय अहमियत वाले केस में 34 पन्नों वाला फैसला आया 5 मार्च को. लंबी जांच-पड़ताल के बाद कोर्ट ने माना कि अल-मख्तूम ने अपनी दोनों बेटियों- शम्सा और लतीफा के किडनैपिंग की योजना बनाई. और, अपनी सबसे छोटी बीवी हया को लगातार धमकियां दीं. फैसले में आपको लतीफा का वो बयान भी मिलेगा, जिसमें उन्होंने कहा है कि किस तरह दुबई वापस ले जाने के बाद उन्हें अंधेरे में कैद रखा गया. बार-बार पीटा गया. ये सारा ब्योरा शायद यूं सामने आया ही नहीं होता अगर हया दुबई से भागकर ब्रिटेन न पहुंची होतीं.JUST IN: Dubai's ruler Sheikh Mohammed bin Rashid al-Maktoum ordered the abduction of two of his daughters and orchestrated a campaign of intimidation against his former wife, British judge rules pic.twitter.com/sFQ8bI2YTN
— Reuters (@Reuters) March 5, 2020
जज ने अल-मख्तूम के बारे में क्या कहा है? इस केस से जुड़ी असाधारण परिस्थितियों की वजह से इसका फैसला सिविल स्टैंडर्ड प्रक्रिया के तहत आया है, न कि क्रिमिनल स्टैंडर्ड प्रक्रिया के तहत. सिविल स्टैंडर्ड माने संभावनाओं के आधार पर एक नतीजे पर पहुंचना. ये मानना कि जो आरोप लगाए गए हैं, वो ग़लत मालूम नहीं होते. फैसले के साथ जज की टिप्पणी भी है. उनका कहना है-Bombshell ruling on Sheikh Mohammed, ruler of Dubai, on how he orchestrated the kidnap of his daughter from the UK & kept her captive for the last 20 yrs.
High Court judge finds Sheikh's men grabbed her in Cambridge, flew her out of UK in a helicopter from his Newmarket HQ. — Tristan Kirk (@kirkkorner) March 5, 2020
मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि कुछेक अपवादों को छोड़कर शिकायतकर्ता ने जो इल्ज़ाम लगाए, वो उन्होंने साबित किए हैं. जो चीजें मिली हैं, उन्हें अगर साथ मिलाकर देखें तो पता लगता है कि अगर ज़रूरत पड़े तो अल-मख्तूम अपने किसी मंसूबे को पूरा करने के लिए अपनी ताकतों का इस्तेमाल करेंगे.भारत से क्या लिंक है इस मामले का? इस फैसले में अल-मख्तूम के अपनी ताकत इस्तेमाल करने की एक मिसाल भारत से भी जुड़ी हुई है. फैसले के 14वें पन्ने पर लिखा है कि लतीफा को पकड़ने में भारतीय सेना ने जिस तरह से सहयोग किया, वो अल-मख्तूम की ताकत दिखाता है. इस फैसले में गवाहों की तरफ से दिए गए 4 मार्च, 2018 की रात का ब्योरा भी है. इसके मुताबिक, लतीफा जिस नाव पर थी वो गोवा तट से करीब 30 मील की दूरी पर अंतरराष्ट्रीय समुद्रीय सीमा में था. तब इस नाव में भारतीय स्पेशल फोर्सेज़ के कुछ लोग चढ़ गए. नाव पर सवार लतीफा की एक सहयोगी को हाथ बांधकर घसीटा गया. लतीफा के भी हाथ बांध दिए गए. कोर्ट का फैसला पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.4 मार्च, 2018 की रात क्या हुआ था लतीफा के साथ? गवाहों का दावा है कि भारतीय फोर्सेज़ के लोग बार-बार चिल्लाकर सवाल पूछ रहे थे कि लतीफा कौन है, लतीफा कौन है. फिर वहां लतीफा की पहचान करवाने के लिए एक आदमी लाया गया. इस दौरान लतीफा चिल्लाती रहीं कि वो शरण मांगने आई हैं. लतीफा कहती रहीं कि भारतीय सेना अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ रही है. मगर उनकी बात नहीं सुनी गई. लतीफा की सहयोगी के इस बयान में लिखा है कि जब लतीफा को घसीटकर वहां से ले जाया जा रहा था, तो वो चिल्लाकर कह रही थीं कि वापस भेजने से बेहतर है कि उन्हें गोली मार दी जाए. आपको याद दिला दूं कि जब लतीफा को भारत से वापस दुबई भेजे जाने की बात आई थी, तब सोशल मीडिया पर खूब लिखा गया था. भारत सरकार के इस कदम की काफी आलोचना भी हुई थी.
ब्रिटिश सरकार पर भी सवाल हैं इस फैसले के बाद ब्रिटेन पर भी कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं. सबसे बड़ा तो ये कि क्या UAE के साथ अपने संबंध बिगड़ने की आशंका को लेकर ब्रिटिश सरकार ने इस केस में दखलंदाजी की? क्या ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने साल 2000 में कैम्ब्रिज से शम्सा के गायब हो जाने वाले केस में पुलिस जांच नहीं होने दी? इन सवालों का जवाब जज एंड्रयू मैकफारलेन अपने 34 पन्नों के फैसले में नहीं दे पाए. वजह ये कि विदेश विभाग ने इन सहयोग करने से इनकार कर दिया.Princess Haya: I feared Dubai ruler would abduct my kids https://t.co/iI8sqCTxWX pic.twitter.com/q99JRtk7ey
— Reuters (@Reuters) March 6, 2020
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