नहीं रहे अर्जेंटीना के फुटबॉल दिग्गज डिएगो माराडोना
अपने 'दूसरे पिता' की पुण्यतिथि के दिन ली अंतिम सांस.
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Diego Maradona की ये तस्वीर 1986 की है जब उन्होंने Argentina को World Champion बनाया था (एपी फाइल)
# कास्त्रो फैन माराडोना
साल 1986, माराडोना के विश्वविजय का साल. यही वह साल था जब दुनिया जीत चुके माराडोना पहली बार क्यूबा पहुंचे. यहां पहली बार उनकी मुलाकात हुई फिदेल कास्त्रो से. माराडोना, कास्त्रो और उनके साथी कॉमरेड चे गुएरा के बड़े फैन थे. इनकी कहानियों से विस्मित माराडोना की कास्त्रो से दोस्ती धीरे-धीरे गहरी हुई और माराडोना अक्सर क्यूबा जाने लगे. इसके बाद डिएगो अरमांडो माराडोना जब भी क्यूबा जाते, तो उनके सामान में कास्त्रो के लिए कुछ हो ना हो, एक फुटबॉल जर्सी जरूर होती थी. एक समर्पित बेसबॉल फैन कास्त्रो को माराडोना के यह तोहफे काफी पसंद आते थे. बदले में कास्त्रो भी माराडोना को मशहूर क्यूबन सिगार देना नहीं भूलते थे.यह दोस्ती माराडोना के ड्रग एडिक्ट बनने और फुटबॉल छोड़ने के बाद और परवान चढ़ी. यह वह दौर था जब माराडोना का अपना देश, जिसे उन्होंने विश्वविजय का ताज पहनाया था, भी उनसे नफरत करने लगा था. ऐसे में कास्त्रो ने अपने देश के दरवाजे माराडोना के लिए खोल दिए और उन्हें बेहतरीन चिकित्सा उपलब्ध कराई. इस बात के लिए माराडोना ने हमेशा कास्त्रो का एहसान माना. बकौल माराडोना,जब पूरी दुनिया ने मेरी तरफ पीठ कर ली थी, तब कास्त्रो ने मुझे अपना मानकर मेरे लिए बहुत कुछ किया - डिएगो अरमांडो माराडोना.
फिदेल कास्त्रो के मरने के ठीक चार साल बाद माराडोना ने भी अंतिम सांस ली. फिर जमेगी Castro Guevara Maradona की बैठकें.#Maradona pic.twitter.com/a9kiu5iH62 — Suraj (@ferrarinotfiat) November 25, 2020
'जब पूरी दुनिया ने मेरी तरफ पीठ कर ली थी तब कास्त्रो ने मुझे अपना मानकर मेरे लिए बहुत कुछ किया'कास्त्रो और माराडोना की यह दोस्ती काफी गहरी थी. यहां तक कि माराडोना ने कास्त्रो और गुएरा, दोनों के चेहरे अपने बदन पर गुदवा रखे हैं. माराडोना कास्त्रो को अपना दूसरा पिता कहते थे. 25 नवंबर 2016 को जब कास्त्रो की मौत हुई तो क्रोएशिया में डेविस कप देख रहे माराडोना ने कहा,
'वह मेरे पिता जैसे थे. जैसे ही यह टेनिस खत्म होगा मैं अपने दोस्त को गुडबाय कहने क्यूबा जाऊंगा. उन्होंने मेरे लिए क्यूबा के दरवाजे तब खोले जब अर्जेंटीना मेरे लिए दरवाजे बंद कर रहा था.'बाद में माराडोना ने अपना यह वादा पूरा भी किया. वह फिदेल कास्त्रो के अंतिम दर्शन के लिए गए. 4 दिसंबर 2016 को हुए कास्त्रो के अंतिम संस्कार के लिए क्यूबा पहुंचे माराडोना ने कहा था,
'मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं क्यूबा का ही हूं.'अर्जेंटीना, नेपल्स और क्यूबा के दुलारे माराडोना अब इस दुनिया में नहीं रहे. लेकिन एक बात पक्की है, अगर दूसरी दुनिया में महफिलों का रिवाज हुआ, तो माराडोना अपने हीरो गुएरा और दूसरे पिता कास्त्रो के साथ हर रोज अड्डेबाजी करेंगे.