इस साल आईपीएल का बिगुल देर से बजा. मगर धूम-धड़ाके में रत्ती भर की कमी नहीं आई है. अनिश्चितता क्रिकेट के डीएनए में है. सीजन का पहला मैच अंतिम के ओवरों में पलट गया. दूसरे मैच में नतीजे के लिए सुपर ओवर की शरण लेनी पड़ी. ये कहानी मैच नंबर तीन की है. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु बनाम सनराइजर्स हैदराबाद. इस कहानी का नायक एक ऐसा खिलाड़ी है, जिसकी आवाज़ IPL2020 की शुरुआत होने के पहले से गूंज रही है. बतौर रैपर.
उम्र बीस साल. पैदाइश एडापल्ली, केरल. रिहाइश बेंगलुरू. इंंतज़ार डेढ़ बरस का. डेब्यू मैच में ख़ूबसूरत पचासा लगाकर वो आज के दिन का ‘कीवर्ड’ है. सच कहें तो आने वाले कई मौकों का कीवर्ड. फ़्यूचर स्टार. ये कहानी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के नए ओपनर बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल की है.
How’s that for a maiden IPL FIFTY!
Devdutt Padikkal brings up his half-century off 36 deliveries.
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— IndianPremierLeague (@IPL) September 21, 2020
एक कसक और पक्का इरादा
साल 2019. तारीख 30 नवंबर. सूरत का लालभाई कॉन्ट्रैक्टर स्टेडियम. मुश्ताक़ अली T-20 टूर्नामेंट का पहला सेमीफ़ाइनल खेला जा रहा था. हरियाणा ने कर्नाटक के सामने 195 रनों का टारगेट रखा. हरियाणा के तरक़श में युजवेंद्र चहल, अमित मिश्रा और जयंत यादव थे. लक्ष्य बड़ा था और शिकारी अनुभवी, लेकिन उस दिन शिकारी ही शिकार बनने वाले थे. पडिक्कल और केएल राहुल की सलामी जोड़ी ने 9.3 ओवर में ही 125 रनों की पार्टनरशिप कर डाली. राहुल 66 रन बनाकर आउट हो गए, मगर पडिकल्ल का बल्ला यूंं ही रन उगलता रहा.
कर्नाटक ने जब टारगेट भेदा, तब उनके खाते में पांच ओवर बचे हुए थे. पडिक्कल का कुल स्कोर था, 42 गेंदों पर 87 रन. 11 चौके और 4 गगनचुंबी छक्के. टूर्नामेंट खत्म होने पर कर्नाटक के पास दो ट्रॉफ़िया थीं. एक विजेता वाली और एक देवदत्त पडिक्कल के रूप में. पूरे टूर्नामेंट में कोई उसके आस-पास भी नज़र नहीं रहा था. 12 मैचों में 175.76 के स्ट्राइक रेट से 580 रन. दूसरे नंंबर पर रुतुराज गायकवाड़, पडिक्कल से 161 रन पीछे थे. ये एक आंकड़ा भर है, जो इस खिलाड़ी की अहमियत साबित करता है.

सेमीफ़ाइनल में देवदत्त पडिक्कल की बैटिंग को एक बेहद खास आदमी भी देख रहा था. एक समय न्यू ज़ीलैंड का कोच और अब RCB का डायरेक्टर. नाम माइक हेसन. बैटिंग देखकर उनको थोड़ा अफसोस हुआ. साथ ही चेहरे पर मुस्कान भी तैर गई. ऐसा क्यों था? दरअसल, पडिक्कल 2019 के IPL में RCB का हिस्सा थे. बेंच पर बैठे रह गए. टीम अच्छी ओपनिंग पार्टनरशिप के लिए तरसती रह गई और दुर्गति के साथ लीग फ़ेज में ही बाहर निकल गई थी. माइक हेसन ने अपना इरादा पक्का कर लिया था.
दो क्लीन बोल्ड्स की कहानी
वही हुआ भी. IPL2020 के पहले ही मैच में पडिक्कल को ओपनिंग के लिए भेजा गया. दसवें सीजन में आठवीं टीम का हिस्सा बने आरोन फिंच के साथ. पडिक्कल पहले ओवर में थोड़े नर्वस दिखे. लेकिन दूसरे ओवर में ही उन्होंने बल्ले को आज़ादी दे दी. संदीप शर्मा की पहली गेंद आधी पिच पर पटकी हुई थी. पडिकल्ल क्रीज़ छोड़कर आगे बढ़े. बढ़िया संपर्क और गेंद एक टप्पा खाकर मिड-ऑन बाउंड्री से बाहर निकल गई. पडिकल्ल की पहली पारी 56 के स्कोर पर खत्म हुई. 42 गेंदें. 133 का स्ट्राइक रेट. 8 ख़ूबसूरत चौके. पडिक्कल का ये चौथा डेब्यू मैच था. फ़र्स्ट क्लास, लिस्ट ए, घरेलू T20 के बाद अब आईपीएल. उन्होंने चारों में पचासा मारा है.
Devdutt Padikkal:
Fifty on First-class debut ✅
Fifty on List-A debut ✅
Fifty on T20 debut ✅
Fifty on IPL debut ✅Serious talent! #IPL2020#RCBvsSRH
— Bharath Seervi (@SeerviBharath) September 21, 2020
पडिक्कल की पारी का अंत विजय शंकर ने किया. सीधी गेंद. बड़ा शॉट खेलने की बेचैनी और गेंद विकेट ले उड़ी. क्लीन बोल्ड. ऐसे ही क्लीन बोल्ड पडिकल्ल के पिता भी हुए थे. क्रिकेट के मैदान पर नहीं, अपने बेटे के सपने पर. एडापल्ली से हैदराबाद आए बबुनु पडिक्कल हैदराबाद में सेटल थे. उनका अपना घर था. न्यूज़ीलैंड के दूतावास में अच्छी-खासी नौकरी थी. पर जब बेटे को क्रिकेटर बनाने का इरादा किया, तो एक झटके में सब छोड़कर निकल आए. नया पड़ाव बना बेंगलुरु.
आर्मी पब्लिक स्कूल. बेंगलुरु में देवदत्त पडिक्कल का पहला ठिकाना. ये जल्दी ही बदल गया. जब अंडर-14 के एक मुकाबले में लड़के ने सेंट जोसेफ़ पब्लिक हाई स्कूल को अकेले दम पर पीट दिया. तब सेंट जोसेफ़ के कोच ने रिक़्वेस्ट की. लड़के को अपने स्कूल में बुला लिया. ये वही स्कूल है, जहां से राहुल द्रविड़ भी पढ़े हैं. विरासत का साथ कहें या जन्मजात टैलेंट, देवदत्त पडिक्कल भरोसे पर खरे उतरे. हुनर में समय के साथ निखार आता रहा है.
दो क़ुर्बानियों का मान
साल 2017. कर्नाटक प्रीमियर लीग के एक मैच में उन्होंने 53 गेंदों पर 72 रन मारे थे. पहली बार सुर्खियों में जगह मिली. उसके बाद रास्ते खुलते चले गए. 2018 में रणजी में डेब्यू का मौका मिला. जब कर्नाटक ने 50 ओवरों वाली विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी जीती, देवदत्त पडिक्कल टॉपर बैट्समैन थे. 11 मैचों में 609 रन. साल का अंत होते-होते कर्नाटक को दूसरा ताज मिला. सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी. वहां भी कोई दूसरा बल्लेबाज पडिक्कल के आस-पास नहीं पहुंंच पाया था. केएल राहुल, मनीष पांडे, मयंक अग्रवाल जैसे दिग्गजों के सामने देवदत्त पडिक्कल की चमक अपनी अलग पहचान कायम कर रही थी.
अगला बड़ा मंच था IPL2020. पूरा पडिक्कल परिवार इसका बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था. इस बार देवदत्त की जगह पक्की मानी जा रही थी. आईपीएल शुरू होने से ठीक पहले कोरोना का कहर शुरू हुआ. लॉकडाउन ने जाने कितने सपनों को तहखाने में क़ैद कर लिया. एक सपना देवदत्त पडिक्कल का भी था. इंतज़ार का एक और दौर शुरू हुआ. फिर घोषणा हुई. आईपीएल पर्देदारी में खेला जाएगा. इंडिया में नहीं, बल्कि UAE में.
Back doing what I love 🏏#IPL2020 pic.twitter.com/8mUUGjeF7s
— Devdutt Padikkal (@devdpd07) August 29, 2020
फिर चैप्टर आता है दो क़ुर्बानियों का. पहला, देवदत्त पडिक्कल के घरवालोंं का. दुबई रवाना होने से पहले. हर कोई अपने कमरे में आइसोलेट हो गया था. क्रिकबज़ में छपे इंटरव्यू के अनुसार, घरवाले किराने का सामान भी पूरी PPE किट पहनकर लेने जाते थे. पूरे एक हफ़्ते तक उन्होंंने अपने बच्चे का चेहरा तक ठीक से नहीं देखा.
दूसरी क़ुर्बानी विराट कोहली ने दी. अपनी बैटिंग पोजिशन. ओपनिंग वाली जगह देवदत्त पडिक्कल के लिए खाली कर दी. पडिक्कल ने अपनी बैटिंग से दोनों क़ुर्बानियों का मान रखा है. उनके बैट का फ़्लो, शॉट सलेक्शन और नज़र का तालमेल लाजवाब है. ये खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट की उम्मीद है. नज़र बनाए रखिएगा.
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