जब दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे बन रही थी, तो करण जौहर उस फिल्म पर असिस्टेंट के तौर पर काम कर रहे थे. क्योंकि इस फिल्म को उनके दोस्त आदित्य चोपड़ा डायरेक्ट कर रहे थे. इसी फिल्म के सेट पर करण को आदित्य और शाहरुख समेत कई लोगों ने खुद की फिल्म डायरेक्ट करने की सलाह दी. करण ने उनकी बात मान ली. 1998 में शाहरुख और काजोल को लेकर उन्होंने अपने करियर की पहली फिल्म कुछ कुछ होता है डायरेक्ट की. ये फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई. करण का कॉन्फिडेंस दो बिलांग ऊपर चला गया.
इसके बाद करण ने तय किया कि वो अपने करियर की दूसरी फिल्म बनाएंगे. वो एक फैमिली फिल्म बनाना चाहते थे. एक ऐसी कहानी जो दो जेनरेशंस के बीच घटे. मगर उनके पास कोई ओरिजिनल आइडिया नहीं था. करण बताते हैं कि उन्होंने यश चोपड़ा की फिल्म कभी कभी कई बार देखी थी. उन्हें वो फिल्म बड़ी पसंद थी. उन्होंने कभी कभी की कहानी उठाई और उसमें हम आपके हैं कौन वाले फैमिली वैल्यूज़ मिला दिए.
अपनी इस नई फिल्म के लिए वो ऐसी स्टारकास्ट चाहते थे, जिसे देख दुनिया की आंखें चौंधिया जाएं. लैविश सेट, महंगे कपड़ों में सजे एक्टर्स, एक्जॉटिक लोकेशंस और गैर-ज़रूरी चीज़ों पर बहाया गया बेइन्तेहा पैसा. करण जौहर की दूसरी फिल्म इन्हीं चीज़ों के बारे में थी. इस फिल्म का नाम था कभी खुशी कभी ग़म, जिसे बनाने के लिए 2001 में 40 करोड़ रुपए की मोटी रकम खर्च की गई थी. ये अपने समय की सबसे महंगी फिल्मों में से थी. और उन चुनिंदा फिल्मों में से भी जिसकी मेकिंग पर रियल टाइम में किताब लिखी जा रही थी. आज हम 14 दिसंबर, 2001 को रिलीज़ हुई फिल्म कभी खुशी कभी ग़म की इसी मेकिंग के बारे में बात करेंगे.
1.
शूटिंग करने के बाद वहीदा रहमान को क्यों छोड़नी पड़ी करण की कभी खुशी कभी ग़म?
गाइड देखने के बाद करण जौहर वहीदा रहमान के पक्के वाले फैन बन गए थे. वो अपने करियर में उनके साथ काम करना चाहते थे. वो मौका आया कभी खुशी कभी ग़म में. करण अपने पिता यश जौहर के साथ वहीदा जी के घर पहुंचे. उनसे अपनी फिल्म में काम करने की गुज़ारिश की. बिना कोई सवाल पूछे वहीदा जी ये फिल्म करने को तैयार हो गईं. फिल्म में उनका रोल अमिताभ बच्चन की मां का था. त्रिशूल और नमक हलाल के बाद अमिताभ और वहीदा रहमान की मां-बेटे वाली जोड़ी लौट रही थी. सब लोग बड़े एक्साइटेड थे.
वहीदा रहमान ने करण की फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी. पहला सीन जो वहीदा जी शूट कर रही थीं, वो आरती वाला सीक्वेंस था. जब जया बच्चन आरती की थाल लेकर घूमती हैं और उन्हें शाहरुख के आने का आभास होता है. मगर इसी दौरान वहीदा रहमान के पति शशि रेखी, जिन्हें दुनिया एक्टर कमलजीत के तौर पर जानती थी, उनकी डेथ हो गई. वहीदा और कमलजीत ने 1964 में आई फिल्म शगुन पर साथ में काम किया था. इसके 10 साल बाद यानी 1974 में दोनों ने शादी कर ली. इस वजह से वहीदा रहमान को कभी खुशी कभी ग़म से अलग होना पड़ा.

इसके बाद वहीदा रहमान वाले रोल में अचला सचदेव को कास्ट किया गया. अचला यश चोपड़ा की 1965 में आई फिल्म वक्त से चर्चा में आई थीं. करण उन्हें पहले से जानते थे क्योंकि दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में अचला ने काजोल की दादी का रोल किया था. इसके अलावा अचला 1978 में आई फिल्म गंगा की सौगंध में अमिताभ बच्चन के साथ भी काम कर चुकी थीं.
2.
जब करण जौहर अपनी ही फिल्म के सेट पर गिरकर बेहोश हो गए
फिल्म कभी खुशी कभी ग़म के गाने बोले चूड़ियां की शूटिंग हो रही थी. करण जौहर अपने तमाम इंटरव्यूज़ में ये बताते हैं कि वो अमिताभ बच्चन के साथ काम करने को लेकर इतने उत्साहित थे कि अपनी फिल्म के सेट पर उन्हें देखकर बेहोश हो गए. अमिताभ बच्चन के साथ काम करने को लेकर कोई भी एक्टर या फिल्ममेकर एक्साइटेड हो सकता है. मगर करण उस वजह से बेहोश नहीं हुए थे. दरअसल करण की तबीयत पहले से खराब थी. उन्हें लूज़ मोशंस हो रखे थे, साथ ही उनकी बॉडी भी डिहाइड्रेट हो गई थी. फिर बच्चन को सामने देखकर नर्वस भी होना था. इसी वजह से वो बोले चूड़ियां गाने की शूटिंग के दौरान सेट पर गिरकर बेहोश हो गए थे. मगर उन्होंने अपना काम बंद नहीं किया. होश आते ही वो बेड पर लेटकर वॉकी टॉकी के सहारे टीम के साथ बने रहे.

राजीव मसंद को दिए एक ऑडियो इंटरव्यू में शाहरुख खान ने कभी खुशी कभी ग़म की मेकिंग का एक बड़ा मज़ेदार किस्सा शेयर किया. शाहरुख बताते हैं कि जिस दिन बोले चूड़ियां गाने की शूटिंग चल रही थी, उस दिन अमिताभ उनके पास आए. आते ही उन्होंने कहा-
‘सर जी, ये ऋतिक को आप देख रहे हैं कितना रिहर्शल कर रहा है. आपको क्या लगता है, हमें भी करना चाहिए?’
शाहरुख ने जवाब में कहा-
‘करना तो चाहिए क्योंकि ये स्टेप बड़ा मुश्किल है.’
मगर अमिताभ बच्चन अपनी डांसिंग स्किल्स को लेकर श्योर थे. उन्होंने बड़े प्यार से कहा-
‘हम कितना भी रिहर्स कर लें, ऋतिक जैसा तो होगा नहीं हमसे. तो हम करें कि नहीं?’
इसके बाद शाहरुख और अमिताभ ने सेट के ही दूसरे साइड पर जाकर इस गाने के स्टेप्स की रिहर्शल की. ताकि ऋतिक की बराबरी कर सकें. शूटिंग शुरू हुई, तो ऋतिक ने डांस से कहर मचाना शुरू कर दिया. जब आप वो गाना देखेंगे, तो आपको रियलाइज़ होगा कि अमिताभ और शाहरुख एक जैसा डांस कर रहे हैं, वहीं ऋतिक कुछ अलग कर रहे हैं. मगर ऋतिक जो कर रहे हैं, वही ओरिजिनल स्टेप्स हैं.

अब जब ऋतिक की बात हो ही रही है, तो एक और वाकया सुन लीजिए. हुआ ये कि शूटिंग के दौरान ऋतिक ने एक टी-शर्ट ट्राय की. वो उनको थोड़ा छोटा हो रहा था. मगर ऋतिक को ये लुक पसंद आ गया. इसके बाद उन्होंने फिल्म में पहने जाने वाली अपनी सभी टी-शर्ट्स को नीचे से काटकर छोटा कर दिया. ये चीज़ फिल्म में बड़ी असानी से नोटिस में आती है.
3.
जब कभी खुशी कभी ग़म पैसे पीट रही थी, तब काजोल अपने खोए बच्चे के ग़म में डूबी हुई थीं
अजय देवगन और काजोल की पहली मुलाकात फिल्म हलचल के सेट पर हुई थी. काजोल शॉट के लिए तैयार थीं. उन्होंने पूछा हीरो कहां है. अजय उस फिल्म के हीरो थे. दोनों की सेट पर दोस्ती हुई. बीतते समय के साथ प्यार हुआ. और फिर शादी. जब करण जौहर काजोल को कभी खुश ग़म ऑफर करने गए, तो काजोल ने कहा कि उन्हें स्क्रिप्ट अच्छी लगी है. मगर वो अपना फाइनल डिसीज़न अजय से डिस्कस करने के बाद बताएंगी. काजोल फिल्म करने को तैयार हो गईं और उन्होंने कभी खुशी कभी ग़म में कमाल का काम किया. मगर जब फिल्म रिलीज़ हुई, तब काजोल हॉस्पिटल में थीं. वो उनके लिए बड़ा मुश्किल समय था.
एक सोशल मीडिया पेज को दिए इंटरव्यू में काजोल ने बताया कि जिस दिन कभी खुशी कभी ग़म ने बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज़्यादा पैसे कमाए, वो उनके लिए बड़ा बुरा दिन था. उस दिन काजोल ने अपना बच्चा खोया था. उन्हें मिसकैरिज हुआ था. काजोल ने दोबारा कंसीव किया मगर उन्हें फिर से मिसकैरिज हो गया. मगर समय के साथ उन्हें युग और न्यासा पैदा हुए और उनका परिवार पूरा हो गया.

4.
कभी खुशी कभी ग़म में अभिषेक बच्चन और आर्यन खान ने भी किया था काम
करण जौहर की कभी खुशी कभी ग़म गेस्ट अपीयरेंसेज से भरी हुई फिल्म थी. फिल्म में किन-किन लोगों ने ये रोल्स किए, हम एक-एक कर बता रहे हैं.
# सबसे पहला नाम हैं अभिषेक बच्चन– अभिषेक ने फिल्म में सड़क से गुज़रने वाले एक शख्स का रोल किया था, जो करीना कपूर से टाइम पूछता है. जब फिल्म बनकर तैयार हो गई, तब अभिषेक के ही कहने पर उनका वो सीन फिल्म से काटकर अलग कर दिया गया.

# दूसरा नाम है शाहरुख पुत्र आर्यन का- कभी खुशी कभी ग़म के ओपनिंग क्रेडिट सीक्वेंस में आर्यन, जया बच्चन के साथ नज़र आते हैं. फिल्म में उन्होंने शाहरुख के बचपन वाला किरदार निभाया था.

# तीसरा नाम है एक्टर जुगल हंसराज का- जुगल ने ही करण जौहर को उनकी पहली फिल्म का टाइटल दिया था. जुगल एक दिन कुछ गुनगुना रहे थे, जिससे प्रेरित होकर करण ने अपनी फिल्म का नाम कुछ कुछ होता है रख लिया. इसलिए करण जुगल को अपना लकी मैस्कॉट मानते थे. जुगल ने फिल्म में ऋतिक के दोस्त का रोल किया था, जो क्रिकेट मैच वाले सीक्वेंस के बाद फिल्म में नज़र आना था. मगर फिल्म की बढ़ती लंबाई को देखते हुए करण को जुगल का सीन भी एडिट करना पड़ा.

# चौथा नाम हैं रानी मुखर्जी– ये इकलौता लेजिट कैमियो था, जिसका फिल्म की कहानी से कुछ सरोकार था. रानी ने शाहरुख की लवर नैना का रोल किया था. नैना, राहुल से शादी करना चाहती थी मगर राहुल को अंजली से प्यार था. करण का प्लान ये था कि फिल्म में रानी के गेस्ट रोल को सरप्राइज़ रखना है. मगर सोनी म्यूज़िक ने गलती से एक प्रमोशनल एक्टिविटी में फिल्म का ये सबसे बड़ा राज़ खोल दिया.

करण जौहर ने तब फिल्मों एंट्री का इंतज़ार कर रहे मॉडल जॉन अब्राहम को भी फिल्म में एक रोल ऑफर किया था. मगर जॉन ने वो रोल करने से इन्कार कर दिया. ये किरदार था करीना के दोस्त रॉबी का जिसे बाद में एक्टर विकास सेठी ने निभाया. आगे जॉन और करण ने फिल्म काल पर साथ काम किया.
5.
जब आमिर खान कभी खुशी कभी ग़म की स्क्रीनिंग बीच में छोड़कर निकल गए
जब कभी खुशी कभी ग़म बनकर तैयार हुई, तब फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक प्रीमियर रखा गया. यहां इंडस्ट्री के तमाम लोग मौजूद थे. फिल्म थिएटर्स में कैसी चलेगी, इस बात का अंदाज़ा अमूमन इन प्रीमियर्स में लग जाता है. मगर कभी खुशी कभी ग़म के प्रीमियर पर आए लोगों का रिएक्शन बड़ा नेगेटिव था. बहुत सारे लोगों का मानना था कि ये फिल्म डेटेड है. साथ ही साढ़े 3 घंटे की फिल्म थिएटर्स में कौन देखेगा. ऐसा ही माहौल सूरज बड़जात्या की फिल्म हम आपके हैं कौन को लेकर भी बना था. मगर वो फिल्म इन सभी रिएक्शंस से परे जाकर सुपर सक्सेसफुल बनी. मगर कभी खुशी कभी ग़म का गलती से भी पिट जाना करण जौहर के लिए मुश्किल का सबब होता. क्योंकि करण ने इस फिल्म पर पानी की तरह पैसा बहाया था.
फिल्म के प्रीमियर पर आमिर खान और उनके फिल्ममेकर दोस्त आशुतोष गोवारिकर भी पहुंचे थे. फिल्म शुरू होने के कुछ ही घंटे बाद आमिर थिएटर में बिलकुल अन-इंट्रेस्टेड से बैठे हुए थे. वो मौका ढूंढ रहे थे कि कब फिल्म की स्टारकास्ट और करण जौहर से बचकर वो थिएटर से बाहर निकलें. वो मौका पाते ही फिल्म छोड़कर वहां से निकल गए. वो ऐसा इसलिए करना चाहते थे क्योंकि प्रीमियर पर लोगों से पूछा जाता है कि उन्हें फिल्म कैसी लगी. कोई भी फिल्मी व्यक्ति किसी के प्रीमियर पर जाकर ये नहीं कहता कि उसकी फिल्म बुरी है. आमिर भी इससे बचना चाहते थे इसलिए वो निकल गए.

थोड़ी देर बाद आशुतोष गोवारिकर करण को मिले और कहा कि उन्हें ये फिल्म बिलकुल पसंद नहीं आई. यही रिएक्शन करण के करीबी दोस्तों अयान मुखर्जी और आरती शेट्टी का भी था. करण घबराने लगे थे. मगर रिलीज़ होने के बाद फिल्म ने टिकट खिड़की पर काफी धमाल मचाया. फिल्म खूब देखी गई. इंडिया से बाहर भी कभी खुशी कभी ग़म ब्लॉकबस्टर साबित हुई. ये सब देखने के बाद आशुतोष गोवारिकर ने करण को फोन कर कहा कि फिल्म उन्हें भले न पसंद आई हो, पर दर्शक इस फिल्म को खूब प्यार दे रहे हैं. आमिर ने कई सालों बाद करण जौहर के टॉक शो कॉफी विद करण पर माना कि उन्हें कभी खुशी कभी ग़म बिलकुल नहीं पसंद आई थी. बीच स्क्रीनिंग से निकलने के लिए उन्होंने करण जौहर से माफी भी मांगी.
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