इंज़माम उल हक़. दुनिया के सबसे कम प्रशंसित क्रिकेटर्स में से एक. इंज़ी कमाल के बल्लेबाज थे, लेकिन हर बार ज्यादा चर्चा में उनका वजन रहा. बॉडीशेमिंग को बुरा मानने के युग से पहले इंज़ी का जितना मज़ाक बनाया गया, उतना किसी क्रिकेटर का नहीं बना. साल 92 के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में इंज़ी ने कमाल की बैटिंग की. अंग्रेजी में कहें तो – He Announced himself on the big stage.
इसके बाद हर गुजरते मैच के साथ उनका कद बड़ा होता गया. आलम ये था कि सामने वाली टीम से ज्यादा उसके फैंस इंज़ी से ख़फा रहते थे. क्योंकि इंज़ी ने एक बार खूंटा गाड़ दिया तो बड़ा स्कोर बनना पक्का था. स्लो रनिंग के लिए उनकी जो भी आलोचना होती थी, उसे वह अपनी बाउंड्रीज से बराबर कर लेते थे. लेकिन डेब्यू के लगभग एक दशक बाद हर इंसान की तरह इंज़ी को भी लगा कि अब वजन कम करना चाहिए.
# महंगा पड़ा वजन घटाना
बस, फिर क्या था. मेहनती तो थे ही. जुट गए मेहनत करने में. खूब पसीना बहाया और साल 2003 के वर्ल्ड कप में दुनिया ने एक नए इंज़माम को देखा. हालांकि यहां फोकस इंज़ी से ज्यादा शेन वॉर्न के हिस्से आया. क्योंकि वॉर्न ने वजन कम करने के लिए जो दवा ली थी, उसने उन्हें डोप टेस्ट में फेल करा दिया. वर्ल्ड कप से ठीक पहले रोते हुए शेन वॉर्न ऑस्ट्रेलिया लौट आए. अब हमें भी इंज़माम पर लौटना चाहिए.
इंज़ी ने टूर्नामेंट से पहले खूब मेहनत कर वजन घटाया. इस बारे में इंज़माम ने कहा था,
‘मैं ठीक वैसा ही दिखना चाहता था जैसा मैं 1992 के वर्ल्ड कप के दौरान दिखता था- एक शर्मीला और पतला लड़का. वजन घटाने के लिए बहुत क़ुर्बानियां देनी पड़ी लेकिन अगर मुझे अच्छी शेप में रहना है तो मुझे ये करना ही था. क्योंकि यह वर्ल्ड कप ना सिर्फ मेरे लिए, बल्कि मुझसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे पाकिस्तान के 14 करोड़ लोगों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है. मुझे यकीन है कि इस बार मैं अपने वजन के लिए आलोचना का शिकार नहीं बनूंगा.’
लेकिन इंज़ी को नहीं पता था कि वजन घटना उनके लिए अशुभ साबित होगा. पाकिस्तान की टीम ग्रुप स्टेज भी नहीं पार कर पाई. इंज़माम उस वर्ल्ड कप की छह पारियों में सिर्फ 19 रन बना पाए. पाकिस्तान की टीम इस वर्ल्ड कप में सिर्फ नामीबिया और नीदरलैंड्स को ही हरा पाई. इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया और भारत से उन्हें मात मिली, जबकि ज़िम्बाब्वे के खिलाफ हुआ मैच रद्द हो गया. इंज़ी के नाम दो ज़ीरो रहे. जबकि उनका हाईस्कोर छह रन रहा.
Happy birthday, Inzamam. One of the finest timers of the ball. Had an extra fraction of a second when he played the pull shot. One of his best knocks came v NZ in the 1992 WC. Won many matches for Pakistan. The Multan Test v Bangladesh in 2003 was his finest. Was under pressure
— Sarang Bhalerao (@bhaleraosarang) March 3, 2021
बस, इस दुर्घटना के बाद इंज़ी ने दोबारा अपने वजन पर कभी ध्यान नहीं दिया. घटाने वाली बात तो वह भूल ही गए. साल 2006 में गार्डियन के साथ एक इंटरव्यू के दौरान जब इंज़ी से इस बारे में पूछ गया तो उन्होंने कहा,
‘मैं ये दोबारा कभी नहीं करूंगा. वर्ल्ड कप से ठीक पहले मैंने पहले से कहीं कड़ी मेहनत की. मैंने बहुत सारा वजन घटाया- 17 किलो. क्या आप भरोसा कर सकते हैं? यह बहुत ज्यादा था. उन 17 किलो के बिना मैं रन ही नहीं बना पाया. और फिर मुझे टेस्ट टीम से बाहर भी होना पड़ा.’
3 मार्च 1970 को पैदा हुए इंज़माम 37 साल की उम्र में, साल 2007 में क्रिकेट से रिटायर हुए. उनके लिए साल 2007 का वर्ल्ड कप भी बहुत अच्छा नहीं गया. पाकिस्तान की टीम इस बार उनकी कप्तानी में पहले राउंड में बाहर हुई. इंज़माम तीन मैचों में सिर्फ 74 रन बना पाए. उन्होंने 378 वनडे मैचों में 11739 जबकि 120 टेस्ट मैचों में 8830 रन बनाए थे.
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