बीती पांच जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर जाते हुए पीएम मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर रुका था. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कथित चूक हुई थी. इस दौरान मीडिया में कुछ तस्वीरें खूब वायरल हुईं. जिसमें SPG के कमांडो हाथ में बंदूक लिए पीएम की कार के चारों तरफ सुरक्षा के लिए खड़े हैं. इनमें एक कमांडो सबसे आगे खड़ा है.
अब इस घटना के इतने दिन बीत जाने का बाद फिर से ये तस्वीर वायरल हो रही है. इस बार मुद्दा पीएम की सुरक्षा से जुड़ा नहीं, बल्कि सबसे आगे खड़े इस SPG कमांडो की जाति से जुड़ा है. दरअसल सोशल मीडिया पर अलग-अलग जातियों की ठेकेदारी का दावा करने वाले पेज सबसे आगे खड़े कमाडों की जाति बता रहे हैं. उसे अपने समाज की जाति से जोड़ रहे हैं. जातीय दंभ दिखाने की कोशिश हो रही है.

कोई इनको प्रवेश चौहान गुर्जर बता कर राजपूत समुदाय से जोड़ रहा है, तो कोई इनको बागपत जिले का जाट बता रहा है. यही नहीं कुछ ने तो इस कमांडो का नाम विनोद अंबेडकर कर दिया, तो कुछ ने कहा कि ये हनुमान श्रीवास्तव हैं.
हमें भी इस कमांडो का नाम नहीं पता. जरूरत भी नहीं है. लेकिन जिस तरह से अलग-अलग नाम बताए जा रहे हैं, उससे ये तो तय है इनके असली नाम और जाति का अंदाजा उन्हें भी नहीं है, जो ऐसा दावा कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर इस तरह की कोशिशों को जातिवाद ही कहा जाना चाहिए. इसकी आलोचना भी हो रही है. मसलन, एक ट्विटर यूजर ने इस तरह की पोस्ट्स स्क्रीनशॉट लेकर पोस्ट करते हुए लिखा,
“जातिवाद के जहर का असर देखिए. भक्तों ने SPG कमांडो सतपाल अहीर को अपने ढंग से बांट लिया.”
जातिवाद के जहर का असर देखिए।
भक्तों ने SPG कमांडो सतपाल अहीर को अपने ढंग से बांट लिया। pic.twitter.com/wdwjlkpmtU— जनरल नरभक्षी™ 🏹🚜 (@GDnarbhakshi) January 16, 2022
वहीं चिराग पटेल नाम के एक ट्विटर यूजर ने तंज कसते हुए लिखा,
“गुजराती भक्तो जागो, इस को कोई सतीश शाह या सतीश पटेल बना लो, भक्ति रेस में पिछड़ रहे हो.”
गुजराती भक्तो जागो, इस को कोई सतीश शाह या सतीश पटेल बना लो, भक्ति रेस में पिछड़ रहे हो।
— chirag patel (@chirag24576) January 16, 2022
नाज़िया खान ने एक काफी चर्चित मीम की लाइन ट्वीट करते हुए लिखा,
“सबने अपने-अपने हिसाब से जाति बाँट ली. SPG be like- हाँ ये कर लो पहले.”
सबने अपने-अपने हिसाब से जाति बाँट ली।#SPG be like- हाँ ये कर लो पहले…😐#SundayFunday#sundayvibespic.twitter.com/HVddMWLD0V
— Nazia Khan (@NaeemDrnazia) January 16, 2022
ये ऐसा पहला मौका नहीं है, जब लोग किसी व्यक्ति विशेष की जाति खोज रहे हों. ऐसे तमाम उदाहरण हैं, जब खबरों में आए किसी व्यक्ति की जाति खोजी जाती है, जबकि वो जिन वजहों से खबरों में आया होता है, उनका उसकी जाति या नाम से कोई लेना-देना नहीं होता.
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