आज कल जहां देखिए कोरोना वायरस की बात हो रही है. अगर बात, बात तक रहे तो ठीक, लेकिन कहीं-कहीं ये बहस का मुद्दा भी बन जा रहा है. जैसे अभी सोशल मीडिया पर एक बहस चल रही थी. ऋचा चड्ढा और एकता कपूर के बीच. ये सारा बवाल शुरू हुआ कॉमेडियन अदिति मित्तल के एक ट्वीट से. कंफ्यूज़ होने की ज़रूरत नहीं है. पूरा मामला समझाते हैं.
15 मार्च को अदिति मित्तल ने एक ट्वीट किया. ज़ाहिर तौर यहां कोरोना वायरस से जुड़ी बात हो रही थी. अदिति ने लिखा-
”इंडिया में जिन लोगों में COVID19 के लक्षण दिख रहे हैं, वो अस्पतालों और मेडिकल अथॉरिटीज़ से भाग रहे हैं. इससे साफ ज़ाहिर होता है कि एक आम भारतीय नागरिक के सरकार के साथ कैसे संबंध हैं. और उन्हें सरकारों पर कितना भरोसा है.”
ऋचा ने अदिति को कोट करते हुए अपना समर्थन जताया. उन्होंने लिखा-
”+1.
हालांकि इस तरह के व्यवहार (मेडिकल अथॉरिटीज़ और अस्पतालों से भागने) का कोई समर्थन नहीं करता.”
अब इस गेम में एंट्री लेती हैं टीवी क्वीन एकता कपूर. एकता को ऋचा की कही बात सही नहीं लगी. उन्होंने अपनी असहमति दर्ज करवाते हुए कहा-
”मैं इससे सहमत नहीं हूं. ये समय महामारी का राजनीतिकरण करने का नहीं है. इसका अथॉरिटीज़ से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि वो लोग खुद अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों की मदद कर रहे हैं. ये गैर-ज़िम्मेदाराना (लोगों का भागना) है. मैं देखना चाहती हूं कि अगर उन्हें ईनाम दिया जाएगा, क्या वो तब भी भागेंगे.”
ऋचा ने एकता की बात को मानते और समझते हुए कहा-
”इसका राजनीतिकरण नहीं किया जा सकता एकता, क्योंकि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग पार्टियों की सरकार है. और देशभर के लोग इससे संक्रमित है. जो लोग भागे और क्वॉरंटीन की अवहेलना की, वो गैर-ज़िम्मेदार हैं. लेकिन अगर आप उनसे पूछेंगी कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, तो इसका जवाब ये है कि उन्हें अथॉरिटीज़ पर भरोसा नहीं है. मेरा यकीन करिए.”
ये सारा हंगामा इस बात पर चल रहा है कि जिन लोगों पर कोरोना वायरस से संक्रमित होने का शक है या जो विदेश से वापस आ रहे हैं, उन्हें क्वॉरंटीन या आइसोलेशन वार्ड में रखा जा रहा है. लेकिन लोग वहां से भाग रहे हैं. क्योंकि उन्हें वहां बुनियादी सुविधाएं तक मुहैया नहीं करवाई जा रहीं. लोगों के भागने की वजह क्या हो सकती है, इसका एक नमूना यहां देखिए:
My daughter landed from Spain today morn around 8:30 and since then her life has become a living nightmare.
At the airpot for 5 hours they did not get a sip of water or food
The staff was rude – pushing them, even to the extent of saying – दूर रहे हमसे, तुम सब मरने वाले हो….(1)— Tinkerbell 11:11 (@tinkerbell9958) March 16, 2020
ऐसी ही एक खबर आगरा से भी आई थी. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि इटली से लौटी एक महिला क्वॉरंटीन से भाग गई. लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया से हुई बातचीत में उस महिला के परिवारवालों ने बताया कि हां उनकी फैमिली के दो सदस्य विदेश गए थे लेकिन वो इटली कभी नहीं गए. जहां तक सवाल है उस महिला के आइसोलेशन वार्ड से भागने का, तो वो हॉस्पिटल में कायदे से चेक अप करवाने के बाद डॉक्टरों के परमिशन से घर गई थी. लेकिन जब उसका चेक अप चल रहा था, तब वो हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में थी. वहां के टॉयलेट की हालत देखकर उन्हें उबकाई आने लगी थी. उनकी फैमिली के सदस्य सबूत के तौर पर वहां के वॉशरूम की फोटो दिखाने को भी तैयार थे.
सोशल मीडिया पर इन सेलेब्रिटीज़ के बीच जो बहस हुई, उसमें से कोई भी गलत नहीं था. सबकी अपनी-अपनी राय थी, जो उन्होंने एक-दूसरे के सामने व्यक्त की. तो बात ये है कि सिर्फ धुआं ही नहीं, आग भी है. लेकिन इस आग से भी ज़्यादा तेजी से फैल रही हैं अफवाहें. इसलिए कोरोना और अफवाह दोनों को फैलने से बचाइए.
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