एमएस धोनी. जब आया था तो संशय था. लम्बे बालों वाला रांची का लड़का जो फ़ुटबॉल में गोलकीपर हुआ करता था, बड़े शहर की बपौती बन चुके क्रिकेट के खेल में कैसे सांस लेगा. वो आया, कप्तान बना, वर्ल्ड टी-20 और 50 ओवर का वर्ल्ड कप जिताकर बाल मुंडवाने चला गया. वानखेड़े में मारे उस छक्के ने खुद को भारतीय क्रिकेट की एक अमर तस्वीर बना दिया है. खैर, मैच हो रहा था सेंचुरियन में. मैच पर बारिश का साया था. लेकिन मैच हुआ. इंडिया ने पहले बैटिंग की और एमएस धोनी को आधी इनिंग्स में ही पिच पर आना पड़ा.
SA v Ind highlights – Dhoni’s 52 off 28 https://t.co/AhxdHAY1ra
— The Lallantop (@TheLallantop) February 22, 2018
धोनी के पास इनिंग्स को मजबूती से बनाने का पूरा मौका था. उन्होंने वो किया भी. मनीष पांडे के साथ मिलकर 98* की पार्टनरशिप की. इस दौरान धोनी ने देह के साथ दिमाग से भी खेला. शुरुआत में संभल कर खेलते हुए अन्त में सभी घोड़े खोल दिए. पैर पर आई गेंदें लेग साइड में बाउंड्री पर रुक रही थीं. लगभग यॉर्कर लेंथ की गेंदें भी बाउंड्री पार जा रही थीं. धोनी ने बैकफ़ुट पंच करते हुए कवर बाउंड्री के पार जिस तरह से गेंदों को पहुंचाया, वो ये बता रहे थे कि उन्हीं बांहों में अभी भी इतनी ताकत है कि उनके सामने टीमें झुक सकती थीं. अभी तक हमने सचिन को बेहद सहजता के साथ पिछले पैर पर जाकर बैकफ़ुट पंच करते हुए देखा था जिसमें गेंद ज़मीन पर घिसटती हुई जाती थी. यहां धोनी उसी शॉट पर गेंद को हवा में उछाल रहे थे. ये उनकी मजबूती दिखाता है. और पुराने धोनी की झलक भी.
धोनी की दूसरी टी-20 इंडिया के काम नहीं आई और इंडिया मैच 6 विकेट से हार गई. लेकिन हां, उन सभी को ज़रूर एक जवाब मिल गया जो ‘धोनी खेल नहीं पा रहा है’ जैसी बातें कहते फिरते हैं/थे.
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