सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें काफी तेज़ी से वायरल हो रही हैं. ये तस्वीरें महात्मा गांधी के एक स्टैच्यू की है. तस्वीरों में स्टैच्यू की आंखों में तेज़ लाल रोशनी चमक रही है. महात्मा गांधी का ये स्टैच्यू सैन फ्रांसिस्को में है. वहां के फेमस फार्मर्स मार्केट में. स्टैच्यू का चेहरा सीधे बे ब्रीज की तरफ है.
अब जब महात्मा गांधी की चमकती हुई आंखों वाली तस्वीरें तेज़ी से वायरल होने लगीं, तब सबके मन में सवाल आया कि ऐसा कैसे हुआ? तो आपको बता दें कि ये सब एक मज़ाक था. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, किसी ने मज़ाक करने के लिए स्टैच्यू की आंखों में लाल लाइट्स लगाई थीं.
बाद में कुछ और तस्वीरें भी वायरल हुईं. जिनमें एक आदमी महात्मा गांधी के उस स्टैच्यू के ऊपर चढ़ते और उसकी आंखों में लाइट्स लगाते दिख रहा है. फेसबुक और इंस्टाग्राम में इन तस्वीरों के वायरल होने के पहले, ये रेडिट में वायरल हुई थीं. लोग इन तस्वीरों को शेयर करके लिख रहे थे, ‘लेज़र लाइट्स की आंखों वाले गांधी सबसे अच्छे गांधी हैं’.

कब बना ये स्टैच्यू?
ब्रॉन्ज, यानी कांसे का स्टैच्यू है. साल 1988 में इसे बनाया गया था. सैन फ्रांसिस्को के फेरी बिल्डिंग के पास बना है. ऊंचाई 8 फुट है. ये गांधी मेमोरियल इंटरनेशनल फाउंडेशन का एक गिफ्ट है.
पहले भी इसे छेड़ा गया है
इस बार तो आंखों में लाल लाइट डाली गई थीं, लेकिन इसके पहले स्टैच्यू का चश्मा गायब हो गया था. वो भी एक से ज्यादा बार, जिसके बाद सिटी के आर्ट्स कमीशन को चौकन्ना होना पड़ा. अब ये कमीशन अपने पास पहले से ही एक चश्मे का सेट रखता है. ताकि अगर स्टैच्यू का चश्मा फिर से गायब हो, तो तुरंत दूसरा लगाया जा सके.
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