बीते वर्ष हर्षवर्धन कपूर ने राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म ‘मिर्जया’ से हिंदी फिल्मों में डेब्यू किया. मिर्जा-साहिबां की इस एपिक कहानी में उन्होंने त्रासद अंत वाले पुराने और मॉडर्न प्रेमी मिर्जा का रोल किया. अनिल कपूर के बेटे और सोनम के छोटे भाई हर्ष की एक्टिंग को बहुत सराहा गया. इसके लिए उन्होंने एक साल से ज्यादा टाइम तक तैयारी की थी. हर्ष इससे पहले अनुराग कश्यप की फिल्म ‘बॉम्बे वेलवेट’ में कुछ दिन असिस्टेंट भी रहे. उनकी दूसरी फिल्म ‘भावेश जोशी’ का सह-लेखन भी अनुराग ने किया है. हर्ष अभी से हिंदी सिनेमा के सॉलिड एक्टर्स में गिने जा रहे हैं.
2016 में ही एक और एक्टर ने हिंदी फिल्मों में प्रवेश किया जिसने सबको प्रभावित किया. वे हैं दिलजीत दोसांझ. पंजाबी सिंगर और पंजाबी फिल्मों के स्टार दिलजीत ने डायरेक्टर अभिषेक चौबे की ‘उड़ता पंजाब’ में पुलिसकर्मी सरताज का रोल किया जो ड्रग्स के ट्रक, नाकों से गुजरने देता है और बदले में रिश्वत लेता है. लेकिन बाद में जब उसका छोटा भाई इस लत के कारण मरने वाला होता है तब उसे सुध आती है और वो एक महिला डॉक्टर के साथ पंजाब में नशे के अवैध कारोबार से जुड़ी सूचना जुटाता है ताकि चुनाव आयोग को देकर इस अपराध तंत्र को तोड़ सके.
इस बार के फिल्मफेयर अवॉर्ड में बेस्ट डेब्यूटेंट मेल एक्टर की ट्रॉफी भी दिलजीत को ही गई. इस पर हर्ष ने खुले तौर पर नाराजगी जताई है.
उन्होंने लॉजिक भी दिया है कि क्यों ये अवॉर्ड दिलजीत को नहीं मिलना था.
उन्होंने मुंबई के एक अख़बार से बात करते हुए कहा है, “हालाकि मैं बेस्ट डेब्यूटेंट के दो अवॉर्ड (मिर्जया के लिए) हाल ही में जीत चुका है, लेकिन मैं इस ब्लैक लेडी (फिल्मफेयर) को जीतने की आस लगाए था. लगता है हर अवॉर्ड इवेंट के अपने पैमाने होते हैं. लेकिन मैं ईमानदार होकर कहूंगा कि डेब्यूटेंट अवॉर्ड किसी ऐसे के लिए होता है जिसने अपनी पहली फिल्म में काम किया होता है. ये अवॉर्ड किसी ऐसे एक्टर को नहीं जाना चाहिए जिसने किसी और फिल्म इंडस्ट्री या दूसरी भाषा की कई फिल्मों में पहले काम किया है.”
उनका सीधा इशारा दिलजीत की ओर है. क्योंकि दिलजीत ने 2011 में पंजाबी फिल्म ‘द लॉयन ऑफ पंजाब’ से अपना एक्टिंग डेब्यू कर लिया था. ‘उड़ता पंजाब’ से पहले करीब एक दर्जन पंजाबी फिल्में वे कर चुके हैं. इनमें ‘जट्ट एंड जूलियट’ और उसकी सीक्वल जैसी दो ब्लॉकबस्टर्स हैं जो कमाई के मामले में पंजाबी फिल्मों में कीर्तिमान बना चुकी हैं. इन लव-कॉमेडीज़ के डायरेक्टर अनुराग सिंह के साथ ही दिलजीत ने 2014 में बेहद गंभीर फिल्म ‘पंजाब 1984’ की थी जिसके बाद वे हिंदी फिल्म सर्किट में भी चर्चा में आए. इस फिल्म को लेकर महेश भट्ट ने भी ट्वीट किया था. अनुराग को एक-दो हिंदी प्रोजेक्ट डायरेक्ट करने के लिए मिल गए और दिलजीत को ‘उड़ता पंजाब’.
हर्ष ने इंटरव्यू में कहा, “मिसाल के तौर पर अगर लियोनार्डो डिकैप्रियो आज एक हिंदी फिल्म में काम कर लें तो क्या इसका मतलब ये है कि वो अपना एक्टिंग डेब्यू कर रहे हैं? उन्होंने पहले ही बहुत सारी हॉलीवुड फिल्मों में काम किया है.”
टेक्नीकली जो बात हर्ष कह रहे हैं वो सही है. आयोजकों को अभिनय की किसी और श्रेणी में दिलजीत को पुरस्कार दे देना था. उनके अभिनय में कोई कमी नहीं निकाल रहा लेकिन वे बहुत फिल्में पहले कर चुके हैं जो हिंदी भाषी दर्शकों ने भी देखी हैं. ये उनका फिल्म डेब्यू नहीं था.
दिलजीत दोसांझ ने ‘उड़ता पंजाब’ साइन करने के बाद से हिंदी फिल्म उद्योग में लोगों से तारीफें ही पाई हैं. एक भी आवाज अब तक उनकी आलोचना में नहीं उठी है. हाल ही में एक राउंडटेबल में दिलजीत को अमिताभ बच्चन, रणबीर कपूर, शाहिद कपूर, सुशांत सिंह राजपूत की बराबरी में स्थान मिला जबकि 2016 में उनसे अच्छे एक्टर (मसलन, मनोज बाजपेयी) भी बहुत थे.
वहां पर भी अमिताभ ने दिलजीत की तारीफ की. उनके ‘उड़ता पंजाब’ को को-स्टार शाहिद ने भी तारीफ की कि वे पंजाब में कितने बड़े स्टार हैं.
ख़ैर, हर्ष और दिलजीत दोनों ही आगे भी अच्छे प्रोजेक्ट्स कर रहे हैं. दिलजीत ने अनुष्का शर्मा के प्रोडक्शन की फिल्म ‘फिल्लौरी’ में उनके और सूरज शर्मा (लाइफ ऑफ पाई) के साथ अभिनय किया है. एकता कपूर भी एक पंजाबी फिल्म ‘सुपर सिंह’ दिलजीत को लेकर प्रोड्यूस कर रही हैं. वहीं हर्षवर्धन डायरेक्टर विक्रमादित्य मोटवाणी की बहु-प्रतीक्षित फिल्म ‘भावेश जोशी’ ज्यादातर शूट कर चुके हैं. वे ओलंपिक चैंपियन शूटर अभिनव बिंद्रा की बायोपिक में भी काम करने वाले हैं जिसका निर्माण विशाल भारद्वाज करेंगे.
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