आर आर मार्टिन का शाहकार – गेम ऑफ़ थ्रोन्स. इसके लास्ट सीज़न के पहले एपिसोड का रिव्यू हम कर चुके हैं. और साथ ही में इससे जुड़ी कुछ बेसिक जानकारियां भी दे चुके हैं.
पढ़िए- गेम ऑफ़ थ्रोन्स सीज़न 8 एपिसोड 1 - रिव्यू
22 अप्रैल, 2019 को भारतीय समयानुसार सुबह 6:30 बजे भारत में इसके आठवें सीज़न का दूसरा एपिसोड प्रीमियर किया गया. हॉटस्टार पे. और अब चूंकि हम इसे देख चुके हैं तो हमारा ये फ़र्ज़ बनता है कि जो हमने पहले सीज़न के दूसरे एपिसोड में ऑब्ज़र्व किया वो आपके साथ शेयर करें. आप इसे रिव्यू भी कह सकते हैं. लेकिन इस दौरान हम ऐसा कोई स्पॉइलर नहीं देंगे जो आपके व्यूइंग आनंद को कमतर कर दे.

तो जहां लास्ट सीज़न का पहला एपिसोड रीयूनियन वाला और पहले सीज़न के पहले एपिसोड की फील लिए हुए था वहीं दूसरे एपिसोड में भी ये रियूनियन कंटीन्यू रहते हैं. लेकिन एपिसोड के पहले कुछ मिनटों तक. इसके साथ-साथ कई किरदारों के रीशफल भी आपको देखने को मिलेंगे. यानी कल तक, या यूं कहें, पूरे सात सीज़न भर, जो एक पक्ष के प्रति वफादार थे, वो अब दूसरे पाले में हैं.
इनमें सबसे महत्वपूर्ण जैमी लेनेस्टर है. उसके किरदार का पूरे 7 सीज़न के दौरान बुरे से अच्छे बनने तक का एक सफर है. उसी सफर में वो एक कदम और आगे बढ़ता हुआ दिखता है, लेकिन इस सब के दौरान वो ‘सॉरी’ केवल उन चीज़ों के लिए है जिनके लिए वो वाकई गलत था. और यूं वो अपनी सेल्फ इस्टीम पर आंच नहीं आने देता.
उसके साथ-साथ कई और ऐसे करैक्टर्स हैं जो अब एक कॉमन कॉज़ के लिए लड़ रहे हैं. इन सभी को एक साथ देखना अच्छा लगता है. यूं ये एपिसोड, आज तक के आठों सीज़न के सभी एपिसोड्स में से सबसे पॉज़िटिव फील लिया हुआ लगता है.
S8E1 में जब कुछ लोग बैठकर अपने पुराने दिनों को याद करते हैं तो ये उन फिल्मों की तरह या सीरियल्स की तरह नहीं होता जिसमें कहानी को आगे बढ़ाने के लिए ऐसा किया जाता है, यहां पर ये सभी लोग जो बातें अपने अतीत को लेकर कर रहें होते हैं, वो सब तो हमने पिछले सीज़न्स में देखी ही होती हैं, इसलिए हम एक दर्शक होने के बावजूद नॉस्टैल्जिक फील करते हैं.
‘ब्रियन ऑफ़ टार्थ’ कुछ सबसे ताकतवर करैक्टर्स में से एक होते हुए भी सबसे इनोसेंट है. और अगर आप जीओटी को शुरू के फॉलो कर रहे हैं तो जब उसके साथ कुछ अच्छा होता है तो आपको भी अच्छा लगता है. यूं जैसा मैंने पहले भी कहा था, ये एपिसोड कुछ ‘फील गुड फैक्टर्स’ का कोलाज है. क्यूंकि उसके साथ वाकई कुछ ऐसा होता है जिसके लिए उसका अस्तित्व है…
अच्छे कंटेंट की विशेषता होती है कि वो धीरे-धीरे ग्रो करते हैं, फिर मानसून के बादलों की तरह आपको चारों तरफ से घेर लेता है. गेम ऑफ़ थ्रोन्स के बारे में भी यही कहा जा सकता है. और यही कहा जा सकता है इसके फाइनल सीज़न के बारे में. जहां इसका पहला एपिसोड कोई खास नहीं था, लेकिन आवश्यक था. एक कड़ी सरीखा. कुछ चीज़ें स्टेब्लिश करने के लिए. वहीं इसके दूसरे एपिसोड में वो बात आती दिखी जिसके लिए जीओटी जाना जाता है. होने को अब भी ये अपने शबाब पर नहीं चढ़ा है, लेकिन जैसा हमें पहले एपिसोड को देखकर लगा था कि दूसरे एपिसोड में इंट्रेस्ट और बढ़ेगा, और हम सही भी थे, वैसा ही कुछ इस एपिसोड को देखकर भी लगा. इसलिए यही कहा जा सकता है, खुद से भी आपसे भी – आगे-आगे देखिए होता है क्या?
और हां सबसे महत्वपूर्ण चीज़ – वाइट वॉकर्स और करीब आ गए हैं. वो दूर से दिख रहे हैं. बस एक रात दूर हैं वो. या यूं कहें एक हफ्ते.
जाते जाते इस एपिसोड का एक वन लाइनर –
मैंने अपने परिवार को धोखा दिया है, क्योंकि ये वफादारी से परे की बात है. यह सर्वाइवल की बात है.
वीडियो देखें –
धोनी और दूसरे क्रिकेटर्स के फेवरेट मेरठ वाले क्रिकेट बैट बनते देखिए –
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