मलयालम फिल्मों वाले कहते हैं उनकी फिल्में ‘क्लोज़ टू रिएलिटी’ होती हैं. उनका हीरो लंबी कद काठी का कोई गोरा मुश्टंडा नहीं होता. जिसका पेट ईंट जैसा सख्त हो. उनकी फिल्मों के हीरो का पेट हम-आप जैसा होता है. या तो अंदर तक सिकुड़ा हुआ. वर्ना गोले समान थुल-थुल करता हुआ. यूं कह लीजिए कि इनकी फिल्मों का हीरो हम-आप जैसा ही दिखता है. मतलब डिट्टो. अब आप बिगड़ेंगे. कहेंगे, ‘भक्क, हीरो हम जैसा दिखता है क्या?’. बचपन से जितने हीरो लोगों को परदे पर हिंदी बोलते सुना वो तो हमारे जैसे नहीं दिखते. लेकिन जाने ये मलयालम सिनेमा वाले कौन सी दुनिया के लोग हैं. अच्छे सिनेमा के नाम पे हमारे आसपास की, हमारे घरों की कहानियां दिखा रहे हैं. ज़रा कुछ गाड़ियां-वाड़ियां उड़वाओ. लात-घूंसे चलवाओ.
खैर, हमारी ऐसी ही शिकायत को एक मजबूत आवाज़ मिली. आवाज़ थी एक्टर गजराज राव की. हाल ही में उन्होंने एक मलयालम फिल्म देखी. नाम था ‘जोजी’. फिल्म 09 अप्रैल को अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हुई है. लीड रोल में हैं फहद फ़ाज़िल. जो आजकल मलयालम सिनेमा का चेहरा बने हुए हैं. फिल्म देखकर गजराज राव ने मेकर्स के नाम एक पोस्ट शेयर किया. लिखा,
डियर दिलीश पोथन (‘जोजी’ के डायरेक्टर) और अन्य मलयालम फिल्ममेकर्स. खासतौर पर फहद फ़ाज़िल एंड फ़्रेंड्स (ये फहद और उनके दोस्तों की प्रॉडक्शन कंपनी है)
मैंने हाल ही में ‘जोजी’ देखी और ये कहते हुए बड़ा दुख हो रहा है कि मुझे आप लोगों से खुंदक है. बस बहुत हो गया. ये ठीक बात नहीं है कि आप ओरिजिनल आइडियाज़ पर काम करते जा रहे हैं. वो भी पूरी शिद्दत के साथ. और अच्छा सिनेमा बना रहे हैं. आपको बाक़ी के रीजनल सिनेमा से कुछ चीज़ें सीखने की जरूरत है, खासतौर पर हम हिंदी सिनेमा वालों से. आपको एवरेज काम करने की ज़रूरत है.
अक्सर ये बात सामने आती है कि हिंदी फिल्मों पर फिल्मों जितना बजट तो मार्केटिंग खा जाती है. वो बड़े-बड़े प्रोमोशन कैम्पेन जिनके बिना प्रड्यूसर को लगता है अपनी पिच्चर नहीं चलेगी. अपनी पोस्ट में गजराज जी ने इसका भी ज़िक्र किया. फहद एंड कंपनी को लिखा,
कहां हैं ऐसे थका देने वाले मार्केटिंग कैम्पेन और प्रोमोशन? कहां है वो वीकेंड बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के लिए जुनून? ये सब बहुत ज़्यादा हो रहा है.
इतना पढ़कर आप गजराज राव की बात के पीछे छिपा कटाक्ष समझ ही गए होंगे. जो नहीं समझे और एक-एक शब्द दिल पर ले गए, उनके लिए भी उन्होंने अपनी पोस्ट में कुछ लिखा,
उम्मीद करता हूं आप मेरी बात को सीरियसली नहीं लेंगे. और जो उम्दा काम कर रहे हैं, वो जारी रखेंगे. एक पैंडेमिक फ्री दुनिया में मैं पॉपकॉर्न के साथ आपकी फिल्मों के फर्स्ट डे, फर्स्ट शो का इंतज़ार करूंगा.
सिंसियरली,
गजराज राव
चेयरमैन (स्वघोषित)
फहद फ़ाज़िल फैन क्लब (नॉर्थ रीजन)
लेटर अपनी बात बड़ी स्पष्टता से कह गया. फिर भी इसके खत्म होने पर गजराज जी से एक सवाल बनता है. इस फहद फ़ाज़िल फैन क्लब की मेंबरशिप के लिए क्या करना होगा? मिस्टर कौशिक जी (‘बधाई हो’ वाले), अगर आप ये पढ़ें तो जरूर बताइएगा. मैं अपनी पासपोर्ट साइज़ फोटो लेकर तैयार बैठा हूं.
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