पड़ताल: जुर्म और आतंकी साज़िश की तस्वीरों को असम के कथित कांग्रेस नेता से जोड़ता दावा भ्रामक!
दावा- असम के कांग्रेस नेता हथियारों के साथ गिरफ़्तार
बिहार चुनाव के दौरान ‘दी लल्लनटॉप’ और ‘फ़ेसबुक’ मिलकर फेक न्यूज़ के ख़िलाफ़ मुहिम चला रहे हैं. आमतौर पर जनता के बीच जाकर हम फ़ेक न्यूज़ के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए वर्कशॉप करते हैं, लेकिन कोरोना महामारी के चलते एक जगह पर इकट्ठा होना मुमकिन नहीं है. इसलिए, ‘लल्लनटॉप’ और ‘फेसबुक’ मिलकर ऑनलाइन वर्कशॉप आयोजित कर रहे हैं. ऐसी ही एक वर्कशॉप में हमारी पाठक आरज़ू मलिक ने एक वायरल पोस्ट शेयर किया. जिसमें दावा किया जा रहा है कि ‘असम कांग्रेस के नेता अमजात अली सेब की पेटी में हथियार और गोलियां रखने पर हिरासत में लिए गए. क्या है इस दावे की सच्चाई, आइए जानते हैं.
दावा
सोशल मीडिया पर हाथों में हथकड़ी लगे एक शख़्स की तस्वीर वायरल हो रही है. साथ में एक पेटी से कुछ बिखरे हुए सेब, कुछ कारतूस और बमों की तस्वीर भी शेयर की जा रही है. इन दोनों तस्वीरों को शेयर कर रहे सोशल मीडिया यूज़र्स इसे असम के कथित कांग्रेस नेता अज़मत अली(अमजात) की तस्वीर बता रहे हैं. दावा कर रहे हैं ये कथित कांग्रेस नेता हमले की प्लानिंग कर रहा था.
फेसबुक यूज़र विनय जायसवाल ने वायरल तस्वीरों को पोस्ट करते हुए लिखा है-
#असम के #कांग्रेस_नेता #अमजात_अली सेब की पेटी में #हथियार और #गोलियां के साथ हिरासत में। काफिरो को मारने का कर रहा था प्लान। पुलिस ने दबोचा।।
हिंदुओं जाग जाओ अभी भी समय हैं
#असम के #कांग्रेस_नेता #अमजात_अली सेब की पेटी में #हथियार और #गोलियां के साथ हिरासत में। काफिरो को मारने का कर रहा था प्लान। पुलिस ने दबोचा।।
हिंदुओं जाग जाओ अभी भी समय हैंPosted by Vinay Jaiswal on Monday, 2 November 2020
ट्विटर यूज़र पारस गुप्ता (संघी) ने भी यही दावा किया है.
इसी तरह के बाकी दावे आप यहां और यहां भी देख सकते हैं. (आर्काइव लिंक) (आर्काइव लिंक)
पड़ताल
‘दी लल्लनटॉप’ ने वायरल तस्वीरों की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल तस्वीरों के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक निकला.
रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिए हमें हाथ में हथकड़ी लगे शख़्स की तस्वीर बांग्ला न्यूज़ नाम के एक ब्लॉगस्पॉट पर मिली. इसके मुताबिक, शख़्स का नाम मुबारक हुसैन है, जिसे 4 साल की बच्ची का बलात्कार और हत्या करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. मुबारक घटना के वक्त बांग्लादेश के मेमनसिंह शहर के एक मदरसे में इमाम था. ये ब्लॉग 16 मई 2018 को पब्लिश हुआ था. (आर्काइव लिंक)
वायरल हो रही तस्वीर में दिख रहे पुलिसकर्मियों ने जो वर्दी पहनी है, वही वर्दी मेमनसिंह शहर की पुलिस की है.
हालांकि, हम इस तस्वीर के बारे में ब्लॉगस्पॉट में लिखी जानकारी की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर पाए हैं.
दूसरी तस्वीर में सेब के साथ कुछ कारतूस और बम-ग्रेनेड बिखरे हुए हैं. रिवर्स सर्च करने पर हमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर ये तस्वीर मिली. 29 अक्टूबर 2018 को किए गए इस ट्वीट के मुताबिक, श्रीनगर के बाहरी इलाके में गोलीबारी हुई. जिसमें तीन संदिग्ध आतंकी गिरफ़्तार हुए, जिसमें से एक घायल है. जांच शुरू है.(आर्काइव लिंक)
जम्मू-कश्मीर पुलिस के अलावा जागरण वेबसाइट ने भी 30 अक्टूबर 2018 को ये तस्वीर ख़बर समेत पब्लिश की है. (आर्काइव लिंक)
हमने अमजात अली(अज़मत) नाम के कांग्रेस नेता के बारे में इंटरनेट पर खोजा, लेकिन सर्च रिज़ल्ट में कहीं भी असम कांग्रेस के किसी ऐसा नेता के बारे में कोई जानकारी हमें नहीं मिली.
नतीजा
हमारी पड़ताल में असम के कथित कांग्रेसी नेता के आतंकी साज़िश में शामिल होने के नाम पर वायरल दावा और तस्वीरें भ्रामक निकलीं. वायरल दावे के साथ शेयर की जा रही दोनों तस्वीरें अलग-अलग जगह और समय की हैं. पुलिस की गिरफ़्त में खड़े शख़्स की तस्वीर बांग्लादेश की है. वहीं सेब की पेटी से निकले हैंड ग्रेनेड की तस्वीर कश्मीर की है. इनका असम या किसी कांग्रेस नेता से कोई वास्ता नहीं है.
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