प्रकाश झा. डायरेक्टर हैं. सोशल-पॉलिटिकल मुद्दों पर फ़िल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं. ‘सत्याग्रह’, ‘राजनीति’, ‘गंगाजल’ जैसी भारतीय राजनीति पर बेस्ड फ़िल्में प्रकाश झा ने ही बनाई हैं. आजकल प्रकाश झा भोपाल में अपनी वेब सीरीज़ ‘आश्रम’ के तीसरे सीज़न की शूटिंग कर रहे हैं.’आश्रम’ एक पाखंडी बाबा की कहानी है, जो धर्म की आड़ में हर गलत कर्म करता आ रहा है. शो में पाखंडी बाबा का मुख्य रोल बॉबी देओल करते हैं.
24 अक्टूबर. दिन रविवार. जगह भोपाल के अरेरा हिल्स की पुरानी जेल. यहां ‘प्रकाश झा’ ‘आश्रम’ की शूटिंग कर रहे थे. शूट चल ही रहा था कि अचानक शूटिंग लोकेशन पर कुछ पचास-साठ लोग पहुंच गए. खबरों के अनुसार ये सारे लोग बजरंग दल से थे. ये सभी मिलकर पूरे सेट पर तोड़फोड़ करने लगे. गाड़ियां फोड़ दीं .यहां तक कि डायरेक्टर प्रकाश झा के ऊपर स्याही फेंक दी. हंगामे की खबर पाकर पुलिस वहां पहुंची. पुलिस वालों को देख बजरंग दल वाले भाग खड़े हुए.
घटना के बाद बजरंग दल के प्रांत संयोजक सुशील सुदेले ने आजतक से बातचीत में चेतावनी दी कि प्रकाश झा को सीरीज़ का नाम बदलना पड़ेगा. सुशील का कहना है कि प्रकाश झा ने नाम बदलने का वादा किया है. अगर नाम नहीं बदला गया तो शूटिंग नहीं होने दी जाएगी. इतना ही नहीं, सीरीज़ को रिलीज भी नहीं होने दिया जाएगा.
तो ये हैं इस वक़्त के करेंट हालात. टीवी शो कैसे शूट करना है, क्या नाम रखना है, इसका फैसला भी अब नेता और बजरंग दल जैसे संगठन करना चाहते हैं. और अगर इनकी परमिशन ना लें या इनके हिसाब से काम ना करने पर ये सब सहना पड़ता है. लेकिन ये हालात एक दिन में नहीं बने हैं. धीरे-धीरे ये ज़हर कई सालों से घुलता आ रहा है. देश में ‘इनटॉलरेंस’ बढ़ता जा रहा है. जिसका ताज़ा नमूना प्रकाश झा ने इस घटना में देखा. इस हमले के बाद लोग प्रकाश झा का एक पुराना बयान खोज लाए हैं. जिसमें वो कह रहे हैं कि देश में कहीं असहिष्णुता नहीं है.
#क्या था बयान
सन 16 में शाहरुख खान के एक बयान ने नेशनल लेवल पर सुर्खियां बना दी थीं. शाहरुख ने एक इवेंट के दौरान मीडिया इंटरेक्शन में कह दिया था कि देश में ‘इनटॉलरेंस’ बढ़ रहा है. जिसके बाद पूरे देश में बहस छिड़ गई थी. कुछ लोगों ने शाहरुख की बात का समर्थन किया था तो कुछ लोगों ने शाहरुख की बात को सिरे से नकार दिया था. नकारने वाले लोगों में प्रकाश झा भी थे, जिन्होंने 2016 में मीडिया से कहा था कि देश में कोई ‘इनटॉलरेंस’ नहीं बढ़ रहा है. हमारा समाज मजबूत है. देश की राजनीती पर पैनी नजर रखने वाले प्रकाश झा भले उस वक़्त चूक कर गए हों लेकिन अब शायद उनकी आखें बराबर देश में बढ़ते ‘इनटॉलेरेंस’ का आंकलन कर पा रही होंगी.

सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि क्या प्रकाश अभी भी अपने पुराने बयान से इत्तेफाक रखते हैं. या अब उनके विचारों में परिवर्तन आ गया है. कई लोग उनके पुराने बयान को शेयर करते हुए प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. ऐसे ज़्यादातर लोगों का कहना है कि हेट मोंगरिंग का किसी भी फॉर्म में समर्थन करना आगे चलकर आपके लिए भी मुसीबत बन सकता है. कई लोग तो राहत इन्दौरी साहब का वो शेर भी सुना रहे हैं कि ‘लगेगी आग तो आएंगे कई लोग ज़द में’…..
खैर, अभी इस मामले में प्रकाश झा की ओर से कोई बयान नहीं आया है.
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