अमेज़न प्राइम वीडियो पर 2021 में भी कई बढ़िया शोज़ और फ़िल्में रिलीज़ हुईं. इन ‘कई’ में से टॉप शोज़ और फ़िल्मों की लिस्ट हमने तैयार की है. ये वो फ़िल्में और शोज़ हैं जिन्हें मिस करना अपराध (मज़े में बात हो रही है. सीरियस नहीं होना है) की श्रेणी में आएगा. इसलिए शोज़ और फ़िल्मों के नाम नोट करते चलिएगा.
1. दी ग्रेट इंडियन किचन(मलयालम फ़िल्म)
कास्ट – निमिषा सजयन, सूरज वेंजरामुडू
डायरेक्टर- जियो बेबी

कहानी- इस फ़िल्म की नायिका में हर भारतीय गृहणी का अंश आपको नज़र आ जाएगा. शादी के बाद कैसे पुरुष किचन और उससे जुड़े कामों को महिलाओं का कर्तव्य बताकर थोप देते हैं, फ़िल्म यही कहानी दिखलाती है.
ख़ास बात- फ़िल्म हमारी पेट्रियार्कल सोसाइटी की समस्याओं का ईमानदार चित्रण करती है. आप पुरुष हों या महिला, इस फिल्म को देखते वक्त आपका दिमाग गुस्से से भर जाएगा. यही इसकी खासियत है, जो आपको सोचने पर मजबूर करती है.
2. द अंडरग्राउंड रेल रोड (इंग्लिश सीरीज़)
कास्ट – थूसो एम्बेडू, जोएल एडगर्टन
डायरेक्टर – बैरी जेनकिंस

कहानी-ये कहानी सन 1800 के मिड में घटती है. कोरा नाम की एक स्लेव, सीज़र नाम के दूसरे स्लेव के साथ अंडरग्राउंड रेल रोड के रास्ते भाग जाती है. आज़ादी की तलाश में भागी कोरा को इस रेल रोड के रास्ते में किन-किन दिक्कतों से जूझना पड़ता है, ये सीरीज़ में आप देखते हैं.
ख़ास बात- ये सीरीज़ उस दौर के स्लेवरी सिस्टम को गहन तहकीकात करती है.
3. द व्हील ऑफ़ टाइम (इंग्लिश सीरीज़)
कास्ट – रोज़मंड पाइक, डेनियल हैनी
डायरेक्टर –रेफ़ जडकिंस

कहानी- ‘द व्हील ऑफ टाइम’ कहानी है मोइरेन की. मोइरेन ऐएस सेडाई नाम की पॉवरफुल वीमेन आर्गेनाइजेशन का हिस्सा है. मोइरेन रैंड, मैट, पैरिन और एग्वेन नाम के चार लोगों को लेकर एक ख़तरनाक सफ़र पर ले जाती हैं. जहां उसे मालूम चलता है इन चारों में से एक पूर्व जन्म में ड्रैगन था.
ख़ास बात- ये शो रॉबर्ट जॉर्डन की 14 किताबों की फैंटेसी सीरीज़ ‘द व्हील ऑफ टाइम’ पर बेस्ड है.
4. कर्णन (तमिल फ़िल्म)
कास्ट – धनुष, रजिषा विजयन
डायरेक्टर –मारी सेल्वराज

कहानी- तमिलनाडु के पोड़ियंकुलम गांव में कुछ गरीब और जाति प्रथा के मारे लोग रहते हैं. पोड़ियंकुलम के लोगों को आश्रित रखने के लिए बगल गांव मेलुर वाले उनके यहां बस स्टॉप नहीं बनने दे रहे. यहां रहता है कर्णन. ज़्यादातर गुस्से में रहता है. गांव का एक बूढ़ा आदमी यमन उसका दोस्त और मेंटॉर है. फ़िल्म में कर्णन को आप इस दकियानूसी और प्रॉब्लमैटिक सोशल स्ट्रक्चर से लड़ते हुए देखते हैं.
ख़ास बात- ये एक कमाल की हार्ड हिटिंग सोशल फ़िल्म है. ये फिल्म 1995 में कोड़ियाकुलम कास्ट वॉयलेंस से प्रेरित है. मगर थोड़े-बहुत हेरफेर और सिनेमैटिक लिबर्टी के साथ. बावजूद इसके कर्णन को मिस नहीं किया जाना चाहिए.
5. हॉस्टल डेज़ 2 (हिंदी सीरीज़)
कास्ट- आदर्श गौरव, शुभम गौर, निखिल विजय, अहसास चन्ना
डायरेक्टर- सौरभ खन्ना, अभिषेक यादव

कहानी- ‘हॉस्टल डेज़ 1’ में आए फ्रेशर्स अब खुद सीनियर बन चुके हैं. जतिन तो था ही पहले से सीनियर. ये सारे मिलकर अब नए फ्रेशर्स की रैगिंग ले रहे हैं. वो भी एक स्टेप आगे जाकर. ऐसा सिर्फ बॉयज़ हॉस्टल में नहीं हो रहा. गर्ल्स हॉस्टल में तो इससे भी 10 कदम आगे की रैगिंग चल रही है. इन सबकी ज़िंदगियों और ढेर सारी शराब, सुट्टे और पॉर्न के साथ कहानी आगे बढ़ती है.
ख़ास बात- अगर आपका कभी हॉस्टल से वास्ता रहा है तो ये शो आपको बहुत रिलेटबल लगेगा.
6. शेरशाह (हिंदी फ़िल्म)
कास्ट- सिद्धार्थ मल्होत्रा, कियारा अडवाणी
डायरेक्टर –विष्णुवर्धन

कहानी- ‘शेरशाह’ कैप्टन विक्रम बत्रा के फ़ौज में लेफ्टिनेंट के तौर पर भर्ती होने से लेकर कारगिल वॉर में शहीद होने तक का सफर कवर करती है. साथ ही उनके निजी जीवन को भी स्पेस देते हुए चलती है.
ख़ास बात- इस फ़िल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा ने अपने करियर की बेस्ट परफॉरमेंस दी है.
7. दृश्यम 2 (मलयालम फ़िल्म)
कास्ट- मोहनलाल, मीना
डायरेक्टर- जीतू जोसेफ़

कहानी- ‘दृश्यम 2’ की कहानी फ़िल्म के पहले पार्ट के 6 साल बाद की टाइमलाइन से शुरू होती है. दुनिया आगे बढ़ चुकी है. जॉर्जकुट्टी ने सिनेमाहॉल खरीद लिया है. साथ ही फिल्म भी बनाना चाहता है. उसका परिवार भी ट्रॉमा से बाहर आने की कोशिश में है. सब आगे बढ़ चुके हैं. सिवाय पुलिस डिपार्टमेंट के. वो लोग आज भी चुपके-चुपके इन्वेस्टिगेशन कर रहे हैं. जॉर्जकुट्टी पर नज़र रखे हुए हैं. उनकी पूरी कोशिश है कि एक बार लाश बरामद हो जाए और जॉर्जकुट्टी को दबोच लें. क्या ऐसा मुमकिन हो पाता है जानने के लिए फ़िल्म देखें.
ख़ास बात- एक्टिंग स्कूल कहे जाने वाले मोहनलाल इस फ़िल्म में एक बार फिर फुल फॉर्म में हैं.
8. जय भीम (तमिल फ़िल्म)
कास्ट- सूर्या, लिजोमोल होज़े, प्रकाश राज
डायरेक्टर- टी. जे. नानावेल

कहानी- पुलिस कुछ आदिवासी समुदाय के आदमियों को जबरन उठा ले जाती है. उन्हें टॉर्चर करती है. इन आदिवासियों में से एक होता है राजाकानू. जिसकी बीवी अपने पति को बचाने के लिए चंद्रु नाम के वकील की मदद लेती है. चंद्रु ह्यूमन राइट्स के केसेज़ को खास तवज्जो देता है. लेकिन इस केस की तह तक पहुंचने में उसके सामने कैसा घिनौना सच आता है, यही फिल्म की कहानी है.
ख़ास बात- पुलिस ब्रूटैलिटी को दिखलाती ये कहानी सबको देखनी चाहिए.
9. कुरूति (मलयालम फ़िल्म)
कास्ट- पृथ्वीराज सुकुमारन, रोशन मैथ्यू
डायरेक्टर- मनु वॉरियर

कहानी- इब्राहिम, शहर से कोसों दूर पहाड़ों के बीच रहता है. एक साल पहले अपनी छोटी बच्ची औऱ पत्नी को खो चुका है. एक रात उसके घर के दरवाज़े पर दस्तक होती है. दरवाज़े पर ज़ख्मी पुलिस वाला है. जो सीधा अंदर घुस आता है. साथ में एक लड़का है. जिसने व्हाट्सएप पर मिलने वाले धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने वाली बातों को सच मानकर लोगों की जान ली है. इस वजह से इस लड़के को मारने की कसम खा के बैठा है. इससे भी ज़्यादा कट्टर है लायक. एक तरफ़ जहां लायक और उसके लोग इस लड़के की जाने के पीछे पड़े हैं. वहीं इब्राहिम और उसका परिवार इस लड़के को बचाने की शपथ लेता है.
ख़ास बात- कुरूति एक फास्ट पेस्ड सस्पेंस थ्रिलर है, जो सोशल और पॉलिटिकल मुद्दों पर बात करती हुई चलती है. फिल्म का मैसेज कमाल का है.
10. सारपट्टा परंबरै (तमिल फ़िल्म)
कास्ट- आर्या, दशहरा विजयन
डायरेक्टर- पी. ए. रंजीत

कहानी- 70 के दशक का चेन्नई. कहानी है समरा की. फैक्ट्री में मजदूरी करता है. इंतज़ार करता है तो बस शिफ्ट खत्म होने वाले सायरन के बजने का. जैसे ही सायरन बजा, पहुंच जाता है बॉक्सिंग का मुकाबला देखने. मुकाबला है सारपट्टा समुदाय और इडियप्पा समुदाय के बॉक्सरों के बीच. इडियप्पा समुदाय का बॉक्सर लगातार सारपट्टा वालों को हराता आया है. मैच जीतने के बाद इडियप्पा समुदाय के लोग सारपट्टा वालों को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं. ये सुनकर सारपट्टा बॉक्सर के गुरू उसे चैलेंज दे देते हैं और समरा को ट्रेन करते हैं.
ख़ास बात- तीन घंटे की ये फ़िल्म आपको एक मिनट भी बोर नहीं करती. कास्ट पॉलिटिक्स से लेकर बॉक्सिंग की बात एक सांस में करती है.
11. फैमिली मैन 2 (हिंदी सीरीज़)
कास्ट- मनोज बाजपेयी, समांथा, शारिब हाशमी
डायरेक्टर-राज एंड डीके

कहानी- श्रीलंका का एक रेबल ग्रुप है, तमिल लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. सरकार से जारी लड़ाई के चलते उनका ग्रुप छिन्न-भिन्न हो जाता है. कुछ साथी इंडिया आकर छुप जाते हैं. बाकी लंदन में शरण ले लेते हैं. उधर, इन सब बातों से बेखबर श्रीकांत तिवारी टास्क छोड़ चुका है. एक टिपिकल कॉर्पोरेट जॉब में अपना 9 टू 5 का वक्त बिता रहा है. श्रीकांत और बागी तमिल ग्रुप के अलावा कहानी का तीसरा पहलू भी है. वो है ISI एजेंट मेजर समीर. समीर फिर एक्टिव हो चुका है. इंडिया पर बड़ा हमला करने की ताक में हैं. एक गलतफहमी की वजह से मेजर समीर और ये बागी ग्रुप साथ हो जाते हैं. अब दोनों का एक ही मकसद है. इंडिया पर ऐसा हमला करना कि एक मैसेज भेजा जा सके. अपने मकसद में कामयाब हो पाएंगे या नहीं, उधर उन्हें रोकने के लिए टास्क क्या करेगा, यही शो का प्लॉट है.
ख़ास बात- पिछले सीज़न की तरह ये सीज़न भी बेहतरीन है. शो देख के आपको हर पल रोमांच आएगा. कॉमेडी से लेकर एक्शन सबकुछ एक जगह मिलेगा.
12. सरदार उधम (हिंदी फ़िल्म)
कास्ट- विकी कौशल, अमोल पराशर
डायरेक्टर- शूजीत सरकार

कहानी- ‘सरदार उधम’ नाम की ये फिल्म सिर्फ क्रांतिकारी को ट्रिब्यूट नहीं देती. बल्कि उसकी अनसुनी कहानी को दुनिया के सामने लाकर रखती है. ये फिल्म सरदार उधम सिंह के कैरेक्टर को स्टडी करती है. वो क्या कर रहा है? क्यों कर रहा है? कैसे कर रहा है? इसे करने से क्या होगा? इस तरह के तमाम सवालों के जवाब आपको ये फिल्म देती है.
ख़ास बात- फ़िल्म का क्लाइमैक्स सीक्वेंस आपको झिंझोड़ के रख देता है. पहले इस फिल्म में इरफान काम करने वाले थे. उन्होंने फिल्म की तैयारी भी शुरू कर दी थी. मगर उनकी बीमारी और फिर देहांत के बाद ये रोल विकी कौशल ने किया. ये विकी के करियर का सर्वश्रेष्ठ काम है.
13. विद लव (इंग्लिश सीरीज़)
कास्ट- एमेरौड टूबिया, मार्क इन्डेलीकाटो
डायरेक्टर- ग्लोरिया कॉल्ड्रॉन

कहानी- ये स्टोरी है डियाज़ सिबलिंग्स लिली और जॉर्ज की. जो अपनी लाइफ में प्यार की तलाश कर रहे हैं. क्रिसमस सीज़न में उनकी लव लाइफ में क्या मोड़ आते हैं, ये शो में देखने को मिलता है.
ख़ास बात- न्यू एज लव रिलेशनशिप का कॉन्सेप्ट आपको इस शो में देखने को मिलता है.
14. दी इलेक्ट्रिकल लाइफ़ ऑफ़ लुइस वेन (इंग्लिश फ़िल्म)
कास्ट- बेनडिक्ट कम्बरबैच, क्लेरी फॉय
डायरेक्टर- विल शार्प

कहानी- लुइस वेन. एक आर्टिस्ट, एक इन्वेंटर, एक आंत्रप्रेन्योर और एक क्रिएटर. एक दिन लुइस वेन एक बिल्ली के बच्चे को अडॉप्ट करते हैं. जिसके बाद वो बिल्लियों की कुछ ऐसी तस्वीरें पेंट करते हैं, जिससे उन्हें वर्ल्ड लेवल पर ख्याति मिलती है.
ख़ास बात- ये फ़िल्म महान आर्टिस्ट लुइस विलियम वेन की बायोग्राफी है. लुइस वेन बड़ी-बड़ी आंखों वाली बिल्ली की तस्वीर बनाने के लिए मशहूर थे.
15. नारप्पा (तेलुगु फिल्म)
कास्ट- वेंकटेश, प्रियमणि
डायरेक्टर- श्रीकांत

कहानी- नारप्पा और उसका छोटा बेटा सिनब्बा. दोनों रात के अंधियारे में छुपते-छुपाते भाग रहे हैं. दूसरी तरफ नारप्पा की पत्नी और बेटी भी अपना घर छोड़ किसी दूसरी दिशा में भाग निकली हैं. फिर समझ आता है इस परिवार के अलग होकर भागने का कारण. जब पुलिस गांव के ज़मींदार पांडुसामी के घर पहुंचती है, तो पांडुसामी की हत्या हो चुकी है. गुस्से में पागल उसके परिवारवाले बस किसी भी तरह हत्यारे तक पहुंचना चाहते हैं. ताकि उसे तड़पाकर मार सकें. पांडुसामी का चैप्टर क्लोज़ करने वाला कोई और नहीं बल्कि नारप्पा का बेटा सिनब्बा ही था. इसलिए पुलिस या पांडुसामी के आदमियों के पहुंचने से पहले ही नारप्पा अपने बेटे को लेकर भाग जाता है.
ख़ास बात- ये कहानी है फर्क की. उस व्यवस्था की जो एक को दूसरे से ऊंचा समझने का अधिकार देती है. कहानी है पूर्वाग्रहों की. और उससे जन्म लेने वाली हिंसा और वहशीपन की. ये सब परत-दर-परत खुलेगा जब आप फिल्म देखेंगे. ‘नारप्पा’ तमिल फिल्म ‘असुरन’ की ऑफिशियल रीमेक है.
16. मालिक (मलयालम फ़िल्म)
कास्ट- फहाद फासिल, निमिषा सजायन
डायरेक्टर- महेश नारायणन

कहानी- ये कहानी है 6 साल की उम्र में मौत के मुंह से लौटकर आए बच्चे इक्का और उसके गांव रामदापल्ली के बारे में. इस गांव में मुसलमान और क्रिश्चन दोनों रहते हैं. हंसी-खुशी से आपस में मिल जुलकर. सुलेमान अपने कुछ दोस्तों डेविड, पीटर और अबू के साथ मिलकर गलत धंधे शुरू करता है. समुद्र किनारे गांव होने की वजह से उसका मेन धंधा स्मग्लिंग का है. पर वो अपने इलाके का रॉबिनहूड है. जो भी गलत-सलत काम करता है, उससे अपने गांव के लोगों की मदद करता है. समय के साथ उसका नाम और काम दोनों बड़ा होता चला जाता है. दोस्त भी उसकी मदद से ऊंची जगहों पर पहुंच जाते है. यहीं से सारा खेल बदलने लगता है. बाहरी बहकावे की वजह से गांव में धर्म की राजनीति शुरू हो जाती है.
ख़ास बात- मलिक की कहानी फिक्शनल है लेकिन असलियत के बेहद करीब लगती है. प्लस फहाद की एक्टिंग इस फिल्म में चार चांद लगाने का काम करती है.
17. गॉडज़िला vs कॉन्ग (इंग्लिश फ़िल्म)
कास्ट- मिली बॉबी ब्राउन, रेबेका हॉल
डायरेक्टर- एडम विनगार्ड

कहानी- गॉडज़िला और कॉन्ग. ये दोनों जीव एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं. इसलिए कोशिश की जाती है कि इन्हें एक दूसरे से दूर रखा जाए. और ये कोशिश करने वाले हैं इंसान. जो पिछले 10 सालों से कॉन्ग को मॉनिटर कर रहे हैं. उसके इर्द-गिर्द एक कंटेनमेंट ज़ोन बनाकर.
एक दिन अचानक गॉडज़िला जाग जाता है. गॉडज़िला के बारे में ये धारणा है कि वो कभी भी अपने आप नहीं जागता. कुछ ऐसा घटता है जिसकी वजह से वो पानी से बाहर आने को मज़बूर हो जाता है. उधर कॉन्ग को अपने कंटेनमेंट ज़ोन से बाहर लाया जाता है. अब एक खतरा बन जाता है. कॉन्ग और गॉडज़िला के एक दूसरे के सामने आने का. क्या होगा जब ये दोनों सामने आएंगे यही फिल्म की कहानी है.
ख़ास बात- फ़िल्म में ज़बरदस्त एक्शन सीन्स हैं. वीएफएक्स की मदद से क्रिएट किए गए ये सीक्वेंसेज़ आपको मॉनस्टर फिल्म देखने का भरपूर मज़ा देते हैं.
18. शेरनी (हिंदी फ़िल्म)
कास्ट- विद्या बालन, शरत सक्सेना
डायरेक्टर अमित. वी. मसुरकर

कहानी- विद्या विंसेंट नाम की डिवीज़नल फॉरेस्ट ऑफिसर का ट्रांसफर मध्य प्रदेश में हुआ है. 6 साल की डेस्क जॉब के बाद ग्राउंड पर उतरने का मौका मिला है. जिस इलाके में उसका ट्रांसफर हुआ है, वो जंगलों से घिरा हुआ है. गांव वाले अपनी मवेशियों को चराने और लकड़ी वगैरह लाने के लिए जंगल जाते रहते हैं. मगर पिछले कुछ समय से इन जंगलों में T12 नाम की शेरनी का उत्पात बढ़ गया है. वो मवेशियों से लेकर इंसानों तक को मार रही है. विद्या का काम इस बाघिन से गांववालों को सुरक्षित करना है. ‘शेरनी’ की कहानी इसी सिंपल स्टोरीलाइन के इर्द-गिर्द घूमती है.
ख़ास बात- फ़िल्म जंगल पर्यावरण से लेकर पुरुषवादी समाज तक सब पर बात करती हुई चलती है. ये साल की उन सटल और सेंसिबल फिल्मों में से थी, जिसे ज़रूर देखा जाना चाहिए. क्योंकि समझने से ज़्यादा सोचने पर मजबूर करती है.
19. इनविंसिबल (एनिमेटेड सीरीज़)
वॉयस एक्टर- स्टीवन येउन, स्टैंडरा ओह, जेके सिमंस
क्रिएटर- रॉबर्ट कर्कमैन

कहानी- ये कहानी है मॉर्क ग्रेसन की. एक 17 साल का लड़का जिसे नई-नई सुपर पावर मिली है. मॉर्क अपने पिता ओमनीमैन की तरह ही एक काबिल सुपरहीरो बनना चाहता है.
ख़ास बात- ये एक ज़बरदस्त एनिमेटिड सीरीज़ है.
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