यूपी का सीएम चुनना न हुआ. सीएम का इंतज़ार न हुआ. ‘चिल्गम’ हो गया. चबाते जाओ ख़त्म ही नहीं होता. अखबार-टीवी के हिसाब से अब तक इतने नामों पर ‘आख़िरी सहमति’ बन चुकी है, जितने कांग्रेस-सपा के गठबंधन को कुल वोट न मिले थे. ऐसे में मुसीबतें कम करते हुए हम बता रहे हैं वो तरीके जिनसे बीजेपी अपना सीएम चुन सकती है. और हम छुट्टी पाएं.
1. आदा-पादा किसने पादा
ये सबसे सरल तरीका है. फुस्स. जिस पर आए उसे सीएम बना दो. कोई ऐतराज़ भी न करेगा और आपका भी हल निकल आएगा. खैर आदा-पादा में कुछ लाइन्स भी ऐसी आती हैं, जिनसे बीजेपी ख़ासतौर पर यूपी में राब्ता भी रखती है.
2. पर्ची फेंककर
पर्ची फेंकिए. जिसका नाम आए उसे सीएम बना दीजिए. अब आपके पास इतने ऑप्शन हैं तो किसे फैक्ट्स के बल पर ये कहेंगे कि सीएम न बने. लोग कहने लगेंगे बताओ सिन्हा में क्या कमी थी, या आदित्यनाथ तुमको लायक नहीं लगते. फिर मौर्या के अलग चाहने वाले हैं. लोग कहते हैं राजनाथ सिंह को ही बना दो. तो सीधा सा है, फेंकिए पर्ची जिसका नाम आए वो सीएम. और क्योंकि पर्ची घर के सबसे छोटे से उठवाते हैं ताकि निष्पक्षता रहे तो संबित पात्रा को बुला लें. न्यूज चैनल पर अंगुली उठाए दिखने के अलावा भी पार्टी के किसी काम आएं वो.
3. छुपा-छुपाई खिलवा के
बीजेपी को चाहिए कि राष्ट्रीय कार्यालय में छुपा-छुपाई का आयोजन हो. सारे नेता भगें और जाकर छुपें. जो नेता अंत तक न पकड़ा जाए. अंत तक नज़र न आए उसे सीएम बना दें. क्योंकि एक नेता में पहला गुण ही यही होना चाहिए कि वो चुनावों के बाद नज़र न आए.
4. मेरिट के आधार पर बनाएं अपना सीएम
जो जिस चीज के लायक हो, जो अपनी जिम्मेदारी संभाल सके, उसे वही चीज मिलनी चाहिए. बीजेपी को चाहिए कि सबको मौका दे. हर विधायक आए. बीजेपी और गठबंधन के टोटल विधायक मिलाकर तीन सौ-सवा तीन सौ जितने भी विधायक हों, उनका नाम जो बता दे. उसी को सीएम बना दें. बहुत सरल है ये. सीएम से इत्ती उम्मीद तो की ही जा सकती है न कि वो अपने विधायकों के नाम याद रखें.
5. राहुल गांधी को सीएम बना दें
देखिए सीधी बात, आपको भी पता है. हमें भी. यूपी में बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा किसने पहुंचाया है? राहुल गांधी ने. 2014 के बाद अब तक उन्होंने बीजेपी को अपना समर्थन देना और अंदर-अंदर कांग्रेस को दीमक की तरह खत्म करना जारी रखा है. अब वक्त आ गया है जब बीजेपी उनकी मेहनत का फल उन्हें लौटाए. और ऑफिशियली बीजेपी ज्वाइन कर के सीएम बना दे.
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