फेसबुक पर चलने वाले मीम काफी मजा देने वाले होते हैं. कुछ ऐसे भी होते हैं जिससे आपको चिढ़ मच जाती है. ऐसे ही कुछ ट्रेंड भी होते हैं. जैसे फेसबुक पर एक ट्रेंड चला था, किड्स, अडल्ट, लीजेंड वाला. एक सिक्स वर्ड स्टोरी वाला. वो बस मजे के लिए था. पर एक चला आइस बकेट चैलेंज वाला. कुछ लोगों को बाल्टी भर बर्फ खुद पर उड़ेल लेने में खूब रस आया था, कुछ लोगों को ये विशुद्ध उल्लूपना लगा था. लेकिन कुल मिलाकर इसने एक एनजीओ के लिए पैसा जुगाड़ने का काम किया था.
लेकिन सारे मीम सारे गेम और ट्रेंड्स इतने प्रोडक्टिव नहीं होते. फेसबुक पर एक गेम ट्रेंड कर रहा है, ’10 कॉन्सर्ट्स आई हैव बीन टू, वन इज अ लाय.’ भूल कर भी उसे खेल मत लेना. इससे आपके बैंक अकाउंट के पैसे उड़ सकते हैं.
इस मीम में गेम के डेवेलपर फेसबुक यूजर को ललचवा रहे हैं कि वो अपने फेसबुक फ्रेंड्स से पूछें कि इन 10 शो में से वो कौन सा देखने गए हैं. फौरी तौर पर तो ये गेम बड़ा ही मनोरंजक लगता है. लगता है इससे कौन क्या ही नुकसान करेगा. लेकिन अगर आप ये जानकारी शेयर करते हैं तो हैकर आपके बैंक अकाउंट तक पहुंच सकते हैं.
ऐसा इसलिए कि आमतौर पर ‘आपने पहला कॉन्सर्ट कौन सा अटेंड किया था’ एक सिक्योरिटी सवाल होता है. बैंक अकाउंट में नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते वक्त ऐसा सिक्योरिटी सवाल आता है. इसे ऐसे भी समझिए कि आपने जीमेल में या नेट बैंकिंग में जो सिक्योरिटी सवाल का जवाब दिया है. किसी रोज़ फेसबुक पर ऐसे ही हलके मूड में कहीं लिख देते हैं. फिर क्या होगा? पांच सौ रुपिया का मुबाइल नहीं नौ सौ की चुंगी लगेगी.

दोस्त एक बात क्लियर कर दें. हमको पता है. कॉन्सर्ट का कल्चर हमारे यहां कितना विकसित है. हिंदी गाना तक तो तुम फ्री वाली पाकिस्तानी साइट से मुफ्त में डाउनलोड करके सुनते हो. कॉन्सर्ट के नाम पर पैसा क्या ही खर्च करोगे. वैसे भी ये तालिबानी गाना गई. लेकिन इसे एक नमूना मानिए. ऐसे ही किसी पोस्ट पर आपके पहले टीचर का या मां के होमटाउन का नाम पूछा जा सकता है. फिर एक रोज़ पता लगेगा ये तो हमारे ऑनलाइन बैंक के खाते तक पहुंचने का जरिया बन गया. समझते हो न दुनिया बहुत बादामी है.
और दूसरी बात इस तरह के पोस्ट से हैकर आपकी उम्र, म्यूजिकल रुचि और यहां तक की धार्मिक रुझान तक भी जान सकते हैं. ये एक तरह का सोशल इंजनीयरिंग अटैक है.
ब्रेन सॉलिस साइबर सिक्योरिटी हैं. उन्होंन लिंक्डइन पर एक पोस्ट लिखकर लोगों को चेताया है,
सोशल इंजीनियरिंग के बहाने लोगों को बहकाकर उनकी कॉन्फिडेंशियल जानकारियां और बाकी के डीटेल्स ले लेते हैं. इन जानकारियों से हैकर अकाउंट तक पहुंच जाते हैं. इस केस में बैंड्स के बारे में पूछकर फिशिंग स्कैम हो सकता है. जैसे कि, 9 बैंड एक हैकर को उस यूजर के बारे में काफी कुछ बता सकते हैं. इससे यूजर की प्रोफाइल जानी जा सकती है जिससे हैकर को उम्र, धार्मिक रुझान, रुचियों के बारे में काफी कुछ पता चल सकता है.
इस तरह की सोशल इंजीनियरिंग से बचने के लिए एक तरीका ये हो सकता है कि आप इन सिक्योरिटी सवालों का गलत जवाब दें. लेकिन आप उन गलत जवाबों को याद करके रखें.

तो कुल जमा ये समझिए कि फेसबुक पर कभी कुछ मजेदार लेकिन थोड़ा फंसाने वाला लगे तो फंसना नहीं है. अभी तो मान लेओ आपको लगेगा ‘मेरे मुबाइल से पइसे कइसे काट लोगे’ पर किसी दिन कट गए तो? एक मैसेज टोन बजेगी. अकाउंट डेबिटेड का मइसेज आएगा, और फिर पता लगेगा म्यूजिक की मालगाड़ी चल गई है आपकी छाती पे.
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