बंगाल में 'SIR से डरे' 95 साल के शख्स ने की आत्महत्या, CM ममता ने 3 केस बता दिए
मृतक व्यक्ति के परिवार ने आरोप लगाया कि राज्य में होने वाले SIR की वजह से वह डरे हुए थे. जिसकी वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली.
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पश्चिम बंगाल में कथित तौर पर चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR के डर से 95 साल के बुजुर्ग ने आत्महत्या कर ली. मृतक क्षितिज मजूमदार पश्चिमी मिदनापुर के कोटाली थाना क्षेत्र के कोरा पारा गांव के रहने वाले थे. इंडिया टुडे से जुड़े अनुपम की रिपोर्ट के मुताबिक, 95 साल के क्षितिज मजूमदार अपनी बेटी के साथ बीरभूम इलाम बाजार के सुभाषपल्ली में रह रहे थे. यहीं पर उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली.
मृतक के परिवार ने बताया कि क्षितिज SIR की वजह से काफी परेशान और डरे हुए रहते थे. परिवार के सदस्यों ने बताया कि वह 2002 की वोटर लिस्ट से नाम कटने के बाद से ही परेशान और बेचैन रहने लगे थे. वह परिवार के लोगों से बार-बार लिस्ट में नाम न होने के बारे में पूछा करते थे.
परिवार के मुताबिक क्षितिज पूछते थे,
"अगर मेरा नाम सूची में नहीं है, तो क्या मुझे बांग्लादेश वापस जाना होगा?"
मृतक की पोती ने बताया,
"हम उन्हें बार-बार समझाते थे कि ऐसा कुछ नहीं होगा. लेकिन उन्हें हमारी बातों पर भरोसा नहीं होता था. इस डर की वजह से वह दिन-रात परेशान रहते थे."
हालांकि पुलिस SIR वाले एंगल को खारिज कर रही है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि उन्हें ऐसा कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिसमें लिखा हो कि आत्महत्या SIR की वजह से की गई.
बीरभूम के पुलिस अधीक्षक अमनदीप ने कहा,
"पश्चिम मिदनापुर के रहने वाले 95 साल के क्षितिज मजूमदार ने आत्महत्या कर ली है. वह बीरभूम जिले के इलम बाजार क्षेत्र में अपनी बेटी के घर पर रह रहे थे. हमें बताया गया कि आत्महत्या करने की वजह SIR को लेकर फैली दहशत है. हालांकि, हमारे पास कोई भी लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है."
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मामले पर सीएम ममता बनर्जी की भी प्रतिक्रिया आई. उन्होंने एक्स पर लिखा कि SIR की घोषणा के बाद से राज्य में ऐसी कम से कम तीन घटनाएं हो चुकी हैं. सीएम ममता ने लिखा,
"27 अक्टूबर को पानीहटी में 57 साल के प्रदीप कार ने सुसाइड कर लिया. उन्होंने नोट में लिखा- ‘मेरी मौत की जिम्मेदार NRC है.’ 28 अक्टूबर को कूचबिहार के 63 साल के एक व्यक्ति ने अपनी जान लेने की कोशिश की. वो SIR की प्रकिया से दहशत में थे. और आज 95 साल के क्षितिज कुमार ने अपना जीवन खत्म कर लिया. उन्होंने डर था कि उन्हें और उनके परिवार को उनकी जमीन से बेदखल कर दिया जाएगा."
ममता बनर्जी ने आगे पूछा कि इन 'त्रासदियों' की जिम्मेदारी कौन लेगा. उन्होंने कहा, “क्या गृह मंत्री (अमित शाह) इसकी जिम्मेदारी लेंगे? क्या बीजेपी और उसके सहयोगी, जिनके अधीन ये पागलपन फैला है, आवाज उठाने की हिम्मत करेंगे?”
बंगाल की सीएम ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी वैध नागरिक को ‘बाहरी’ नहीं बनने देगी.
पुलिस ने क्षितिज के शव को पोस्टमार्टम के लिए बोलपुर सब डिविजनल हॉस्पिटल में भेज दिया. करीब तीन दशक पहले क्षितिज मजूमदार अपने परिवार के साथ बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल आए थे. यहां वह मिदनापुर में परिवार के साथ बस गए. यहां उनका नाम वोटर लिस्ट में था और उन्होंने कई साल तक क्षेत्र में होने वाले चुनाव में वोट भी डाला था.
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