फीस ना भर पाने पर पीटा, छात्र ने खुद को आग लगाई, प्रिसिंपल बोले- 'एक लाख की बाइक से कॉलेज आता है'
पीड़ित छात्र ने कहा कि- 'मैंने उन छात्रों की बात की जो फीस नहीं दे पा रहे थे, तो कॉलेज ने पुलिस बुला ली. यहां तक कि पुलिसवालों ने भी मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और मुझे कॉलेज से बाहर धकेल दिया."

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में बीए सेकंड ईयर के एक छात्र ने कथित तौर पर कॉलेज कैंपस में खुद को आग के हवाले कर दिया. छात्र ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि उसे फीस न भरने के कारण परीक्षा फॉर्म देने से मना कर दिया गया था. वो 70% से ज्यादा जल गया है. फिलहाल दिल्ली के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. वहीं, घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं.
एक वीडियो में 20 साल के उज्ज्वल राणा ने प्रिंसिपल और पुलिसकर्मियों पर कई गंभीर आरोप लगाए. दावा किया कि फीस का भुगतान न करने के कारण उसके साथ मारपीट की गई और अपमानित किया गया. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि उसे तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई थी.
घटना बुढ़ाना इलाके के एक कॉलेज में शनिवार, 8 नवंबर की सुबह 11.30 बजे हुई. एक अन्य वीडियो में छात्र आग की लपटों में घिरा हुआ दिख रहा है. जबकि दूसरे छात्र मदद के लिए दौड़ रहे हैं. जब तक छात्र आग बुझा पाते, तब तक उज्ज्वल बुरी तरह जल चुका था. उसके कपड़े पूरी तरह जल चुके थे और आग की लपटों से उसकी त्वचा काली पड़ गई थी.
उज्जवल को पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, फिर मेरठ रेफर किया गया और बाद में उसकी गंभीर जलन के कारण दिल्ली रेफर कर दिया गया. इधर घटना के बाद परिवार के लोगों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि किसी भी शिक्षक या स्टाफ सदस्य ने उसे बचाने के लिए कुछ नहीं किया. पुलिस के आने और उसे अस्पताल ले जाने से पहले ‘वो लगभग आधे घंटे तक दर्द में’ पड़ा रहा.
इससे पहले, वीडियो में उज्ज्वल राणा ने आगे कहा था कि उसे फीस का कुछ हिस्सा (1,700 रुपये) चुका दिया है. लेकिन शेष 7,000 रुपये अभी बकाया हैं. उन्होंने आरोप लगाया,
उन्होंने मेरा परीक्षा फॉर्म जमा करने से इनकार कर दिया. प्रिंसिपल ने सबके सामने मेरा अपमान किया और कहा- ‘ये कॉलेज कोई धर्मशाला नहीं है.’ उन्होंने मेरे बाल खींचे और मुझे पीटा. जब मैंने उन छात्रों की बात की जो फीस नहीं दे पा रहे थे, तो कॉलेज ने पुलिस बुला ली. यहां तक कि पुलिसवालों ने भी मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और मुझे कॉलेज से बाहर धकेल दिया.
उन्होंने आगे कहा कि अगर उसे कुछ भी हो जाए, तो प्रिंसिपल और तीन पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, उज्ज्वल राणा खाकरोबान गांव का रहने वाला है. उसके पिता हरेंद्र एक किसान हैं और उनके पास लगभग 13 बीघा ज़मीन है, जहां वे गन्ना उगाते हैं. उनकी मां का कुछ साल पहले निधन हो गया था. ये कॉलेज बुढ़ाना पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है. वहां की पुलिस का कहना है कि उज्जवल की बहन सलोनी ने कॉलेज के प्रिंसिपल और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. बुढ़ाना के CP गजेंद्र पाल सिंह ने कहा,
हमें शनिवार दोपहर 1 बजे शिकायत मिली. छात्र ने खुद को आग लगाने से पहले खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डाला था. छात्र को उकसाने में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सुरक्षा के लिए उसके साथ दो सब-इंस्पेक्टर तैनात किए गए हैं.
हमले का आरोप पुलिस पर भी लगा है. ऐसे में उनसे भी सवाल किया गया. जवाब में मुजफ्फरनगर के एसपी संजय कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. मुजफ्फरनगर के एसपीआरए इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच कर रहे हैं. अगर जांच में उनकी संलिप्तता की पुष्टि होती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
प्रिंसिपल क्या बोले?मामले पर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रदीप कुमार सिंह का भी बयान आया है. उन्होंने लोकल मीडिया से बात करते हुए कहा,
छात्र ने अपनी फीस का केवल 1,750 रुपये का भुगतान किया है. हम एक सेमेस्टर की आधी फीस जमा करते हैं. इस छात्र ने बाकी का भुगतान नहीं किया है और शायद ही कभी कक्षा में आता है. उसके पास 25,000 रुपये का मोबाइल फोन है और वो रोजाना मोटरसाइकिल से कॉलेज आता है, जिसकी कीमत कम से कम 1 लाख रुपये है. साथ ही, गाड़ी तेल भी पिएगी. उसे गरीब या दलित पृष्ठभूमि से कैसे माना जा सकता है? अगर वो सच में फीस नहीं चुका पा रहा, तो सरकार के पास ऐसे छात्रों के लिए प्रावधान और छात्रवृत्ति हैं.
प्रिंसिपल ने सवाल किया कि अगर वो छात्र गरीब है, तो उसने छात्रवृत्ति फॉर्म क्यों नहीं भरा.
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