'सिर्फ अटकलें, सच से कोसों दूर', Agniveer रिटेंशन बढ़ाने की खबर पर बोली इंडियन आर्मी
ये खबर तब आई जब 23 और 24 अक्टूबर को राजस्थान के Jaisalmer में Army Commanders Conference होने जा रही है. Operation Sindoor के बाद से ये आर्मी कमांडर्स की पहली कांफ्रेंस है. इसमें सुरक्षा का जायजा, ऑपरेशनल जरूरत, प्राथमिकताएं और भविष्य की चुनौतियों के अलावा सेनाओं से जुड़ी कई चीजों पर चर्चा होगी.

भारत की सेनाओं में भर्ती के लिए लाई गई अग्निवीर स्कीम पर काफी विवाद हुआ. कई जगहों पर सेना की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया. विपक्ष ने इसे लेकर सरकार पर आरोप लगाए. इस योजना के तहत नियम है कि 4 साल बाद भर्ती हुए जवानों में से 25 प्रतिशत ही सर्विस जारी रख पाएंगे. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस रिटेंशन रेट को 25 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया जा सकता है. और इन मीडिया रिपोर्ट्स पर आर्मी का जवाब भी आया है. तो समझते हैं, क्या है खबरों में और इंडियन आर्मी ने इसपर क्या कहा है.
ये खबर तब आई जब 23 और 24 अक्टूबर को राजस्थान के जैसलमेर में आर्मी कमांडर्स कांफ्रेंस होने जा रही है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ये आर्मी कमांडर्स की पहली कांफ्रेंस है. इसमें सुरक्षा का जायजा, ऑपरेशनल जरूरत, प्राथमिकताएं और भविष्य की चुनौतियों के अलावा सेनाओं से जुड़ी कई चीजों पर चर्चा होगी. इसी दौरान मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि इस कांफ्रेंस में अग्निवीर योजना का रिव्यू किया जा सकता है. कहा गया कि अभी की स्कीम में 4 साल के बाद सभी जवानों में से 25 प्रतिशत को ही लिया जाता है.
इस नंबर को बढ़ा कर 75 प्रतिशत कर दिया जाएगा. इसके अलावा रिटायरमेंट ले चुके लोगों के एक्सपीरियंस का इस्तेमाल भी सेना की बेहतरी के लिए करने पर चर्चा की जाएगी. अब चूंकि अग्निवीर एक बड़ा मुद्दा है, लिहाजा कई संस्थानों से फौज से संपर्क कर इसकी पुष्टि करनी चाही. लेकिन फौज ने जो जवाब दिया वो मीडिया रिपोर्ट्स से बिल्कुल मेल नहीं खाता. इंडियन आर्मी ने कहा
23 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित एक खबर, जिसका शीर्षक था "सेना कमांडरों की मेज पर: अग्निवीर की प्रतिधारण दर 25% से बढ़ाकर 75% करने का प्रस्ताव", के बारे में मीडिया में प्रश्न आ रहे हैं. यह स्पष्ट किया जाता है कि यह लेख पूरी तरह से काल्पनिक और गलत है. लेख में उल्लिखित एजेंडा और चर्चाएँ सेना कमांडरों के सम्मेलन का हिस्सा नहीं हैं. यह सम्मेलन एक बंद कमरे में आयोजित, गोपनीय मंच है और इसके बारे में असत्यापित विवरण प्रकाशित करना बेहद गैर-ज़िम्मेदाराना है.
आर्मी ने आगे कहा
पहले भी आई थी रिव्यू की खबरेंलेख में उल्लिखित अधिकांश एजेंडा बिंदु गलत हैं, जिनमें अग्निवीर की प्रतिधारण दर में वृद्धि वाला बिंदु भी शामिल है. इसलिए यह रिपोर्ट भ्रामक है और आंतरिक सैन्य विचार-विमर्श को सनसनीखेज बनाने के उद्देश्य से है. सभी मीडिया घरानों से आग्रह है कि वे भारतीय सेना से संबंधित कोई भी मामला प्रकाशित करने से पहले अधिकृत स्रोतों से तथ्यों की पुष्टि करें.
इससे पहले भी 14 अगस्त, 2025 को इंडियन एक्सप्रेस में एक रिपोर्ट छपी. इस रिपोर्ट में कहा गया कि तीनों सेनाएं अग्निवीर को रिव्यू कर रही हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि समय-समय पर सेनाओं द्वारा अग्निवीर स्कीम को रिव्यू किया जाता रहा है. 2022 में जब से ये स्कीम आई तब से इंडियन आर्मी में सिपाही, एयरफोर्स में एयरमेन और इंडियन नेवी में सेलर्स की भर्ती इसी के जरिए की जा रही है. हालांकि इस स्कीम में होने वाले संभावित बदलावों पर सेनाओं और सैन्य मामलों के विभाग (Department Of Military Affairs) के बीच चर्चा हुई है, लेकिन अभी तक किसी भी बड़े बदलाव को मंजूरी नहीं मिली है.

एक्सप्रेस ने अपने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अग्निवीरों को और अधिक संख्या में रिटेन करने पर विचार किया जा रहा है. इन सैनिकों को चार सालों की उनकी ट्रेनिंग, अनुभव और काबिलियत के आधार पर रिटेन किया जाएगा. सेनाओं ने ये पाया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अग्निवीरों ने बहुत ही शानदार तरीके से और बिना कोई गलती किए अपना काम किया. यही वजह है कि रिटेंशन की संख्या बढ़ाने की बात चल रही है. वर्तमान में सभी सैनिकों में से 25 प्रतिशत को ही रिटेन किया जाने का नियम है. अग्निवीर का पहला बैच चार साल यानी 2026 के अंत में पूरा होगा. इस समय तक ही अग्निवीर स्कीम में बदलाव किए जा सकते हैं.
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