पाकिस्तान के आसमान में चमकी रहस्यमय रोशनी क्या थी? मिसाइल लॉन्च तो बिल्कुल नहीं था!
पाकिस्तान की जब-तब भारत और अफगानिस्तान से भिड़ते रहने की आदत से लोगों के बीच अलग-अलग की चर्चाएं होने लगीं. कइयों ने दावा किया कि ये मिसाइल परीक्षण का नतीजा है. हालांकि, कुछ देर बाद पाकिस्तान के मौसम विभाग (PMD) ने पूरी कहानी साफ कर दी.

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के क्वेटा शहर में मंगलवार, 28 अक्टूबर की सुबह जब लोगों की नींद खुली, तो वे आसमान देखकर चौंक गए. उन्होंने देखा कि आसमान में अलग ही तरह की रोशनी चमक रही है. जब-तब भारत और अफगानिस्तान से भिड़ते रहने की उसकी आदत से लोगों के बीच अलग-अलग की चर्चाएं होने लगीं. कइयों ने दावा किया कि ये मिसाइल परीक्षण का नतीजा है. हालांकि, कुछ देर बाद पाकिस्तान के मौसम विभाग (PMD) ने पूरी कहानी साफ कर दी.
PMD के मुताबिक, ये नजारा एक ‘लेंटिकुलर क्लाउड फॉर्मेशन’ की वजह से था. ये बलूचिस्तान के कोहि-मुरदार इलाके में भोर में देखा गया. PMD ने X पर पोस्ट कर आगे लिखा,
ये बादल सूर्योदय से पहले दिखाई दिया, लगभग 20 मिनट तक बना रहा और सूर्योदय से ठीक पहले छंट गया.
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Lenticular Cloud होता क्या है?रपटें बताती हैं कि लेंटिकुलर बादलों का नाम लैटिन शब्द 'लेंटिक्युलरिस' से लिया गया है. इसका अर्थ है ‘लेंस के आकार का’. अक्सर इनके आकार के कारण इन्हें 'अंजान चीज' यानी अनआइडेंटिफाइड ऑब्जेक्ट (UFO) समझ लिया जाता है.
यूनाइटेड किंगडम के मौसम विभाग के मुताबिक, लेंटिकुलर बादल लेंस के आकार के पर्वतीय तरंग बादल होते हैं. ये तब बनते हैं जब स्थिर, नम हवा किसी पहाड़ या पहाड़ी के ऊपर से बहती है, जिससे नीचे की ओर बड़ी स्थिर लहरें बनती हैं.
जैसे-जैसे हवा ऊपर उठती है और इन लहरों के बाहरी परतें ठंडी होती हैं, तो नमी एक साथ आती हैं. फिर नमी संघनित होती है, जिससे एक खास तश्तरी या प्लेटों के ढेर जैसे बादल बनते हैं. यानी ये अनोखा आकार न दिखने वाली हवा के पैटर्न और पहाड़ की छाया में बार-बार होने वाले संघनन और वाष्पीकरण की प्रक्रिया से गढ़ा जाता है.
संघनन (Condensation) और वाष्पीकरण(Evaporation) हमने-आपने बचपन के पर्यावरण की किताबों पढ़ा है. वाष्पीकरण मतलब किसी तरल पदार्थ का गैस में बदल जाना. इसके विपरीत संघनन मतलब गैस का वापस तरल में बदल जाना.
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