नवरात्रि में बच्चे ने ऐलान किया- दुकान पर चिकन सस्ता, पुलिस पकड़ ले गई, अब बच्चे को कम दिख रहा
Muzaffarnagar News: 13 साल के बच्चे ने मस्जिद से एक ऐलान किया. जिसके बाद पुलिस ने बच्चे पर एक्शन लिया. अब पिता ने दावा किया कि पुलिस हिरासत में पिटाई के बाद लड़के की बाईं आंख की रोशनी कम हो गई है. हालांकि, पुलिस का कहना है कि बच्चे की आंखों में पहले से ही कोई दिक्कत थी.

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं. दावा है कि पुलिस हिरासत में पिटाई के बाद 13 साल के लड़के की बाईं आंख की रोशनी कम हो गई. नाबालिग के पिता का आरोप है, ‘इंस्पेक्टर मुझे धमकी दे रहा है कि अगर हमने कार्रवाई की, तो वो मुझे जेल भेज देगा.’ हालांकि, पुलिस का दावा है कि लड़के को पहले से ही आंखों की कोई बीमारी थी.
नाबालिग के परिवार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR), जिला बाल कल्याण समिति और मुजफ्फरनगर के पुलिस अधीक्षक (SP) को लिखित शिकायत दी है. इसमें आरोप लगाया गया कि नाबालिग की ‘किडनैपिंग’ की गई और बिरालसी पुलिस चौकी पर ‘बहुत पीटा’ गया. शिकायत में पिता ने कहा,
हुआ क्या था?मेरे बेटे को चौकी में बंद कर दिया गया और बुरी तरह पीटा गया, जिससे उसकी आंख में गंभीर चोट आई है. अब उसका इलाज चल रहा है... इंस्पेक्टर मुझे धमकी दे रहा है कि अगर हमने कार्रवाई की तो वह मुझे जेल भेज देगा.
लड़के के पिता के मुताबिक, उनके परिवार की एक गांव में चिकन की दुकान है, जो बीते 10 दिनों से बंद थी. पिता ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा,
27 सितंबर को हमने दुकान फिर से खोली. मेरा बेटा हमारी दुकान के पास वाली मस्जिद में गया और घोषणा की कि हमारी दुकान फिर से खुल गई है. उसने लोगों को बताया कि नवरात्रि के दौरान, कम मांग के चलते चिकन अब सामान्य से कम दामों पर यानी 140 रुपये प्रति किलो पर उपलब्ध होगा. पड़ोस के किसी व्यक्ति ने इस घोषणा के बारे में शिकायत की. इसके तुरंत बाद जब वो गांव में घूम रहा था, तब एक पुलिस वैन आई और उसे उठा ले गई. हमें इसके बारे में पड़ोसियों ने सूचित किया, जिन्होंने उसे ले जाते हुए देखा था.
पिता के मुताबिक, जब वो पुलिस चौकी पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि 13 साल के बच्चे को जेल के अंदर रखा गया था और उसके दोनों पैर बंधे हुए थे. जब उन्होंने पुलिस से इस बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि ये छोटी सी बात है. पुलिस ने उन्हें कथित तौर पर 12 बजे के बाद आने को कहा और आश्वासन दिया कि उसके बाद वो अपने बेटे को वापस ले जा सकते हैं. पिता ने बताया कि वो पुलिस चौकी के बाहर दो घंटे तक इंतजार करते रहे. उन्होंने आरोप लगाया,
जब मैं वापस लौटा, तो मुझे बताया गया कि मुझ पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 173 के तहत जुर्माना लगाया गया है. मैंने देखा कि मेरे बेटे के पूरे शरीर पर चोट के निशान थे. उसने शिकायत की कि उसे अब साफ दिखाई नहीं दे रहा है.
पिता ने आगे दावा किया कि पुलिस ने लड़के के फोन में देसी पिस्तौल की तस्वीर मिलने के बाद उस पर देसी पिस्तौल रखने का आरोप लगाया है. पिता ने कहा,
ये बस एक तस्वीर थी, जो उसने इंटरनेट से सेव की थी. हमारे पास कोई पिस्तौल नहीं है. लेकिन मुझ पर एक पिस्तौल रखने के लिए जुर्माना लगाया गया था. पुलिस का दावा है कि मेरे बेटे ने पूछताछ में स्वीकार किया था कि वो पिस्तौल मेरी थी. बाद में मेरे बेटे ने बताया कि उसे तब तक पीटा गया और वीडियोग्राफी की गई, जब तक वो उनकी बात मानने को तैयार नहीं हो गया.
इसके बाद, परिवार लड़के को मुजफ्फरनगर के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गया. बताया गया कि मेडिकल रिकॉर्ड में 'एक घंटे पहले लगी चोट' के कारण एक आंख की रोशनी कम होने की बात कही गई है. लड़के को सर्जरी के लिए मेरठ के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया है.
Muzaffarnagar Police ने क्या कहा?इन सारे आरोपों पर मुजफ्फरनगर के SP संजय कुमार की भी प्रतिक्रिया आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा,
मामला हमारे सामने लाया गया है. लड़के ने मस्जिद में मुर्गे को लेकर एक घोषणा की थी, जिससे स्थानीय लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. परिवार का आरोप है कि उसकी आंखों की रोशनी चली गई है. लेकिन हमारी शुरुआती जांच से पता चलता है कि उसे पहले से ही आंखों की कोई बीमारी थी, जिसका इलाज पिछले चार सालों से चल रहा था.
SP संजय कुमार ने मामले की जांच करने की बात कही है. वहीं, संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी (SHO) ने कहा कि ‘इलाके में शांति बनाए रखने के लिए’ BNSS की धारा 173 के तहत लड़के के पिता पर जुर्माना लगाया गया है.
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