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CPM ने इस वजह से नहीं बताया मोदी सरकार को फासीवादी, कांग्रेस और CPI ने घेर लिया

कांग्रेस की केरल इकाई ने कहा है कि भाजपा और CPM के बीच गुप्त संबंध हैं. इसलिए इस तरह के बयान सामने आ रहे हैं.

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CPM Backlashes
CPM के बयान की आलोचना हो रही है. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
26 फ़रवरी 2025 (Published: 10:52 AM IST)
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अप्रैल महीने में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPM) की 24वीं ‘पार्टी कांग्रेस मीटिंग’ होनी है. इससे पहले पार्टी ने अपने राज्य की इकाईयों को इस बैठक के लिए एक ड्राफ्ट नोट भेजा है. इस नोट पर कांग्रेस और CPI ने सवाल उठाए हैं. दरअसल, इस नोट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को ‘फासिस्ट’ या ‘नियो-फासिस्ट’ नहीं बताया गया है.

फासिज्म (फासीवाद) और नियो-फासिज्म (नव-फासीवाद) का मतलब है, ऐक ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें तानाशाही, राष्ट्रवाद, और विरोधियों को कुचलने की प्रवृत्ति हो. दोनों में अंतर ये है कि फासिज्म में सीधे सैन्य बल और हिंसा का इस्तेमाल होता है, जबकि नियो-फासिज्म इसका आधुनिक रूप है. इसमें लोकतंत्र और आधुनिक मीडिया का उपयोग कर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाया जाता है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के ड्राफ्ट नोट में लिखा है,

हम ये नहीं कह रहे हैं कि मोदी सरकार फासिस्ट’या नियो-फासिस्ट सरकार है. न ही हम भारत को ‘नियो-फासिस्ट’ स्टेट के रूप में परिभाषित कर रहे हैं. हम इस बात पर जोर दे रहे हैं कि RSS की राजनीतिक शाखा भाजपा के 10 सालों के लगातार शासन के बाद, भाजपा-RSS ने सरकार और नीतियों पर अपना कंट्रोल स्थापित कर लिया है. इसके कारण (उनकी सरकार में) ‘नियो-फासिस्ट गुण’ दिखे हैं.

CPM इससे पहले भाजपा और RSS पर फासिस्ट एजेंडा चलाने के आरोप लगा चुकी है. CPM के पूर्व महासचिव सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार और फासीवाद को एक जैसा बताया था. पार्टी का ये ड्राफ्ट उनके पिछले रुख से अलग है. इस बात को लेकर जब कांग्रेस और CPI ने सवाल उठाए तो CPM ने अपना बचाव किया है. पार्टी के केंद्रीय समिति के सदस्य एके बालन ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया,

हमारे आकलन में कभी भी पार्टी ने भाजपा सरकार को फासीवादी शासन नहीं कहा है. हमने कभी नहीं कहा कि फासीवाद आ गया है. एक बार जब फासीवाद हमारे देश में पहुंच जाएगा, तो राजनीतिक ढांचा बदल जाएगा. 

उन्होंने अन्य वामपंथी दलों से तुलना करते हुए कहा कि CPI और CPI(ML) का मानना ​​है कि फासीवाद आ गया है. मलयालम समाचार पोर्टल मध्यमम की एक रिपोर्ट के अनुसार, बालन ने ये भी पूछा कि क्या सच में भारत में फासिज्म आ चुका है.

क्लासिकल फासिज्म और नियो-फासिज्म का अंतर

CPM ने क्लासिकल फासिज्म और नियो-फासिज्म के अंतर की भी बात की है. उन्होंने कहा,

क्लासिकल फासिज्म उस दौर में उभरा जब बड़े-बड़े साम्राज्य आपस में लड़ रहे थे. वहीं, नियो-फासिज्म आज की दुनिया में विकसित हुआ है, जो बाजारवादी अर्थव्यवस्था (नियो-लिबरलिज्म) की असफलताओं और संकट से पैदा हुआ है.

CPM के अनुसार, नियो-फासिज्म लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के अंदर रहकर तानाशाही प्रवृत्तियों को बढ़ावा देता है, जबकि क्लासिकल फासिज्म में सीधे चुनावी प्रणालियों को ही खारिज कर दिया जाता था.

"CPM मतलब व्यापार"

राष्ट्रीय स्तर पर CPM, CPI और कांग्रेस का गठबंधन है. लेकिन केरल में स्थिति अलग है. वहां CPM और CPI सत्तारूढ़ LDF गठबंधन का हिस्सा हैं, जबकि कांग्रेस विपक्ष की UDF गठबंधन का नेतृत्व कर रही है.

CPM के रुख में आए बदलाव पर लेखक तुषार गांधी ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा,

CPM की केरल इकाई मोदी सरकार को फासिस्ट कहने से इनकार करती है. क्या CPM केरल में RSS के स्वागत के लिए रेड कार्पेट बिछा रही है? क्या लाल रंग अब भगवा में बदल रहा है?

वहीं, केरल की कांग्रेस इकाई ने X पर लिखा,

CPM का वास्तविक मतलब है, व्यापार! केरल में भाजपा के साथ गुप्त लेन-देन के कारण ये ‘कम्युनिस्ट जनता पार्टी’ (CJP) कहला रही है. ये भाजपा के फासीवादी शासन को सफेद कर रही है. जो लोग धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाए रखने के लिए CPM पर भरोसा करते थे, वो इससे निराश होंगे. ये CPM के अंत का संकेत देता है और देश में बड़े विपक्ष के बीच उनकी जगह लगभग समाप्त हो जाएगी. INDIA गठबंधन और देश का विपक्ष भाजपा-RSS जैसे फासीवादियों के खिलाफ वैचारिक लड़ाई लड़ता है. ऐसे अवसरवादियों के बिना ही ये लड़ाई बेहतर होगी जिनके पास कोई वैचारिक स्पष्टता या बुनियादी राजनीतिक ईमानदारी नहीं है.

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने आरोप लगाया कि ये नया ड्राफ्ट नोट बताया है कि CPM और भाजपा के बीच कुछ गुप्त संबंध हैं. उन्होंने कहा,

केरल में CPM ने हमेशा फासीवाद का साथ दिया है. इसने संघ परिवार का भी साथ दिया. अब इस संबंध को बनाए रखने के लिए उन्होंने एक नया दस्तावेज पेश किया है. इसमें कहा गया है कि मोदी सरकार फासीवादी नहीं है. ये मोदी और संघ के साथ हाथ मिलाने, और उनके सामने CPM के आत्मसमर्पण के कारण हुआ है.

CPI ने भी अपने सहयोगी दल CPM के इस फैसले की आलोचना की है. उन्होंने CPM से इस रुख में सुधार की मांग की है. CPI के केरल राज्य सचिव बिनॉय विश्वम ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि RSS एक फासीवादी संगठन है. RSS के तहत मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार वास्तव में एक फासीवादी सरकार है. उन्होंने कहा कि CPM को अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करना होगा.

वीडियो: 30 हज़ार घर बनवाने वाले CPM नेता, PM Modi के मंच पर गए तो पार्टी नाराज़ हो गई

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