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माली में 5 भारतीय नागरिकों का अपहरण, अब तक किसी भी आतंकी संगठन ने नहीं ली जिम्मेदारी

Five Indians Kidnapped In Mali: कुछ हथियारबंद लोगों ने गुरुवार 6 नवंबर को वेस्ट माली के कोबरी के पास इन भारतीयों का अपहरण किया. ये भारतीय एक ऐसी कंपनी में काम करते थे जो इलाके में बिजली से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है.

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Mali Five Indian Involved In Local Electrification Projects kidnapped By Armed Men
बेहद खराब हालात से जूझ रहा है वेस्ट अफ्रीका का देश माली. (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
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रिदम कुमार
8 नवंबर 2025 (Updated: 8 नवंबर 2025, 03:18 PM IST)
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वेस्ट अफ्रीका के देश माली में 5 भारतीयों का अपहरण हो गया है. जिस कंपनी में ये भारतीय काम करते थे उसके अधिकारियों ने शनिवार को अपहरण की पुष्टि की. फिलहाल किसी भी आतंकी संगठन ने भारतीयों के अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है और वे कहां है, किस हालत में हैं, इसे लेकर भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है.

ये भारतीय वहां क्या काम करते थे?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ हथियारबंद लोगों ने गुरुवार 6 नवंबर को वेस्ट माली के कोबरी इलाके के पास इन भारतीयों का अपहरण किया. एक सुरक्षा सूत्र ने बताया कि वे लोग एक ऐसी कंपनी में काम करते थे जो इलाके में बिजली से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है.

कंपनी के एक प्रतिनिधि ने न्यूज एजेंसी AFP को बताया कि पांच भारतीयों का अपहरण हुआ है. अन्य सभी भारतीय कर्मचारियों को राजधानी बमाको पहुंचा दिया गया है. अभी तक किसी भी समूह ने अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है. उधर, खबर लिखे जाने तक भारतीय विदेश मंत्रालय और माली में मौजूद भारतीय दूतावास की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

पहले भी हो चुके हैं अपहरण

वहीं, माली में कई विदेशी नागरिकों का पहले भी अपहरण हो चुका है. इस साल सितंबर में आतंकी संगठन जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन (JNIM) के लड़ाकों ने बमाको के पास दो UAE नागरिकों और एक ईरानी नागरिक का अपहरण कर लिया था. लगभग 5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की फिरौती देने के बाद उन्हें पिछले हफ्ते रिहा किया गया.

बता दें कि माली में सेना का शासन है. यह देश कई सालों से अस्थिरता और बढ़ते आतंकवादी हिंसा का सामना कर रहा है. अलकायदा से जुड़े JNIM ने हाल ही में देश में ईंधन की सप्लाई रोक दी है. इसकी वजह से गंभीर आर्थिक संकट और बढ़ गया है. 2012 से लगातार तख्तापलट और कथित ‘जिहादी’ हमलों ने देश के नियंत्रण को कमजोर कर दिया है.

JNIM की शुरुआत 2012 में तुआरेग विद्रोह से हुई थी. तब से यह समूह धीरे-धीरे उत्तर माली से देश के मध्य और फिर बुर्किना फासो और नाइजर तक फैल गया. माली के सैन्य नेता असिमी गोइता ने इस विद्रोह को खत्म करने का वादा किया था. लेकिन फ्रांस और अमेरिका के साथ रक्षा संबंध तोड़ने और रूस की ओर रुख करने के उनके फैसले को ज्यादा सफलता नहीं मिली.

JNIM ने लागू किए सख्त आदेश

हालांकि बमाको अभी भी सरकार के नियंत्रण में है. लेकिन JNIM के राजधानी की ओर बढ़ने का डर माली के लोगों में चिंता पैदा कर रहा है. जिन क्षेत्रों में यह समूह मजबूत है, वहां उसने सख्त नियम लागू कर दिए हैं. लोगों की आवाजाही पर पाबंदी और सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं को हिजाब पहनने का आदेश तक जारी कर दिया है.

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